IFS संजीव चतुर्वेदी का दावा- लोकपाल में तैनाती हुई तो कई बड़े नेता जाएंगे जेल

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Published : Nov 23, 2019, 5:51 AM IST

भ्रष्टाचार के खिलाफ लड़ाई लड़ने वाले आईएफएस अधिकारी संजीव चतुर्वेदी ने केंद्रीय लोकपाल की अन्वेषण शाखा में प्रतिनियुक्ति मांगी है. इससे राज्य की सियासत एक बार फिर गरमा गई है.

देहरादून: भ्रष्टाचार के खिलाफ लड़ाई लड़ रहे आईएफएस अधिकारी संजीव चतुर्वेदी ने ईटीवी भारत के साथ खास बातचीत करते हुए सरकारी विभागों पर कई गंभीर सवाल उठाए हैं. चतुर्वेदी ने कहा कि मंत्रालयों के अंदर आने वाले विभागों में बड़े पैमाने पर भ्रष्टाचार हो रहा है. इसकी मूल जड़ वो किसी और को नहीं बल्कि राजनेता और कुछ अधिकारियों को ही मानते हैं.

इसी को लेकर उन्होंने बीते दिनों प्रधानमंत्री कार्यालय से आरटीआई (सूचना का अधिकार) के तहत कुछ जानकारी मांगी थी, लेकिन प्रधानमंत्री कार्यालय ने वो जानकारी देने से साफ इनकार कर दिया था. लेकिन बाद में सूचना आयोग उनके पक्ष में फैसला सुनाया और पीएमओ को सूचना देने के लिए कहा गया था.

ईटीवी भारत के साथ IFS संजीव चतुर्वेदी

चतुर्वेदी ने ईटीवी भारत को बताया कि उन्होंने पीएमओ से काले धन को लेकर कुछ जानकारियां मांगी थी. चतुर्वेदी ने पीएमओ से आरटीआई के तहत पूछा था कि देश को कितना काला धन मिला है और वो कितने लोगों को अबतक मिला. इसके अलावा उसको लाने और लोगों में बांटने के लिए क्या प्रयास किया है. हालांकि, अभी तक पीएमओ ने इससे संबंधित कोई भी जानकारी उन्हें नहीं दी.

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ईटीवी भारत से बात करते हुए चतुर्वेदी ने कहा कि भ्रष्टाचार बयानों और जुमलेबाजी से नहीं हटेगा. भ्रष्टाचार के खिलाफ निर्णायक कार्रवाई की जरूरत है. इसके लिए संकल्प शक्ति की जरूरत है. भ्रष्टाचार पर जल्द-जल्द से निर्णय आए इसके लिए फास्ट ट्रैक कोर्ट बनाने की जरूरत है. करप्शन के खिलाफ जो संस्थाएं काम कर रही हैं उनको भी मजबूत करने की जरूरत है.

चतुर्वेदी ने कहा कि उन्हें ये कहने में जरा भी संकोच नहीं कि आज भ्रष्टाचार को बढ़ावा देने के लिए एक माफिया तंत्र विकसित हो चुका है. भ्रष्टाचार से मुक्ति पाने के लिए हमे दूसरा युद्ध लड़ना होगा.

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लोकपाल में मांगी प्रतिनियुक्ति
चतुर्वेदी ने बताया कि भ्रष्टाचार के खिलाफ लड़ाई लड़ने के लिए उन्होंने लोकपाल की प्रतिनियुक्ति मांगी है. इसके लिए उन्होंने हरियाणा में किए गए अपने कामों को ब्यौरा भी लोकपाल की प्रतिनियुक्ति के लिए भेजा है. इसके साथ ही राष्ट्रपति ने चार बार उनके पक्ष में जो फैसला सुनाया था और एम्स में 200 से ज्यादा भ्रष्टाचार का मामला उजागर करने का ब्यौरा भी उन्होंने लोकपाल को भेजा है.

इसके अलावा चतुर्वेदी ने राष्ट्रपति से लेकर प्रधानमंत्री कार्यालय और तमाम संस्था जिन्होंने मुझे ईमानदारी से काम करने के लिए प्रेरित किया है वह सभी ब्यौरा उन्होंने लोकपाल को भेजा है, ताकि वो प्रतिनियुक्ति पर लोकपाल में तैनात होकर उन तमाम मामलों को सामने ला सके जो अब तक लोगों के सामने नहीं आए हैं.

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जेल जा सकते हैं कई बड़े राजनेता
चतुर्वेदी ने दावा किया है कि यदि लोकपाल में उनकी नियुक्ति होती है तो उनका पहला काम भ्रष्टाचार को बढ़ावा देने वाली राजनीतिक पार्टियां, उनके राजनेता और उच्च पदों पर बैठे अधिकारियों पर कार्रवाई करना होगा. यदि नेतागण जेल जाने लगेंगे तो उन्हें उम्मीद है कि देश से भ्रष्टाचार काफी हद तक खत्म किया जा सकता है.

परिवार का मिलता है साथ
भ्रष्टाचार के खिलाफ चतुर्वेदी जो लड़ाई लड़ रहे हैं, उस पर उनका परिवार क्या सोचता है और परिवार से उन्हें कितना सपोर्ट मिलता है. इस सवाल पर उन्होंने कहा कि उनके घर के बड़े आंदोलनकारी रहे हैं, जिन्होंने अंग्रेजों के खिलाफ लड़ाई लड़ी थी. इससे उन्हें शक्ति मिलती है. उनका परिवार, दोस्त और खास रिश्तेदार सभी इस काम के लिए उन्हें मोटिवेट करते है और उन्हें अच्छा लगता है कि वे ईमानदारी के साथ देश का सेवा कर रहे हैं.

