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उत्तराखंडः मिड डे मील चाहिए तो आना होगा स्कूल, शिक्षा सचिव ने किया बड़ा बदलाव

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Published : Feb 15, 2021, 12:32 PM IST

mid day meal
mid day meal

यदि छात्र-छात्राओं को मिड डे मील योजना का लाभ लेना है तो उन्हें अनिवार्य रूप से स्कूल आना होगा.

देहरादूनः बीती 8 फरवरी से प्रदेश भर में कक्षा 6 से लेकर 11वीं तक के छात्रों के लिए स्कूल खोल दिए गए हैं. ऐसे में प्रदेश के सरकारी स्कूलों में पढ़ने वाले छात्र-छात्राओं के लिए शिक्षा विभाग की ओर से व्यवस्था में एक बड़ा बदलाव किया गया है.

शिक्षा सचिव आर मीनाक्षी सुंदरम की ओर से जारी आदेश में यह साफ किया गया है यदि छात्र-छात्राओं को मिड डे मील योजना का लाभ लेना है तो उन्हें अनिवार्य रूप से स्कूल आना होगा. ऐसे में कक्षा 6 से आठवीं तक के छात्रों को अब कुकिंग कॉस्ट का पैसा नहीं दिया जाएगा. वहीं, कक्षा पांचवी और इससे नीचे के छात्रों को स्कूल खुलने तक कुकिंग कास्ट का पैसा मिलता रहेगा.

गौरतलब है कि कोरोना संक्रमण के खतरे के बीच जब पिछले 11 महीनों से स्कूल बंद चल रहे थे, तब शिक्षा विभाग की ओर से मिड डे मील का लाभ लेने वाले छह लाख से ज्यादा छात्र-छात्राओं को हर दिन प्रति बच्चे के हिसाब से कुकिंग कॉस्ट उनके खातों में या कैश के तौर पर दिया जा रहा था. वहीं, छात्रों को स्कूल बुलवाकर चावल वितरित किए जा रहे थे, लेकिन अब कक्षा 6 से लेकर आठवीं तक के छात्रों को मिड डे मील का लाभ लेने के लिए अनिवार्य रूप से स्कूल ही आना पड़ेगा.

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हालांकि कुछ अभिभावक शिक्षा विभाग के इस फैसले का विरोध भी कर रहे हैं. लेकिन शिक्षा विभाग की ओर से इस फैसले को लेकर यह तर्क दिया जा रहा है कि स्कूल में दौरे व्यवस्था लागू कर पाना संभव नहीं हो पाएगा. इसीलिए मिड डे मील का लाभ लेने के लिए अब बच्चों को अनिवार्य रूप से स्कूल ही आना पड़ेगा.

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