दून अस्पताल में अव्यवस्थाओं के खिलाफ राष्ट्रवादी रीजनल पार्टी का प्रदर्शन, लगाए ये आरोप

दून अस्पताल में अव्यवस्थाओं के खिलाफ राष्ट्रवादी रीजनल पार्टी का प्रदर्शन, लगाए ये आरोप
Rashtrawadi Regional Party Leaders Protest उत्तराखंड क्रांति दल से अलग होकर बनी राष्ट्रवादी रीजनल पार्टी के पदाधिकारी और कार्यकर्ता अब स्थानीय मुद्दों को उठाने लगे हैं. इस बार आरआरपी से जुड़े लोगों ने राजकीय दून मेडिकल कॉलेज अस्पताल परिसर में प्रदर्शन किया. साथ ही दून अस्पताल में अव्यवस्था, डॉक्टरों के प्राइवेट में प्रैक्टिस और मरीजों को बाहर रेफर करने आदि के आरोप लगाए. वहीं, मेडिकल सुपरिटेंडेंट ने आरोपों की जांच करने की बात कही. Govt Doon Medical College Hospital Dehradun
देहरादूनः राजकीय दून मेडिकल कॉलेज अस्पताल में अव्यवस्थाओं के खिलाफ राष्ट्रवादी रीजनल पार्टी के कार्यकर्ता मुखर हो गए हैं. पार्टी से जुड़े पदाधिकारियों ने अस्पताल के गेट पर नारेबाजी कर जोरदार प्रदर्शन किया. इस दौरान प्रदर्शन स्थल पर डिप्टी कलेक्टर शालिनी नेगी ने पार्टी पदाधिकारियों और कार्यकर्ताओं के बीच जाकर ज्ञापन लिया. साथ ही उन्होंने मामले में कार्रवाई करने का आश्वासन दिया.
राष्ट्रवादी रीजनल पार्टी का आरोप: राष्ट्रवादी रीजनल पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष शिव प्रसाद सेमवाल का आरोप है कि दून अस्पताल के डॉक्टर दो अस्पतालों में तैनात हैं, इसके बावजूद प्राइवेट प्रैक्टिस में व्यस्त रहते हैं. ऐसे में उनकी यह लापरवाही मरीजों की जान पर भारी पड़ रही है. उन्होंने कुछ डॉक्टरों की ओर से मरीजों को बाहर की दवाई लिखे जाने का भी विरोध किया.
उन्होंने कहा कि अस्पताल परिसर में जन औषधि केंद्र मात्र शोपीस बनकर रह गया है. डॉक्टर मरीजों को जेनेरिक दवाई लिखने की बजाय ब्रांडेड दवाई लिख रहे हैं. प्रदर्शनकारियों ने इमरजेंसी में आए मरीजों को प्राइवेट अस्पतालों में रेफर करने का मामला भी उठाया. उनका आरोप था कि अस्पताल में बिचौलियों की वजह से मरीजों को निजी अस्पतालों में महंगा इलाज कराने के लिए मजबूर होना पड़ रहा है.
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राष्ट्रवादी रीजनल पार्टी के आरोपों पर क्या बोले मेडिकल सुपरिटेंडेंट: इधर, आरआरपी पार्टी कार्यकर्ताओं की ओर से किए गए प्रदर्शन को लेकर दून मेडिकल कॉलेज अस्पताल के सुपरिटेंडेंट डॉक्टर अनुराग अग्रवाल का कहना है कि प्रदर्शनकारियों का ये कहना बिल्कुल गलत है कि अस्पताल के डॉक्टर मरीजों को कहीं और रेफर कर रहे हैं. यदि ऐसा होता है तो मामले में उचित कार्रवाई की जाएगी.
उन्होंने कहा कि अस्पताल प्रबंधन की ओर से समय-समय पर डॉक्टरों को नोटिस जारी किए जाते हैं. उन्हें साफ कहा जाता है कि अनावश्यक रूप से मरीजों को रेफर न किया जाए. यदि अस्पताल प्रबंधन के पास कोई शिकायत आती है, तो इसका तत्काल संज्ञान लेकर जांच करवाई जाएगी.
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