उत्तराखंड चुनावों में गेम चेंजर हैं एससी/एसटी वोटर्स, लुभाने में जुटी बीजेपी, कांग्रेस ने साधा निशाना
Published: Nov 20, 2023, 7:37 PM


उत्तराखंड चुनावों में गेम चेंजर हैं एससी/एसटी वोटर्स, लुभाने में जुटी बीजेपी, कांग्रेस ने साधा निशाना
Published: Nov 20, 2023, 7:37 PM

Voting Equation Uttarakhand Lok Sabha Election उत्तराखंड में 20 फीसदी एससी/एसटी वोटर हैं. ये वोटर चुनावों में किसी भी राजनीतिक दल का गणित बिगाड़ सकते हैं. ऐसे में एससी/एसटी वोटर्स को लुभाने के लिए बीजेपी-कांग्रेस ने अभी से प्रयास करने शुरू कर दिये हैं. इसके लिए जल्द ही भाजपा एससी/एसटी सम्मेलन करने जा रही है.
देहरादून: उत्तराखंड में आगामी लोकसभा चुनाव की तैयारियां जोरों पर हैं. सभी राजनीतिक दल अपने अलग-अलग वर्गों के मतदाताओं को लुभाने में लगे हुए हैं. उत्तराखंड के राजनीतिक समीकरणों की बात करें तो अनुसूचित जाति और अनुसूचित जनजाति के लोगों की चुनाव में बड़ी अहम भूमिका रहने वाली है. उत्तराखंड में कुल 20 फीसदी एससी/एसटी वोटर हैं. जिसके कारण इनकी महत्ता और बढ़ जाती है. इसे देखते हुए लगातार उत्तराखंड में इन वोटरों को अपनी तरफ करने में राजनीतिक दल जुटे हुए हैं.
पिछले चुनाव में उत्तराखंड में कुल मतदाताओं में से 19 फ़ीसदी से ज्यादा ST/SC वोटर थे. विधानसभा सीटों के समीकरण को देखें तो उत्तराखंड में कुल 70 विधानसभा सीट हैं. जिसमें से 14 अनुसूचित जाति और दो अनुसूचित जनजाति के लिए रिजर्व रखी गई हैं. अनुसूचित जाति और जनजाति के लोगों के उत्थान की अगर बात की जाए तो लगातार प्रदेश में ST और SC समुदाय के के खिलाफ होने वाली घटनाएं देखने को मिलती हैं.
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राज्य में उत्पीड़न के आंकड़े: आरटीआई की एक सूचना के अनुसार पिछले तीन सालों में अनुसूचित जाति और जनजाति उत्पीड़न के कुल 360 मामले दर्ज किये गये हैं. इन मामलों में साल 2020 में 111, 2021 में 130 और 2022 में 119 मुकदमे दर्ज हुए. वहीं भौगोलिक परिक्षेत्र में बात करें तो गढ़वाल के 7 जिलों में 206 मुकदमे और कुमाऊं के 6 जिलों में 154 मामले एसटी और एससी उत्पीड़न के खिलाफ हुए हैं.
कांग्रेस ने भाजपा पर लगाये गंभीर आरोप: कांग्रेस ने भाजपा पर वोटों की राजनीति करने का आरोप लगाया. कांग्रेस का मानना है केवल अनुसूचित जाति और जनजाति के लोगों का वोट पाने के लिए भाजपा तमाम तरह के पर प्रपंच रच रही है. हकीकत यह है कि भाजपा ने इन वर्गों को दी जाने वाली तमाम योजनाओं में कटौती की है. कांग्रेस ने कहा प्रदेश में बेलड़ा हत्याकांड सहित कई ऐसी घटनाएं हुई हैं, जिन्होंने उत्तराखंड में अनुसूचित जाति और जनजाति के खिलाफ उत्पीड़न के मामलों को हवा दी.
भाजपा करेगी एससी/एसटी सम्मेलन: वहीं, दूसरी तरफ भाजपा प्रदेश महामंत्री आदित्य कोठारी ने कहा कि वह प्रदेश में निम्न वर्ग के लोगों के उत्थान के लिए लगातार काम कर रहे हैं. कोठारी ने बताया भाजपा आगामी 30 नवंबर से लेकर के 3 दिसंबर तक गढ़वाल और कुमाऊं के अलग-अलग क्षेत्रों में ST और SC समाज से आने वाले जनप्रतिनिधियों को एक मंच पर लाने का काम करेगी. जिसमें इस समाज के प्रतिनिधियों के साथ ही समाज के लोगों को सरकार की तमाम योजनाओं की जानकारी के साथ उनकी फीडबैक भी लिया जाएगा.
प्रदेश में अनुसूचित जाति के खिलाफ हुई घटनाओं पर भाजपा ने अपना पक्ष स्पष्ट किया. भाजपा ने कहा निश्चित तौर से कुछ घटनाएं प्रदेश में हुई होंगी, लेकिन इन घटनाओं के बाद त्वरित कार्रवाई की गई. दोषियों को सजा देने का काम भाजपा सरकार ने किया है. भाजपा प्रदेश महामंत्री आदित्य कोठारी ने कहा कि भारत सरकार और राज्य सरकार ने अनुसूचित जाति और जनजाति के लोगों के लिए कई योजनाओं की शुरुआत की है.