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sanjeev chaturvedi -4- ek giroh hai jisme top neta adhikari or udyogpati samil hai




लोकपाल में तैनाती हुई तो जायेंगे कई बड़े नेता जेल में


भ्रष्टाचार के खिलाफ हल्ला बोल रहे संजीव चतुर्वेदी आईएफएस अधिकारी ने सरकारी विभाग में तैनात होते हुए भी सरकारी विभागों पर बड़े गंभीर सवाल उठाए हैं ईटीवी भारत से खास बातचीत करते हुए संजीव चतुर्वेदी ने बताया कि मौजूदा समय में हर विभाग के अंदर हर मंत्रालय के अंदर भ्रष्टाचार बड़े पैमाने पर हो रहा है और इनकी मूल जड़ कोई और नहीं बल्कि राजनेता और कुछ अधिकारी  भी हैं इसी को लेकर उन्होंने बीते दिनों प्रधानमंत्री कार्यालय से कुछ सूचना मांगी थी जिसके जवाब में प्रधानमंत्री कार्यालय ने उन सूचनाओं के जवाब देने से साफ इनकार कर दिया था लेकिन बाद में सूचना आयोग  उनके पक्ष में फैसला सुनाया था और पीएमओ को सुचना देने के लिए कहा था 

हमें मिल कर लड़ना होगा 
संजीव चतुर्वेदी ने मांगा था की  काला धन कितना देश में कितना आया है कितने लोगों को अब तक मिला और उसको लाने और लोगों में बांटने के लिए क्या प्रयास किया है हलाकि अब तक उनकी इस जानकारी को पीएमओ ने उन तक नहीं पहुंचाया है | चतुर्वेदी कहते है की मेरा यह स्पष्ट मानना है कि करेप्शन सिर्फ बयानो और जुमलेबाजी करने से नहीं हटेगा करेप्शन के खिलाफ बहुत ही निर्णायक कार्रवाई की जरूरत है एक बहुत ही संकल्प शक्ति की जरूरत है इसके लिए फास्ट ट्रैक कोर्ट बनाने की जरूरत है और जितने एंटी करप्शन इश्यू  है उन संस्थान को मजबूत करने की जरूरत है  सानीजव चतुर्वेदी कहते है की आज एक पूरा एक ऐसा माफिया तंत्र विकसित हो चुका है कि मुझे कहने में संकोच नहीं कि हमको आज भ्रष्टाचार से मुक्ति पानी है तो एक दूसरा युद्ध हमें लड़ना होगा Body:अब मांगी है खास वजह के लिए  प्रतिनयुक्ति 

संजीव चतुर्वेदी का कहना है कि जिस तरह के काम उन्होंने हरियाणा में किए हैं उसका ब्यौरा भी लोकपाल की प्रतिनियुक्ति के लिए भेजा है साथ ही साथ राष्ट्रपति महोदय ने जो 4 बार उनके पक्ष में आदेश दिए हैं उसका भी ब्यौरा लोकपाल को भेजा गया है इसके साथ ही एम्स में 200 से ज्यादा भ्रष्टाचार के मामलों को उजागर करने का ब्यौरा भी लोकपाल को भेजा गया है इसके साथ ही राष्ट्रपति महोदय से लेकर प्रधानमंत्री कार्यालय और तमाम संस्था जिन्होंने मुझे ईमानदारी से काम करने के लिए प्रेरित किया है वह सभी ब्यौरा मैंने लोकपाल को भेजा है ताकि में प्रतिनियुक्ति पर लोकपाल में तैनात होकर उन तमाम मामलों को सामने ला सकूं जो अब तक लोगों के सामने नहीं आए हैं

लोकपाल में प्रतिनयुक्ति हुई तो जेल जायेंगे कई बड़े नेता 

संजीव चतुर्वेदी का कहना है कि अगर उन्हें लोकपाल में नियुक्ति मिल जाती है तो सबसे बड़ा उनका पहला काम यही रहेगा कि देश में भ्रष्टाचार को पनपाने  में अगर किसी का बहुत बड़ा योगदान है तो वह है राजनीतिक पार्टियां और उनमें शामिल नेतागण है जो उच्च पदों पर बैठकर बड़ा भ्रष्टाचार कर रहे हैं संजीव चतुर्वेदी का कहना है कि अगर नेतागण जेल जाने लगेंगे तो उन्हें उम्मीद है कि देश से भ्रष्टाचार काफी हद तक खत्म किया जा सकता है और उन्हें उम्मीद है कि लोकपाल में अगर उन्हें नियुक्ति मिलती है तो वह यह काम करके दिखाएंगे  Conclusion:आपके परिवार के लोग नहीं कहते क्यों लड़ते हो इस सिस्टम्स से 

इस पर संजीव चतुर्वेदी कहते है की इस लड़ाई में उन्हें ये देख कर और शक्ति मिलती है की उनके घर के बड़े लोग भी आन्दोलनकरी रहे है और अंग्रेजो के समय उन्होंने भी लड़ाई लड़ी है इस लिए परिवार दोस्त और खास रिश्तेदार सभी इस काम  के लिए मोटिवेट करते है और उन्हें अच्छा लगता है की वो अपनी ड्यूटी को अच्छे से निभा रहे है 
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