Joshimath Update: बदरीनाथ जाने वाले रास्ते पर भी आई दरारें, खतरे के बीच होगी यात्रा?

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Published : Jan 23, 2023, 6:32 PM IST

Updated : Jan 23, 2023, 7:28 PM IST

Joshimath land subsidence

उत्तराखंड के जोशीमठ में संकट के बीच अब बदरीनाथ हाईवे पर भी दरारें आ गई हैं. इन दरारों ने स्थानीय लोगों की चिंता को और बढ़ा दिया है. वहीं, भू-धंसाव प्रभावितों को जरूरत पड़ने पर भराड़ीसैंण के विधायक हॉस्टल में ठहराया जा सकता है. भराड़ीसैंण में करीब 200 परिवारों को रखने की क्षमता है. यह जानकारी उत्तराखंड आपदा प्रबंधन सचिव रंजीत सिन्हा ने दी है.

देहरादून: जोशीमठ में संकट के बीच अब बदरीनाथ हाईवे पर भी दरारें आ गई हैं. इन दरारों ने स्थानीय लोगों की चिंता को और बढ़ा दिया है. उत्तराखंड आपदा प्रबंधन सचिव रंजीत सिन्हा का कहना है कि हेलंग मारवाड़ी बाईपास के निर्माण में वक्त लग सकता है. ऐसे में जोशीमठ नगर की सड़क से ही बदरीनाथ की यात्रा संचालित की जा सकती है.

बता दें कि, जोशीमठ में आपदा के हालातों को लेकर आपदा प्रबंधन सचिव रंजीत सिन्हा ने सचिवालय में प्रेस कॉन्फ्रेंस की. इस दौरान रंजीत सिन्हा ने बताया कि जोशीमठ में दरार वाले भवनों की संख्या में बढ़ोतरी नहीं हुई है. अभी तक 863 भवनों पर दरारें चिन्हित की गई है. हालांकि, पानी के डिस्चार्ज में बढ़ोतरी हुई है. इस समय 180 एलपीएम पानी डिस्चार्ज हो रहा है. वहीं, प्रभावितों के लिए व्यवस्था और बदरीनाथ यात्रा को लेकर भी उन्होंने जानकारी दी.

जरूरत पड़ी तो भराड़ीसैंण के हॉस्टल में होगी प्रभावितों के लिए व्यवस्थाः उत्तराखंड आपदा प्रबंधन सचिव रंजीत सिन्हा ने कहा कि आवश्यकता पड़ने पर भराड़ीसैंण के हॉस्टल में जोशीमठ के प्रभावितों को ठहराया जाएगा. वहां पर विधायक हॉस्टल और अन्य जो भवन बने हैं, उनमें प्रभावित परिवारों की सहमति से उन्हें ठहराया जाएगा. रंजीत सिन्हा ने जानकारी दी कि भराड़ीसैंण में करीब 200 परिवारों को शिफ्ट किए जाने की क्षमता है.

आपदा सचिव सिन्हा ने बताया कि अभी तक 261 परिवारों को अंतरिम तौर पर राहत धनराशि दी जा चुकी है. आपदा प्रभावितों के लिए प्रीफैबरीकेटेड भवनों को बनाने का काम भी शुरू कर दिया गया है. खुद मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी लगातार जोशीमठ के हालातों पर नजर बनाए हुए हैं. सीएम धामी ने आज अधिकारियों के साथ जोशीमठ को लेकर तमाम महत्वपूर्ण विषयों पर बातचीत की. जिसमें राहत पैकेज को लेकर भी बातचीत हुई. साथ ही प्रभावित परिवारों को भराड़ीसैंण में शिफ्ट किए जाने पर भी चर्चा हुई.
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हेलंग बाईपास काम की जांच कर रही आईआईटी रुड़कीः बता दें कि जोशीमठ आपदा की वजह से बदरीनाथ धाम की यात्रा इस वक्त सरकार के लिए बड़ी चुनौती बनी हुई है. ऐसे में बदरीनाथ के लिए हेलंग बाईपास का काम शुरू करने के लिए आईआईटी रुड़की पहले परीक्षण कर रही है. जिसके बाद ही इस पर निर्णय लिया जाएगा.

दरारों वाली सड़कों से गुजरेगी बदरीनाथ की यात्राः वहीं, आपदा प्रबंधन सचिव रंजीत कुमार सिन्हा ने बताया कि हेलंग बाईपास को बनने में कम से कम 2 साल का समय लगेगा. जिससे साफ है कि इस बार का यात्रा सीजन जोशीमठ से होकर ही गुजरेगा और यह यात्रा पूरी तरह से दरारों वाली सड़कों से होकर गुजरेगी.
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Last Updated :Jan 23, 2023, 7:28 PM IST
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