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ऋषिकेश में होंगे G20 के दो प्रोग्राम, विपक्ष बोला- सिर्फ योग करने न आएं मेहमान, सरकार करे ये काम

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Published : Dec 21, 2022, 11:55 AM IST

Updated : Jan 2, 2023, 11:59 AM IST

G20 in Rishikesh
जी20 बैठक

भारत ने 1 दिसंबर 2022 को इंडोनेशिया से जी20 का अध्यक्ष पद ग्रहण किया. इसके बाद 2023 में पहली बार भारत जी20 देशों की शिखर बैठक (G20 Summit) आयोजित कर रहा है. 1 दिसंबर, 2022 से 30 नवंबर, 2023 तक के लिए G20 की अध्यक्षता भारत के अंतर्गत है. इस अध्यक्षता के दौरान देशभर में 200 से अधिक G20 बैठकों की मेजबानी होनी है. उत्तराखंड के ऋषिकेश में भी जी20 के दो कार्यक्रम हैं. बीजेपी जहां इन कार्यक्रमों की तैयारी में युद्ध स्तर पर जुटी है, वहीं विपक्ष को यकीन ही नहीं है कि यहां जी20 के कार्यक्रम हैं. क्या है माजरा पढ़िए ये रिपोर्ट.

ऋषिकेश में होंगे G20 के दो प्रोग्राम.

देहरादून: भारत के लिए यह गौरव की बात है कि जी20 बैठक की मेजबानी इस बार भारत कर रहा है. बताया जा रहा है कि भारत में लगभग 56 जगहों पर G20 से जुड़े आयोजन होने हैं. दुनिया भर के लोग भारत पहुंचेंगे और इसमें कोई दो राय नहीं है कि बैठक से भारत की एक अलग तस्वीर दुनिया भर में जाएगी. ऐसे में केंद्र सरकार और राज्य सरकार इस बैठक को सफल बनाने के लिए अभी से जुट गई हैं. बैठक का आयोजन साल 2023 में मई और जून महीने में किया जाएगा. खास बात यह है कि उत्तराखंड में भी जी20 बैठक के दो कार्यक्रम होने हैं. लेकिन कार्यक्रम होने से पहले ही विपक्ष ने सरकार पर सवाल खड़े कर दिए हैं.

G20 बैठक के लिए दिन रात मेहनत कर रही है बीजेपी: उत्तराखंड की सरकार और बीजेपी संगठन केंद्र सरकार से मिले आदेशों के बाद अभी से जी20 के आयोजन की तैयारी में जुट गई है. सरकार अपने स्तर से तैयारी कर रही है. साथ ही साथ बीजेपी के बूथ स्तर से लेकर जिले स्तर तक पदाधिकारियों को यह दिशा निर्देश दिए गए हैं कि ऋषिकेश (G20 meeting in Rishikesh) में होने जा रहे कार्यक्रमों में हर कार्यकर्ता को किसी ना किसी रूप से अपनी भागीदारी देनी है. इसके लिए बाकायदा प्रदेश अध्यक्ष और सह प्रभारी ने नेताओं को जिम्मेदारी सौंपना भी शुरू कर दिया है.

राज्य के पर्यटन और औद्योगिक निवेश के लिए महत्वपूर्ण जी20 बैठक: भाजपा के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष के साथ उत्तराखंड से प्रभारी रेखा वर्मा ने तो बाकायदा G20 आयोजन से जुड़ी बैठक लेनी भी शुरू कर दी हैं. इसमें राज्य भर के तमाम कार्यकर्ताओं को दिशा निर्देश दिए जा रहे हैं. रेखा वर्मा का कहना है कि उत्तराखंड जैसे छोटे से राज्य को जी20 (G20 Summit) की बैठक के लिए चुना जाना ही बेहद ऐतिहासिक पल है. बीजेपी इसे और भी ऐतिहासिक बनाने के लिए काम कर रही है. बीजेपी का मानना है कि जी20 के ये दो कार्यक्रम राज्य में पर्यटन और औद्योगिक निवेश के लिए बेहद महत्वपूर्ण साबित होंगे. रेखा वर्मा का कहना है कि यहां आने वाले मेहमानों का भव्य स्वागत किया जाएगा. मेहमानों को यहां की पारंपरिक वेशभूषा भेंट की जाएगी तो साथ ही यहां के व्यंजन भी परोसे जाएंगे.

