इंटेलिजेंस ने पूर्व CM त्रिवेंद्र को किया था आगाह, फिर भी पहुंचे केदारनाथ और झेलनी पड़ी फजीहत

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Published : Nov 1, 2021, 5:34 PM IST

Updated : Nov 1, 2021, 8:32 PM IST

Uttarakhand Police Intelligence

ईटीवी भारत को जानकारी मिली है कि पुलिस इंटेलिजेंस ने पूर्व सीएम त्रिवेंद्र सिंह रावत को पहले आगाह कर दिया था कि केदारनाध धाम में बवाल हो सकता है. त्रिवेंद्र सिंह रावत ने इस जानकारी को नजरअंदाज कर दिया. इसका नतीजा ये रहा कि आज उन्हें पंडे-पुजारियों के भारी विरोध के कारण बिना दर्शन किए केदारनाथ से बैरंग लौटना पड़ा.

देहरादून: केदारनाथ धाम में तीर्थ पुरोहितों और पंडा समाज द्वारा पूर्व मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत को लौटने का मामला प्रदेश में चर्चा का विषय बना हुआ है. जानकारी मिल रही है कि पुलिस इंटेलिजेंस ने पहले ही त्रिवेंद्र सिंह रावत को आगाह किया था कि तीर्थ पुरोहित उनका विरोध कर सकते हैं. लेकिन इस जानकारी की परवाह न करते हुए पूर्व मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत केदारनाथ दर्शन के लिए पहुंच गए. वहां उनको तीर्थ पुरोहितों के भारी विरोध का सामना करना पड़ा.

पुलिस बनी मूकदर्शक: केदारनाथ धाम में तीर्थ पुरोहितों का पूर्व मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत के विरोध का वीडियो सोशल मीडिया पर जमकर वायरल हो रहा है. इस वीडियो में साफ तौर पर देखा जा रहा है, जिस वक्त त्रिवेंद्र सिंह रावत के खिलाफ अपमानजनक शब्दों का इस्तेमाल उनको वहां से हटाने के लिए किया जा रहा है, उस वक्त मौके पर खड़ी पुलिस मूकदर्शक बनी हुई है.

इंटेलिजेंस ने पूर्व CM त्रिवेंद्र को किया था आगाह

इस संबंध में ईटीवी भारत को मिली जानकारी के मुताबिक पूर्व मुख्यमंत्री के साथ हुए इस दुर्व्यवहार के मामले में प्रदर्शनकारियों के खिलाफ इसलिए कोई कार्रवाई नहीं की गई, क्योंकि 3 दिन बाद यानी 5 नवंबर को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी केदारनाथ दौरे पर आ रहे हैं. उससे पहले पुलिस कोई बखेड़ा नहीं खड़ा चाहती है. इसलिए पुलिस ने कोई एक्शन नहीं लिया.

पढ़ें- PM मोदी के दौरे से ठीक पहले केदारधाम में 'बवाल', तीर्थ पुरोहितों ने BJP नेताओं की एंट्री बैन की

उधर, इस मामले में मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा है कि उन्होंने देवस्थानम बोर्ड मामले में उच्च स्तरीय समिति का गठन किया है. समिति की अंतिम रिपोर्ट आनी बाकी है. समिति की अंतिम रिपोर्ट मिलते ही मामले का समाधान किया जाएगा. सीएम धामी ने पूर्व मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत के साथ हुई बदसलूकी वाले सवाल को नजरअंदाज करते हुए केवल देवस्थानम बोर्ड विवाद में कमेटी द्वारा निस्तारण का ही जिक्र किया.

लंबे समय से विरोध कर रहे हैं तीर्थ पुरोहित: चारों धामों के तीर्थ पुरोहित देवस्थानम बोर्ड को भंग करने की लंबे समय से मांग कर रहे हैं. तीर्थ पुरोहितों का कहना है कि धामी सरकार ने दो महीने का समय दिया था लेकिन सरकार ने उनके साथ वादाखिलाफी की है. ऐसे में पीएम मोदी के दौरे से ठीक पहले तीर्थ पुरोहितों ने केदारनाथ धाम में बीजेपी नेताओं की एंट्री पर बैन लगा दिया है.

5 नवंबर को पीएम मोदी का केदारनाथ दौरा: दीपावली के अगले दिन यानी 5 नवंबर को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी केदारनाथ दौरे पर आ रहे हैं. ऐसे में पीएम के दौरे की तैयारियों को लेकर तमाम बीजेपी नेता केदारनाथ धाम पहुंच रहे हैं. इस बीच तीर्थ पुरोहितों और पंडा समाज ने बीजेपी सरकार के खिलाफ ही मोर्चा खोल दिया है. उन्होंने केदारनाथ धाम में बीजेपी नेताओं की एंट्री पर बैन लगा दिया है.

Last Updated :Nov 1, 2021, 8:32 PM IST
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