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स्वामी चिदानन्द मुनि ने गंगा घाटों को किया साफ, स्वयंसेवकों के साथ चलाया अभियान

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Published : Nov 17, 2019, 10:44 PM IST

परमार्थ निकेतन के परमाध्यक्ष स्वामी चिदानंद सरस्वती ने 'स्वच्छता ही सेवा है' का संकल्प लेते हुए स्वच्छता अभियान चलाया. जिसमें सभी स्वयंसेवकों ने पूरे क्षेत्र को स्वच्छ और निर्मल बनाने का प्रयास किया. इस दौरान उन्होंने प्लास्टिक, गंदे कपड़े, घाटों पर जमीं रेत और नालों की सफाई की.

स्वामी चिदानन्द सरस्वती

ऋषिकेशः परमार्थ निकेतन के परमाध्यक्ष स्वामी चिदानंद सरस्वती ने स्वार्गाश्रम क्षेत्र, वानप्रस्थ और गंगा तटों पर स्वच्छता अभियान चलाया. इस दौरान स्वच्छता अभियान में परमार्थ गुरुकुल के ऋषिकुमार, विदेशी साधक, गंगा एक्शन परिवार के सदस्य और स्पर्श गंगा के 40 से ज्यादा लोगों ने भाग लिया और तीन घंटे सफाई की.

swami chidanand
स्वच्छता अभियान चलाते स्वामी चिदानंद सरस्वती.

स्वामी चिदानंद सरस्वती ने 'स्वच्छता ही सेवा है' का संकल्प लेते हुए स्वच्छता अभियान चलाया. जिसमें सभी स्वयंसेवकों ने पूरे क्षेत्र को स्वच्छ और निर्मल बनाने का प्रयास किया. इस दौरान उन्होंने प्लास्टिक, गंदे कपड़े, घाटों पर जमीं रेत और नालों की सफाई की.

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स्वर्गाश्रम क्षेत्र में स्वच्छता अभियान चलाते स्वामी चिदानंद सरस्वती.

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इस मौके पर स्वामी चिदानंद ने कहा कि युवा साथ दें तो हमारी गंगा को स्वच्छ और प्रदूषण मुक्त बनाने में देर नहीं लगेगी. सभी युवा अपने-अपने क्षेत्रों में जाकर अपनी-अपनी गली, मोहल्ले, गांव, नाले और नदियों को संभाल लें तो वह दिन दूर नहीं जब भारत, स्वच्छता का दर्शन पूरे विश्व को कराएगा.

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परमार्थ निकेतन के परमाध्यक्ष स्वामी चिदानंद सरस्वती ने स्वर्गाश्रम क्षेत्र में स्वच्छता अभियान चलाया.

इसके लिए सभी लोगों को स्वच्छता से जुड़ना होगा और दूसरों को भी जोड़ना होगा. उन्होंने कहा कि स्वच्छता के लिए आओ जुड़े और जोड़ें, देश में स्वच्छता को लाने के लिए यही मंत्र काम करेगा. भारत एक निरंतर प्रगतिशील राष्ट्र है.

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ऐसे में सहस्राब्दी विकास लक्ष्य और सतत विकास को हासिल करना है तो स्वच्छता के उच्च मानदंडों को अंगीकार करना होगा. यह तभी संभव हो पाएगा, जब प्रत्येक भारतीय स्वच्छ भारत मिशन से जुडे़गा. स्वच्छता को जन आंदोलन के साथ मन आंदोलन भी बनाना होगा. तभी हम ऐतिहासिक और अप्रत्याशित बदलाव ला सकते हैं.

Intro:ऋषिकेश--परमार्थ निकेतन के परमाध्यक्ष स्वामी चिदानन्द सरस्वती ने परमार्थ गुरूकुल के ऋषिकुमार, अनेक विदेशी साधकों, गंगा एक्शन परिवार के सदस्यों और स्पर्श गंगा के 40 से अधिक लोगों के साथ मिलकर स्वर्गाश्रम क्षेत्र में स्वच्छता अभियान चलाया। सभी लोगों ने तीन घन्टे जमकर सफाई की।


Body:वी/ओ--इस स्वच्छता अभियान में विधिवत रूप से स्वार्गाश्रम क्षेत्र, वानप्रस्थ और गंगा तटों पर गहन स्वच्छता अभियान चलाया। स्वामी चिदानन्द सरस्वती ने ’स्वच्छता ही सेवा है’ का संकल्प कराया तत्पश्चात सभी स्वयंसेवक पूरे क्षेत्र को स्वच्छ एवं निर्मल बनाने में जुट गये। प्लास्टिक, गंदे कपड़े, घाटों पर जमी रेत और नालों की सफाई की।स्वामी चिदानन्द ने कहा कि अगर युवा खड़े हो गये तो हमारी गंगा को स्वच्छ और प्रदूषण मुक्त बनाने में देर नहीं लगेगी। सभी युवा अपने-अपने क्षेत्रों में जाकर अपनी-अपनी गली, मोहल्ले, गांव, नाले और नदियों को सम्भाल लें तो वह दिन दूर नहीं जब भारत, स्वच्छता का दर्शन पूरे विश्व को करा पायेगा इसके लिये हमें जुड़ना होगा और दूसरों को भी जोड़ना होगा। उन्होने कहा कि स्वच्छता के लिये आओ जुड़े और जोड़े, देश में स्वच्छता को लाने के लिये यही मंत्र काम करेगा।  


Conclusion:वी/ओ--भारत एक निरन्तर प्रगतिशील राष्ट्र है परन्तु उसे सहस्राब्दी विकास लक्ष्य एवं सतत विकास को हासिल करना है तो स्वच्छता के उच्च मानदंडों को अंगीकार करना होगा और यह तभी सम्भव है जब प्रत्येक भारतीय स्वच्छ भारत मिशन से जुडेगा। स्वामी चिदानन्द ने कहा कि ’स्वच्छता वह गहना है जिसके बिना पृथ्वी का सारा श्रृंगार अधूरा है। स्वच्छता को जन आंदोलन के साथ मन आंदोलन भी बनाना होगा तभी हम ऐतिहासिक और अप्रत्याशित बदलाव ला सकते है। स्वच्छता ही सेवा है एवं स्वच्छता ही हमारा संस्कार बने।’
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