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पानी की शुद्धता मामले में 12वें पायदान पर दून, CM और शहरी विकास मंत्री ने दी सफाई

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Published : Nov 17, 2019, 6:03 PM IST

Updated : Nov 17, 2019, 9:04 PM IST

पानी की गुणवत्ता की रिपोर्ट के मुताबिक, मुंबई जैसी मेट्रो सिटी पानी की अच्छी गुणवत्ता के मामले में सबसे टॉप पर है. जबकि, देहरादून का नंबर 12वें स्थान पर है. देहरादून की बात करें तो देहरादून के राजपुर रोड, आईएसबीटी, नेहरू कॉलोनी, रायपुर, घंटाघर, पटेल नगर, निरंजनपुर, हरिद्वार बाईपास, सहस्रधारा रोड ओर रिस्पना के साथ कई स्थानों से पानी के सैंपल लिए गए थे. जिनमें से 10 जगहों की पानी के सैंपल फेल हो गए हैं.

water samples

देहरादूनः भारतीय मानक ब्यूरो की जांच में देश के कई शहरों से लिए पानी के नमूने फेल हो गए. सरकार की ओर से जारी 21 शहरों की सूची पर गौर करें तो कई शहरों में पानी की गुणवत्ता बेहद खराब है. जिसमें पानी की शुद्धता के मामले में राजधानी दिल्ली आखिरी पायदान पर है. वहीं, उत्तराखंड की राजधानी देहरादून इस सूची में 12वें स्थान पर है. जो बेहद चिंता का विषय है. इतना ही नहीं देहरादून के 10 अलग-अलग क्षेत्रों का पानी पीने लायक तक नहीं है. जो पूरी तरह से प्रदूषित है. उधर, मामले पर सीएम त्रिवेंद्र सिंह रावत ने सफाई देते हुए कहा कि रिपोर्ट का परीक्षण किया जाएगा.

पानी की शुद्धता मामले में 12वें पायदान पर देहरादून.

बता दें कि, शनिवार को भारतीय मानक ब्यूरो की ओर से पानी की गुणवत्ता पर तैयार रिपोर्ट को केंद्रीय खाद्य एवं उपभोक्ता मामलों के मंत्री रामविलास पासवान ने जारी किया था. जिसमें पानी की गुणवत्ता को 10 मानकों पर परखा गया था. रिपोर्ट के मुताबिक, दिल्ली में नल के पानी से लिए गए 11 नमूने सभी 10 मानकों पर फेल हो गए. जबकि, दिल्ली के अलावा 20 अन्य शहरों से भी नमूने लिए गए थे.

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पानी की गुणवत्ता की रिपोर्ट के मुताबिक, मुंबई जैसी मेट्रो सिटी पानी की अच्छी गुणवत्ता के मामले में सबसे टॉप पर है. जबकि, देहरादून का नंबर 12वें स्थान पर है. जो दिल्ली जैसे मेट्रो सिटी के महज तीन पायदान नीचे हैं. देहरादून की बात करें तो देहरादून के राजपुर रोड, आईएसबीटी, नेहरू कॉलोनी, रायपुर, घंटाघर, पटेल नगर, निरंजनपुर, हरिद्वार बाईपास, सहस्रधारा रोड ओर रिस्पना के साथ कई स्थानों से पानी के सैंपल लिए गए थे. जिनमें से 10 जगहों की पानी के सैंपल फेल हो गए हैं.

मामले पर सीएम त्रिवेंद्र सिंह रावत का कहना है कि इस रिपोर्ट को उन्होंने देखा है, वे इसका परीक्षण करेंगे. उधर, शहरी विकास मंत्री मदन कौशिक ने सफाई देते हुए कहा कि ऐसा नही हैं कि पानी पीने लायक नहीं है, उन्होंने कुछ हिस्से के आधार पर रिपोर्ट तैयार की है. उनका कहना है कि स्टोन की बात करें तो पूरे गंगा के किनारे शहर में होगा. कुछ हिस्सों पर काम किया जा रहा है. ऐसे में कोई कमी है तो उसे दूर किया जाएगा. सरकार की कोशिश है कि उत्तराखंड का पानी स्वच्छ हो.

