ETV Bharat / state

Thug Arrested: लंबे समय से फरार इनामी ठग आया पुलिस के हाथ, पुलिस के साइबर सिस्टम को दे रहा था चकमा

author img

By

Published : Jan 26, 2023, 7:03 PM IST

Etv Bharat
Etv Bharat

नौकरी के नाम पर युवक से ठगी करने वाले शातिर ठग को गिरफ्तार कर लिया है. आरोपी साइबर सिस्टम में माहिर था, इसीलिए पुलिस उसकी लोकेशन ट्रैक नहीं कर पा रही थी, जिसकी वजह से वो लंबे समय तक पुलिस के बचा रहा.

देहरादून: धोखाधड़ी के मामले में लंबे समय से फरार चल रहे 15 हजार रुपए का इनामी ठग आखिरकार देहरादून पुलिस के हाथ आ ही गया. पुलिस ने आरोपी को गिरफ्तार कर कोर्ट में पेश किया. कोर्ट ने आरोपी को जेल भेज दिया. आरोपी ने देहरादून के ही व्यक्ति को पांच लाख रुपए का चूना लगा था.

पुलिस ने मामले के बारे में जानकारी देते हुए बताया कि 2 मार्च 2022 को विवेक नैनवाल ने पुलिस को एक शिकायत दी थी. शिकायत में पीड़ित ने बताया था कि हिमांशु चंद जोशी ने ओएनजीसी देहरादून में नौकरी लगवाने के नाम पर उससे किश्तों में करीब 5 लाख रुपए लिए थे. इतना ही नहीं आरोपी ने यकीन दिलाने के लिए पीड़ित को भर्ती से जुड़े कुछ दस्तावेज भी दिए थे, जिन्हें लेकर विवेक ज्वॉइनिंग के लिए ओएनजीसी कार्यालय गया तो पता कि वो सभी फर्जी है.
पढ़ें- Fake Police Officer Arrested: दिल्ली पुलिस का फर्जी ASI बन होटलों में करता था मस्ती, एक गलती ने पहुंचाया जेल

जैसे ही पीड़ित को पता चला कि आरोपी हिमांशु ने उसे फर्जी नियुक्त पत्र थमाया है, उसे पैर तले से जमीन खिसक गई. इसके बाद पीड़ित विवेक ने आरोपी हिमांशु के खिलाफ प्रेमनगर थाने में तहरीर दी. पुलिस ने तहरीर के आधार मुकदमा दर्ज कर मामले की जांच शुरू की.

पुलिस ने जब आरोपी के घर पर गिरफ्तारी के लिए दबिश दी तो वहां से फरार हो गया है. इसके बाद से ही लगातार पुलिस इसकी तालाश कर रही थी, लेकिन आरोपी हर पुलिस को चमका देकर फरार हो जाता था. हालांकि इसी बीच पुलिस को मुखबीर और सर्विलांस की मदद से आरोपी के लोकेशन देहरादून के नेशविला रोड पर मिली, जिसके बाद पुलिस ने देरी किए बिना आरोपी को धरदबोचा.

एसपी सिटी सरिता डोभाल ने बताया कि आरोपी साल 2015 में बीटेक सिविल इंजीनियरिंग से पास कर चुका था, जिस कारण आरोपी को साइबर सर्विलांस के बारे में अच्छी जानकारी थी. इसीलिए आरोपी अपने नाम पर कोई भी मोबाइल सिम नहीं लिया. वहीं सोशल मीडिया पर भी कोई अकाउंट नहीं चला रहा था. व्हाटसअप पर भी अपने नाम से कोई अकाउंट नहीं चलाया जा रहा था. इसके अलावा अभियुक्त शातिर प्रवृति के चलते समय-समय पर अलग-अलग व्यक्तियों के नाम पर सिम लेता था और आरोपी लगातार अपना फोन और सिम एक अंतराल के बाद बदलता रहता था और अपने परिचितों से व्हाट्सएप्प कॉल के जरिये वार्ता करता था.

ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.