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देहरादून PHQ में 7 राज्यों सहित गृह मंत्रालय और एजेंसियों की बड़ी बैठक, साइबर क्राइम पर लगाम की तैयारी

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Published : Oct 1, 2021, 3:41 PM IST

Updated : Oct 1, 2021, 5:28 PM IST

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PHQ में 7 राज्यों सहित गृह मंत्रालय और एजेंसियों की बैठक

देहरादून पुलिस मुख्यालय में साइबर अपराधों की रोकथाम को लेकर 7 राज्यों सहित गृह मंत्रालय की संयुक्त साइबर अपराध समन्वय दल की बैठक हुई. इस बैठक का मतलब इन दिनों बढ़े साइबर अपराध पर लगाम लगाना था. ज्यादातर मामलों में साइबर अपराधी दूसरे राज्यों में बैठकर लोगों को ठगी का शिकार बना रहे हैं. ऐसे मामलों में पुलिस का दूसरे राज्य की पुलिस से समन्वय हो इस पर विचार किया गया.

देहरादून: देश में बढ़ते साइबर अपराधों से निपटने के लिए देहरादून पुलिस मुख्यालय में उत्तर भारत के 7 राज्यों सहित गृह मंत्रालय और अन्य संबंधित सुरक्षा एजेंसियों की संयुक्त रूप में आपसी सामंजस्य बनाने को लेकर बैठक आयोजित की गई. इस दौरान पुलिस महानिदेशक अशोक कुमार के नेतृत्व में नॉर्थ जोन समूह में शामिल जम्मू कश्मीर, लद्दाख, हरियाणा, हिमाचल प्रदेश, पंजाब, चंडीगढ़, उत्तराखंड और गृह मंत्रालय इस साइबर क्राइम पुलिस समूह के सदस्य एक दिवसीय संयुक्त साइबर अपराध समन्वय दल (Joint Cyber Crime Co-ordination) की बैठक में मौजूद रहे.

बैंकिंग ट्रांजैक्शन संस्थाओं से समन्वय पर जोर: उत्तराखंड डीजीपी ने बताया कि साइबर अपराधों की रोकथाम को लेकर पुलिस, कानून, प्रवर्तन एजेन्सी (Law Enforcement Agencies) लगातार प्रयासरत हैं. ऐसे में बैंक/वॉलेट/पेमेंट गेटवे आदि से भी पुलिस को समन्वय स्थापित करना पड़ता है. इस महत्वपूर्ण विषय के संबंध में नार्थ जॉन के 7 राज्यों का संयुक्त साइबर अपराध समन्वय दल (Joint Cyber Crime Co-ordination-V) का द्वितीय क्षेत्रीय सम्मेलन पुलिस मुख्यालय देहरादून में आयोजित किया गया. इससे पूर्व इस विषय को लेकर JCCT-V का प्रथम क्षेत्रीय सम्मेलन बीते साल चंडीगढ़ में ऑनलाइन आयोजित हुआ था.

साइबर क्राइम पर लगाम की तैयारी

नार्थ जोन समूह का मुख्य उद्देश्य: बता दें कि संयुक्त साइबर अपराध समन्वय, गृह मंत्रालय, भारत सरकार के I4C भारतीय साइबर अपराध समन्वय केंद्र (Indian Cyber Crime Co-ordination Centre) की एक अहम नई पहल है. इसमें पूरे भारत को विभिन्न साइबर जोन (Cyber Zone) के रूप में विभाजित किया गया है. उत्तराखण्ड राज्य को नार्थ जोन (North Zone) में रखा गया है. जबकि इस जोन में जम्मू कश्मीर, लद्दाख, हरियाणा, हिमाचल प्रदेश, पंजाब, चडीगढ़, उत्तराखण्ड एवं गृह मंत्रालय इस समूह के सदस्य हैं. इस समूह का मुख्य उद्देश्य आपसी समन्वय स्थापित करने के अलावा सूचना और अपराध के सत्यापन आंकड़ों को एक दूसरे के साथ आदान-प्रदान करना भी है. इतना ही नहीं इस समूह का कार्य साइबर क्राइम में दर्ज मुकदमों को वर्कआउट कर अभियुक्तों की गिरफ्तारी के लिए मिलकर सामूहिक स्तर पर प्रयास करना भी एक मुख्य मकसद है.

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हाईटेक साइबर अपराध का वर्कआउट: साइबर क्राइम पर संयुक्त कार्रवाई की इस बैठक में विभिन्न साइबर अपराध, आर्थिक अपराध और संगठित अपराध पर अंकुश लगाने के लिए नार्थ जोन समूह सदस्यों से आने वाले सुझावों पर विचार-विमर्श हुआ. विभिन्न राज्यों द्वारा अपने-अपने मुकदमों के निस्तारण को लेकर अपने अनुभव और वर्कआउट कार्यों को बताया गया. ताकि इस हाईटेक साइबर अपराध से निपटने के लिए जानकारियां साझा हो सकें. इस बैठक से नार्थ जोन राज्यों की पुलिस, कानून प्रवर्तन एजेन्सी (Law Enforcement Agencies) को साइबर अपराध में अपराधियों के खिलाफ समन्वित दृष्टिकोण (coordinated approach) से कार्रवाई करने के लिए एक प्लेटफार्म भी दिया गया है.

बैठक में शामिल हुई एजेंसियां: देशभर में साइबर अपराध के खिलाफ ज्वाइंट ऑपरेशन कार्रवाई में नार्थ जोन के सदस्य (राज्य) और केन्द्र शासित प्रदेशों के पुलिस अधिकारी सहित इन संस्थाओं के अधिकारी भी शामिल थे. जिसमें, इंटेलिजेंस ब्यूरो (Intelligence Bureau), प्रवर्तन निदेशालय (Enforcement Directorate), केंद्रीय जांच ब्यूरो (Central Bureau of Investigation), दूरसंचार विभाग (Department of Telecom), भारतीय रिजर्व बैंक (Reserve Bank of India), कंपनियों के रजिस्ट्रार (Registrar of Companies), (सहकारी समितियों के रजिस्ट्रार) Registrar of Co-operative Societies एवं विभिन्न पेमेंट गेटवे, वॉलेट, बैंक आदि के प्रतिनिधियों ने भी इस बैठक में भाग लिया.

Last Updated :Oct 1, 2021, 5:28 PM IST
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