देहरादून: देश में वन्यजीवों के लिए सबसे सुरक्षित माने जाने वाले राजाजी नेशनल पार्क (rajaji national park) से बाघ गायब (tigress missing) हो रहे हैं. ताजा मामला उस बाघिन का है, जिसे हाल ही में कॉर्बेट नेशनल पार्क (Corbett National Park) से राजाजी में लाया गया था. हैरानी की बात यह है कि पिछले लंबे समय से इस बाघिन को ट्रैक नहीं किया जा सका है. जिम्मेदार अधिकारियों को कई दिनों बाद जाकर इसकी जानकारी दी गई.
उधर बाघिन के लापता होने के बावजूद राजाजी नेशनल पार्क के निदेशक साकेत बडोला ट्रेनिंग के लिए विदेश रवाना हो चुके हैं. ये मामला इसलिए और भी ज्यादा गंभीर हो जाता है, क्योंकि राजाजी नेशनल पार्क में इससे पहले भी एक बाघ लापता हो चुका है. जिसका सुराग आज तक नहीं लगाया जा सका.
कैसे बढ़ेगा बाघों का कुनबा: राजाजी नेशनल पार्क में बाघों का कुनबा बढ़ाने की योजना धराशाई हो गई है. इस प्रोजेक्ट के तहत कॉर्बेट नेशनल पार्क में बाघों की संख्या के कारण बढ़ रहे दबाव को कम करने के लिए राजाजी नेशनल पार्क में बाघों को शिफ्ट किया जाना था. लेकिन इस योजना के पहले ही चरण में वन विभाग की पोल खुल गई है.
10 करोड़ की लागत का प्रोजेक्ट: आपको बता दें कि करीब 10 करोड़ की लागत से कॉर्बेट के बाघों को राजाजी नेशनल पार्क में शिफ्ट किया जाना था. पहले चरण में 2 बाघ राजाजी में लाए जा चुके हैं. हैरानी की बात यह है कि इन दो बाघों में से एक बाघिन पिछले लंबे समय से लापता चल रही है. चौंकाने वाली बात यह है कि पिछले 6 महीने से बाघिन पर लगाया गया रेडियो कॉलर काम नहीं कर रहा है. 20 अगस्त को आखिरी बार वन विभाग के कैमरे में ट्रैप होने के बाद से ही इस बाघिन का पता नहीं चल पा रहा है.
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यह सब तब है जब राजाजी नेशनल पार्क में इस प्रोजेक्ट के कारण पहले ही बाघों को ट्रैक करने के लिए एक टीम गठित की गई है. लेकिन करोड़ों के इस प्रोजेक्ट पर वन विभाग की हीला हवाली के चलते पानी फिरता हुआ नजर आ रहा है. चीफ वाइल्ड लाइफ वार्डन समीर सिन्हा बाघिन के लापता होने के बाद भी विदेश जाने की तैयारी में लगे हुए हैं.
वन विभाग के अधिकारी राजीव धीमान को निदेशक का प्रभार दे दिया गया है. फिलहाल बाघिन को ढूंढने के लिए चार टीमें गठित कर दी गई हैं, इसमें हाथियों की 2 टीम भी लगाई गई हैं. उम्मीद की जा रही है कि यह बाघिन उत्तर प्रदेश की सीमा में भी जा सकती है. लिहाजा उत्तर प्रदेश के वन विभाग से भी संपर्क किया जा रहा है. खास बात यह है कि इस पूरे प्रकरण की जानकारी केंद्र में एनटीसीए को भी दे दी गई है. इस मामले पर मनोनीत वार्डन राजीव तलवार कहते हैं कि बाघिन को ढूंढने के लिए हर संभव प्रयास किए जा रहे हैं. लेकिन इतने बड़े जंगल में बाघिन को ढूंढना काफी मुश्किल दिखाई दे रहा है.
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पहले भी राजाजी से गायब हो चुका है बाघ: राजाजी नेशनल पार्क से बाघ के गायब होने का ये कोई पहला मामला नहीं है. अब से करीब दो साल पहले भी इसी तरह T वन नाम का बाघ राजाजी से गायब हो गया था. जिसका आज तक कोई भी सुराग नहीं लग पाया है. हालांकि वन विभाग ने तब भी बाघ के लापता होने को लेकर गुमराह करने की कोशिश की थी, लेकिन अब तक इसका कोई भी पता नहीं लगाया जा सका.
बाघ लापता और निदेशक चले ट्रेनिंग पर: राजाजी नेशनल पार्क से एक बाघिन लापता हो गई और पार्क के सबसे बड़े अफसर निदेशक साहब ट्रेनिंग के लिए विदेश चले गए हैं. राजाजी नेशनल पार्क के निदेशक साकेत बडोला पशु चिकित्सकों की 4 सदस्य टीम के साथ ट्रेनिंग पर गए हैं. इस मामले पर वन मंत्री सुबोध उनियाल कहते हैं कि निदेशक को उनकी अनुमति के बाद ही ट्रेनिंग के लिए भेजा गया है. हालांकि वह बताते हैं कि उन्हें भी बाघ के लापता होने की जानकारी 1 दिन पहले ही दी गई है.
राजाजी नेशनल पार्क में बाघों की संख्या क्षेत्रीय हिसाब से काफी कम है और इसी को देखते हुए वन विभाग यहां पर बाघों की संख्या बढ़ाने की कोशिश कर रहा था, लेकिन जिस तरह एक के बाद एक दो बाघ यहां से गायब हुए हैं वो अब इस प्रोजेक्ट पर सवाल खड़े कर रहा है. इसके बावजूद चीफ वाइल्ड लाइफ वार्डन जल्द 3 बाघ राजाजी नेशनल पार्क में लाने की बात कह रहे हैं.
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