शुद्ध पानी वाले शहरों की रैंकिंग

  1. मुंबई
  2. हैदराबाद
  3. भुवनेश्वर
  4. रांची
  5. रायपुर
  6. अमरावती
  7. शिमला
  8. चंडीगढ़
  9. तिरुअनंतपुरम
  10. पटना
  11. भोपाल
  12. गुवाहटी
  13. बेंगलुरु
  14. गांधीनगर
  15. लखनऊ
  16. जम्मू
  17. जयपुर
  18. देहरादून
  19. चेन्नई
  20. कोलकाता
  21. दिल्ली
Intro:21 शहरों से पानी के अलग अलग जगहों से सेम्पल लिए गए थे जिनकी रिपोर्ट के तथ्य जो सामने आए वह बड़े ही चौकाने वाले है।पीने लायक पानी की बात की जाए तो देहरादून सहित 21 शहरों से अलग अलग जगहों के सैम्पल लिए गए थे।मुंबई से लिये गए सैम्पल में कोई भी सैम्पल फेल नही हुआ है।जिससे मुम्बई का पानी पीने के लिए उपयुक्त है वही देहरादून की बात करे तो देहरादून के अलग अलग क्षेत्रो से पानी के सैम्पल लिए गए थे जिनमें से 10 सैम्पल पानी के फैल हो गए है।देहरादून का 10 अलग अलग क्षेत्रो का पानी पीने लायक नही है पूरी तरह से प्रदुषित है।वही सीएम ने सफाई दी कि रिपोर्ट का परीक्षण किया जाएगा।


Body:केंद्रीय खाद्य एवं उपभोक्ता मामलों के मंत्री रामविलास पासवान ने पानी की गुणवत्ता की रिपोर्ट के मुताबिक मुंबई जैसी मेट्रो सिटी पानी की अच्छी गुणवत्ता के मामले में सबसे टॉप पर है जबकि देहरादून का नंबर 12वीं स्थान पर है जो दिल्ली जैसे सिटी मेट्रो सिटी के महज तीन पायदान नीचे हैं।देहरादून में राजपुर रोड,आईएसबीटी,नेहरू कॉलोनी,रायपुर,घंटाघर,पटेल नगर, निरंजनपुर,हरिद्वार बाईपास,सहस्रधारा रोड ओर रिस्पना के साथ कई स्थानों से पानी के सैम्पल भेजे गए थे।
देहरादून के बात करें तो देहरादून के अलग-अलग क्षेत्रों से पानी के सेम्पल के लिए गए थे जिनमें से 10 सैंपल जगह के पानी के सैम्पल फेल हो गए उन 10 अलग-अलग क्षेत्रों का पानी पीने लायक नहीं है पूरी तरह से प्रदूषित है।अब आप अंदाजा लगा सकते हैं कि राज्य सरकार राजधानी में ही पीने लायक पानी उपलब्ध नहीं करवा पा रही है तो पूरे प्रदेश का क्या हाल होगा।



Conclusion:सीएम त्रिवेंद्र सिंह रावत ने सफाई देते हुए कहा कि यह रिपोर्ट हमने पढ़ी है और इसका परीक्षण करेगे।वही शहरी विकास मंत्री ने सफाई देते हुए कहा कि ऐसा नही हैं कि पानी पीने लायक नही है,उन्होंने कुछ हिस्से के आधार पर रिपोर्ट तैयार की है।अगर हम स्टोन की बात करे तो पूरे गंगा के किनारे शहर में होगा।कुछ हिस्सों पर हम काम करे है और कोई कमी है तो उसको दूर करेगे।हमारी कोशिश है कि उत्तराखंड का पानी निश्चित रूप से काफी अच्छा हो।

बाइट-त्रिवेंद्र सिंह रावत(सीएम)

बाइट-मदन कौशिक(शहरी विकास मंत्री)

बाइट ओर विसुल मेल किये है,मेल से उठाने
Last Updated : Nov 17, 2019, 9:04 PM IST
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