ETV Bharat / state

देहरादून: ड्राइवर और क्लीनर आर्थिक सहायता के लिए दोबारा कर सकते हैं अप्लाई

author img

By

Published : Aug 20, 2021, 10:01 AM IST

dehradun news
आरटीओ प्रवर्तन विभाग देहरादून.

देहरादून में आर्थिक सहायता के लिए ड्राइवर और क्लीनर का रजिस्ट्रेशन कराया जा रहा है.आरटीओ प्रवर्तन संदीप सैनी का कहना है कि जिन लोगों के आवेदन रिजेक्ट हुए हैं वे खामियों को पूरा कर दोबारा अप्लाई कर सकते हैं.

देहरादून: कोरोनाकाल में सभी का कारोबार प्रभावित हुआ है, इससे कॉमर्शियल वाहन संचालक भी अछूते नहीं हैं. वहीं, कॉमर्शियल वाहन संचालकों को दो हजार रुपए प्रति महीने आर्थिक सहायता के लिए परिवहन विभाग ने पंजीकरण की प्रक्रिया शुरू कर दिया है. आरटीओ प्रवर्तन संदीप सैनी ने बताया कि जिन लोगों के आवेदन रिजेक्ट हुए हैं वे खामियों को पूरा कर दोबारा अप्लाई कर सकते हैं.

गौर हो कि प्रक्रिया शुरू करने के बाद परिवहन विभाग के पास अब तक देहरादून से ही करीब साढ़े चार हजार आवेदन आ चुके हैं. जिसमें से करीब तीन हजार से ज्यादा आवेदनों को स्वीकृति मिल चुकी है. वहीं, पंजीकरण में तमाम ऐसे ड्राइवर कंडक्टर और क्लीनर हैं जिनके दस्तावेजों में खामियां हैं. ऐसे में करीब 150 आवेदन निरस्त किए गए हैं. परिवहन विभाग कहना है कि ऐसे लोग दोबारा भी आवेदन कर सकते हैं.

ड्राइवर और क्लीनर दोबारा कर सकते हैं आवेदन.

पढ़ें-मॉनसून सत्र से पहले सर्वदलीय बैठक, सरकार को घेरने की तैयारी में विपक्ष

बता दें कि आर्थिक सहायता पाने के लिए कई ड्राइवर और क्लीनर ने खुद की बैंक पास बुक का विवरण देने के बजाय गाड़ी मालिकों के बैंक अकाउंट का विवरण दिया है. साथ ही कई ऐसे वाहन संचालक है जिनकी ड्राइविंग लाइसेंस की वैधता समाप्त हो चुकी है और उन्होंने अपने ड्राइविंग लाइसेंस का नवीनीकरण नहीं कराया है.

पढ़ें-रुद्रपुर: बेकार पड़ी चीजों से बनाया जा रहा सजावटी सामान, महिलाओं को मिला स्वरोजगार

आरटीओ प्रवर्तन संदीप सैनी ने बताया कि देहरादून से साढ़े चार हजार आवेदन आ चुके हैं, जिसमें से तीन हजार से ज्यादा विभाग द्वारा आवेदन को अनुमति दे दी है. उन्होंने बताया कि खामियों की वजह से कुछ आवेदन रिजेक्ट हुए हैं वो कमियों को पूरा कर दोबारा आवेदन कर सकते हैं. सरकार की मंशा सहायता राशि जरूरतमंदों तक पहुंचाने की है.

ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.