ETV Bharat / state

Bageshwar Bypolls Result: रसातल में गई यूकेडी, उपपा का भी सूपड़ा साफ, क्षेत्रीय दलों को मिले नोटा से भी कम वोट

author img

By ETV Bharat Uttarakhand Team

Published : Sep 8, 2023, 4:05 PM IST

Updated : Sep 8, 2023, 6:51 PM IST

Bageshwar by election 2023
बागेश्वर उपचुनाव में क्षेत्रीय दलों का सूपड़ा साफ

Bageshwar Bypoll 2023 Result बागेश्वर उपचुनाव में क्षेत्रीय पार्टियों को नोटा से भी कम वोट मिले. क्षेत्रीय पार्टियों में यूकेडी और उत्तराखंड परिवर्तन पार्टी को बागेश्वर की जनता से सिरे से नकार दिया है. बागेश्वर की जनता ने केंद्रीय दलों पर ही भरोसा जताया है. Regional parties in Bageshwar by election

देहरादून: बागेश्वर विधानसभा उपचुनाव का परिणाम घोषित हो गया है. यहां बीजेपी की पार्वती दास ने बंपर जीत हासिल की है. दूसरे नंबर पर कांग्रेस के बसंत कुमार रहे. बागेश्वर विधानसभा उपचुनाव में सीधे मुकाबला भाजपा और कांग्रेस के बीच रहा है. क्षेत्रीय दल बागेश्वर विधानसभा उपचुनाव में कहीं भी टिकते नजर नहीं आये. क्षेत्रीय दलों में यूकेडी के अर्जुन कुमार देव को महज 857 वोट मिले, जबकि उत्तराखंड परिवर्तन पार्टी को 268 वोटों से संतोष करना पड़ा.

क्षेत्रीय पार्टियों को मिले नोटा से भी कम वोट: उत्तराखंड से जुड़ी इन दोनों क्षेत्रीय पार्टियों की पकड़ का अंदाजा आप इस बात से लगा सकते हैं कि यहां इन दोनों पार्टियों के वोटों को अगर जोड़ भी दें तो भी ये नोटा के लिए दबने वाले बटन से कम हैं. बागेश्वर विधानसभा उपचुनाव में 1257 लोगों ने नोटा का बटन दबाया. जिससे पता चलता है कि क्षेत्रीय पार्टियां धरातल पर कितनी एक्टिव हैं.
पढ़ें- Bageshwar by election 2023: पार्वती की जीत पर बीजेपी खेमे में बंटी मिठाई, CM धामी ने बताया- मातृशक्ति की जीत

गिरता गया यूकेडी का ग्राफ: बता दें राज्य आंदोलन से निकली यूकेडी हर गुजरते चुनाव के साथ अपना आधार खोती जा रही है. साल 2002 के विधानसभा चुनाव में यूकेडी ने 70 सीटों में से 62 सीटों पर अपने उम्मीदवार उतारे थे. इनमें से महज चार सीटें ही यूकेडी जीत पाई थी. ये यूकेडी की आजतक की सबसे बड़ी जीत है. इसके बाद चुनाव दर चुनाव यूकेडी का प्रदर्शन गिरता रहा. इसके बाद 2007 में हुए विधानसभा चुनाव में यूकेडी ने 3 सीटें जीती. 2012 के विधानसभा चुनाव में यूकेडी ने एक, 2017 के चुनाव में यूकेडी को एक भी सीट नहीं मिली. इसके बाद साल 2022 के विधानसभा चुनाव में भी यूकेडी के हाथ निराशा लगी. उपचुनावों की अगर बात करें को आजतक किसी भी उपचुनाव में यूकेडी को जीत नहीं मिली.
पढ़ें- Bageshwar by election: बागेश्वर उपचुनाव में बीजेपी की पार्वती दास की जीत, कांग्रेस प्रत्याशी को 2405 वोटों से दी मात

नेताओं की महत्वकांक्षा जनाधार पर पड़ी भारी: उत्तराखंड में यूकेडी के जनाधार के गर्त में जाने का कारण नेताओं की महत्वकांक्षा रही. 2007 में यूकेडी ने भाजपा को समर्थन दिया. तब यूकेडी कोटे से दिवाकर भट्ट कैबिनेट मंत्री बने. 2012 के चुनावों में भी यूकेडी के एकमात्र विधायक प्रीतम सिंह पंवार ने कांग्रेस को समर्थन दिया. यूकेडी के कोटे से सरकार में मंत्री रहे. खास बात ये रही कि जो भी विधायक सरकारों में मंत्री बने उन्हें पार्टी से निष्कासित कर दिया गया. दिवाकर भट्ट को 2012 में पार्टी से निकाला गया. उसके बाद प्रीतम सिंह पंवार को भी पार्टी से निष्कासित कर दिया गया. यही वजह रही कि नेताओं की महत्वाकांक्षा और आपसी गुटबाजी की वजह से यूकेडी का जनाधार गिरता पर चला गया. इस बात को खुद नेता भी मानते हैं.

उपपा भी नहीं कर पाई कभी कोई कमाल: वहीं, उत्तराखंड के जनसरोकारों के मुद्दों को लेकर बनाई गई उत्तराखंड परिवर्तन पार्टी भी आजतक चुनाव में कोई कमाल नहीं कर पाई. राज्य आंदोलनकारी पीसी तिवारी के अध्यक्षता में बना ये क्षेत्रीय दल स्थानीय मुद्दों को लेकर अक्सर मुखर रहता है. ये दल पहाड़ की बात करता है. पहाड़ का पानी और पहाड़ी की जवानी को लेकर भी दल की स्पष्ट सोच है. इसके बाद भी आजतक उपपा जनता के दिलों में जगह नहीं बना पाई है.

Last Updated :Sep 8, 2023, 6:51 PM IST
ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.