विपक्षी दल जी20 बैठक को लेकर उठा रहे सवाल: बीजेपी इस कार्यक्रम को जहां ऐतिहासिक बनाने में अभी से जुट गई है, तो वहीं इस कार्यक्रम को लेकर विपक्षी दलों ने सवाल खड़े कर दिए हैं. विपक्ष के नेताओं को यह लगता है कि केंद्र सरकार, राज्य सरकार और राज्य का बीजेपी संगठन भी उत्तराखंड के लोगों को बरगलाने का काम कर रहे हैं. जबकि हकीकत कुछ और है. जी20 (G20 meeting in Rishikesh) के बहाने केंद्र और राज्य सरकारों पर उत्तराखंड के विपक्षी नेताओं ने हमला बोला है.

जुमला ना करे सरकार, योग से बैठक का कोई लेना देना नहीं- हरीश रावत: एक तरफ हरीश रावत इस बैठक को सिर्फ जुमला बता रहे हैं. वहीं दूसरी तरफ आम आदमी पार्टी के वरिष्ठ नेता और उपाध्यक्ष जोत सिंह बिष्ट भी सरकार पर आरोप लगा रहे हैं कि सरकार सिर्फ ध्यान भटकाने का काम कर रही है. हरीश रावत ने बीते दिनों ईटीवी भारत के कार्यक्रम में आकर इस मुद्दे को छुआ था. हरीश रावत ने कहा था कि जिस तरह से बीजेपी लगातार यह बात कह रही है कि जी-20 के यहां पर कार्यक्रम हो रहे हैं, वह सरासर गलत है.

जी20 बैठक को विपक्ष बता रहा है योग का सैर सपाटा: हकीकत यही है कि केंद्र सरकार यहां पर बाहर से आए हुए मेहमानों को सिर्फ योगा कराने के लिए ही लाएगी. उन्हें मिली जानकारी के अनुसार कोई बैठक या कोई भी मुद्दा यहां पर चर्चा का विषय नहीं होगा. हरीश रावत ने तो सीएम पुष्कर सिंह धामी पर हमला बोलते हुए यह तक कहा है कि अंतरराष्ट्रीय चर्चाओं का बाजार जब उत्तराखंड में गर्म होता है तो उन्हें अच्छा लगता है. लेकिन होना यह चाहिए कि उत्तराखंड जैसी धरती पर भी जी-20 की एक महत्वपूर्ण बैठक होनी चाहिए. तब जाकर उत्तराखंड को फायदा मिलेगा.

हरीश रावत ने सीएम धामी से कहा पहले सड़कों के गड्ढे भरें: हरीश रावत ने कहा कि योग नगरी ऋषिकेश अंतरराष्ट्रीय पटल पर पहले से ही काफी प्रचलित है. यहां पर लोग योग करने अक्सर आते हैं. अगर यहां पर बड़ा आयोजन होगा तो राज्य का विकास भी होगा और लोगों के जेहन में भी उत्तराखंड की एक अच्छी छवि जाएगी. हरीश रावत ने कहा है कि इस तरह की बातों को करने से पहले सीएम पुष्कर सिंह धामी राज्य की सड़कों के गड्ढों को भरने का काम करें. उन्होंने केंद्र और राज्य सरकार से आग्रह किया है कि यहां आने वाले लोगों के साथ चर्चा हो और वह चर्चा रिकॉर्ड में रहे.

जल जंगल और सीमाओं पर हो चर्चा -जोत सिंह: वहीं आम आदमी पार्टी के उपाध्यक्ष जोत सिंह बिष्ट ने तो केंद्र और राज्य सरकारों पर ही आरोप लगाया है कि वो ऐसा करके उन लोगों का ध्यान भटकाने का काम कर रही हैं. जी-20 की यहां पर बैठक होना पूरी तरह से झूठी बात है. यह सिर्फ जुमला है. यहां पर आकर वह लोग सिर्फ योग करेंगे और इसके अलावा कुछ नहीं होगा. बिष्ट ने कहा कि उत्तराखंड की सीमाएं दो देशों से मिलती हैं. इसलिए उन विषय पर चर्चा होनी चाहिए. यहां के जल जंगल पर चर्चा होनी चाहिए. यहां की हवा और अन्य मुद्दों पर चर्चा हो. डायलॉग हो, ऐसा ना हो की सिर्फ योग करो और फिर यहां से चले जाओ.
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बीजेपी और राज्य सरकार भले इस बैठक को लेकर दिन रात एक कर रही हों, लेकिन विपक्ष जिस तरह से बैठक को लेकर सवाल खड़े कर रहा है, इस बारे में भी सत्ता पक्ष को सोचना होगा कि कांग्रेस हो या अन्य कोई दल उन्हें मौक़ा ना दिया जाए. बरहाल बैठक में अभी समय भले ही हो लेकिन अभी ये वार और तकरार आगे और भी बढ़ेगी इसकी उम्मीद अधिक लग रही है.

Last Updated :Jan 2, 2023, 11:59 AM IST
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