ETV Bharat / state

सीएम की घोषणा जो अब तक नहीं हो पाई पूरी, चीला दुर्घटना के पीड़ित वन कर्मियों को मिल सकता था ये लाभ

author img

By ETV Bharat Uttarakhand Team

Published : Jan 17, 2024, 6:07 PM IST

Etv Bharat
Etv Bharat

chila accident उत्तराखंड में वन कर्मियों ने एक बार फिर अपनी उस पुरानी मांग को लेकर आवाज बुलंद कर दी है, जिस पर ना केवल मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी घोषणा कर चुके हैं, बल्कि पूर्व वन मंत्री भी इस मांग को जायज ठहरा चुके हैं. खास बात यह है कि अगर वन कर्मियों द्वारा उठाई गई मांग और मुख्यमंत्री की घोषणा पर शासनादेश हो जाता तो चीला की दुर्घटना में प्रभावित वन कर्मियों को भी मांग के अनुरूप आर्थिक सहायता का लाभ हो सकता था.

सीएम की घोषणा जो अब तक नहीं हो पाई पूरी

देहरादून: प्रदेश में वनकर्मियों के ड्यूटी के दौरान घायल होने या जान गंवाने पर 15 लाख रुपए की आर्थिक सहायता की मांग जल्द पूरी हो सकती है. खबर है कि मुख्यमंत्री के स्तर पर भी इसको लेकर विचार किया जा रहा है, लेकिन चिंता की बात यह है कि वन कर्मियों द्वारा इस मांग को काफी लंबे समय से रखा जा रहा था और मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी भी इस मांग को पूरा करने के लिए घोषणा कर चुके थे. इतना ही नहीं पूर्व वन मंत्री हरक सिंह रावत ने भी इस मांग को जायज ठहराकर इसे पूरा करने का भरोसा दिलाया था, लेकिन लंबे समय बाद भी वन कर्मियों की आर्थिक सहायता से जुड़ी यह मांग पूरी नहीं हो पाई है.

हाल ही में चीला में हुई वाहन दुर्घटना के कारण पांच लोगों ने अपनी जान गंवाई है और पांच लोग अब भी घायल हैं. इनमें वन विभाग के रेंजर और डिप्टी रेंजर के साथ ही वन महकमें में ही पशु चिकित्सक पद पर तैनात अधिकारी भी शामिल हैं. बड़ी बात यह है कि अगर मुख्यमंत्री की ड्यूटी के दौरान दुर्घटना का शिकार होने पर 15 लाख रुपए की आर्थिक सहायता की वह घोषणा पूरी हो जाती, तो इन कर्मियों को भी इसका लाभ मिल सकता था. ऐसे में ड्यूटी के दौरान दुर्घटना में 15 लाख रुपए की आर्थिक सहायता को लेकर पुरानी मांग एक बार फिर तेज हो गई है.

सहायक वन कर्मचारी संघ के प्रदेश अध्यक्ष स्वरूपचंद रमोला ने बताया कि तत्कालीन मुख्यमंत्री तीरथ सिंह रावत और वर्तमान मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी द्वारा भी कर्मचारियों की इस मांग को लेकर घोषणा की जा चुकी है, लेकिन इसके बावजूद अब तक इस पर आदेश जारी नहीं हो पाया है. ऐसे में वन विभाग के मुख्यालय स्तर पर जल्द से जल्द इस प्रस्ताव को शासन तक पहुंचना चाहिए और इस पर कार्रवाई आगे बढ़ाई जानी चाहिए.

ये भी पढ़ें: थर्टी फर्स्ट और न्यू ईयर के जश्न को लेकर कॉर्बेट पार्क में रेड अलर्ट, चप्पे-चप्पे पर रखी जा रही नजर

वन विभाग के अधिकारी-कर्मचारी गाड़ी के ट्रायल में अपने अधिकारी और कर्मचारियों को खोने से आहत हैं, लेकिन इस दौरान विभाग के अधिकारियों की मानें तो अगर मुख्यमंत्री की घोषणा पर पहले ही काम कर लिया जाता तो फिर आज प्रभावित वन कर्मचारियों को इसका लाभ मिल सकता था, लेकिन कर्मचारियों की इस मांग को लेकर गंभीरता नहीं दिखाई गई और इसका नुकसान अब प्रभावित कर्मचारियों को हो रहा है. घोषणा पर काम होता तो आर्थिक सहायता के रूप में मृतक और घायल वन कर्मियों को बड़ी राहत मिल सकती थी.

ये भी पढ़ें: राजस्थान के नवनियुक्त फॉरेस्टरों की जिम कॉर्बेट नेशनल पार्क में लगेगी 'पाठशाला', वनों और वन्यजीवों से होंगे रूबरू

ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.