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कॉर्बेट अवैध कटान: DFO पर एक्शन, डायरेक्टर को कौन बचा रहा? सीएम बोले- बख्शे नहीं जाएंगे दोषी

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Published : Nov 26, 2021, 3:49 PM IST

Updated : Nov 26, 2021, 4:30 PM IST

कार्बेट पार्क में अवैध रूप से पेड़ काटे जाने और अवैध निर्माण के मामले में सीएम पुष्कर सिंह धामी ने जांच की बात कही है. इसी मामले को लेकर उत्तराखंड वन विभाग (Transfer in Uttarakhand Forest Department) में आईएफएस अधिकारियों (IFS officer transfer in Uttarakhand) के बंपर तबादलों भी किए गए हैं.

CM Pushkar Singh Dhami
सीएम पुष्कर सिंह धामी

देहरादून: उत्तराखंड वन विभाग (Transfer in Uttarakhand Forest Department) में आईएफएस अधिकारियों (IFS officer transfer in Uttarakhand) के बंपर तबादलों में कुछ अधिकारी ऐसे भी हैं, जिनको कॉर्बेट में हुए अवैध निर्माण (illegal construction in corbett Park) और पेड़ कटान (illegal cutting of trees in Corbett Park) के मामले में कार्रवाई के तहत हटाया गया है. हालांकि, खास बात यह है कि निदेशक कॉर्बेट टाइगर रिजर्व राहुल कुमार पर सरकार कार्रवाई से बचती हुई दिखाई दी है. हालांकि, सीएम धामी ने स्पष्ट कहा है कि दोषियों को कतई बख्शा नहीं जाएगा. मामले में जांच के लिए कहा गया है.

कॉर्बेट डीएफओ को हटाया गया: कॉर्बेट में कालागढ़ रेंज के डीएफओ किशनचंद को मुख्यालय अटैच किया गया है. हालांकि, किशनचंद पहले भी विवादों में रहे हैं. इससे पहले वह हरिद्वार और पौड़ी में डीएफओ पद पर तैनात रहे, लेकिन हर सरकार में उनके ऊपर आरोप चले, कार्रवाई भी हुई, लेकिन जांच के बाद नतीजा ढाक के तीन पात ही रहा. यहां सवाल ये खड़ा हो रहा है कि अगर डीएफओ पर कार्रवाई हुई तो कॉर्बेट डायरेक्टर को क्यों बख्शा गया?

कॉर्बेट में अवैध पातन मामले में हुई कार्रवाई.

दरअसल, उत्तराखंड में कॉर्बेट नेशनल पार्क में अवैध निर्माण और पेड़ काटे जाने का मामला पिछले लंबे समय से चर्चाओं में रहा है. इस मामले को लेकर नैनीताल हाईकोर्ट से लेकर दिल्ली हाईकोर्ट तक में दायर याचिका पर सुनवाई चल रही है. इस दौरान उत्तराखंड सरकार से भी इस मामले में जवाब मांगा गया है.

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कॉर्बेट डायरेक्टर ने अवैध निर्माणों को करवाया ध्वस्त: बड़ी बात यह है कि निदेशक कॉर्बेट ने यहां हुए निर्माण में कुछ अंश को अवैध मानकर उसका ध्वस्तीकरण भी किया है. जाहिर है कि कॉर्बेट निदेशक की इस कार्रवाई के बाद यह तय है कि यहां पर गलत तरह से निर्माण किए गये थे. हालांकि, इस मामले में आईएफएस अधिकारियों के हुए तबादलों में कुछ अधिकारी ऐसे भी हैं जो कॉर्बेट से हटाए गए हैं. माना जा रहा है कि इन अधिकारियों को इसी कार्रवाई के तहत हटाया गया है.

वन विभाग में बड़े पैमाने पर ट्रांसफर: वन विभाग में जो ट्रांसफर हुए हैं, उनमें प्रदेश में वन विभाग के मुखिया राजीव भरतरी (हेड ऑफ फॉरेस्ट फोर्सेस) को हटाने के भी आदेश हुए हैं. उनकी जगह अब विनोद कुमार को वन विभाग का मुखिया बनाया गया है. राजीव भरतरी को अब उत्तराखंड जैव विविधता बोर्ड की जिम्मेदारी दी गई है. जबकि विनोद कुमार प्रमुख वन संरक्षक वन्यजीव और वन मुखिया की जिम्मेदारी संभालेंगे. इस तरह उत्तराखंड वन विभाग में विनोद कुमार को पावरफुल किया गया है.

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प्रमुख वन संरक्षक अनूप मलिक से प्रमुख वन संरक्षक वन्यजीव की जिम्मेदारी वापस ले ली गई है. इसके अलावा जेएस सुहाग से भी मुख्य वन्यजीव प्रतिपालक की महत्वपूर्ण जिम्मेदारी को वापस ले लिया गया है. विभाग में मुख्य वन संरक्षक निशांत वर्मा को मुख्य वन संरक्षक 1 आदमी एवं आपदा प्रबंधन की जिम्मेदारी दी गई है. उनसे उत्तराखंड वन विकास निगम की महत्वपूर्ण जिम्मेदारी वापस ले ली गई है.

इसके अलावा पराग मधुकर धकाते को बड़ी जिम्मेदारी देते हुए मुख्य वन्यजीव प्रतिपालक बनाया गया है. अशोक कुमार गुप्ता को वन संरक्षक शिवालिक वृत्त की जिम्मेदारी दी गई है. उधर धर्मेश कुमार को वन संरक्षक अपर निदेशक उत्तराखंड वानिकी प्रशिक्षण अकादमी भेजा गया है. उनसे वन संरक्षक निदेशक राजाजी टाइगर रिजर्व जैसी महत्वपूर्ण जिम्मेदारी वापस ले ली गई है.

विभाग में वन संरक्षक दीप चंद्र आर्य को वन संरक्षक पश्चिमी वित्त हल्द्वानी की जिम्मेदारी दी गई है, उनसे उत्तराखंड वानिकी प्रशिक्षण के निदेशक का पद वापस लिया गया है. अखिलेश तिवारी को बड़ी जिम्मेदारी देते हुए राजाजी टाइगर रिजर्व का डायरेक्टर बनाया गया है, उधर तिरुज्ञानसंबंदम को प्रभागीय वन अधिकारी हरिद्वार वन प्रभाग की जिम्मेदारी दी गई है. उनसे क्षेत्रीय प्रबंधक वन विकास निगम की जिम्मेदारी वापस ली गई है. विनय कुमार भार्गव को उप वन संरक्षक नियोजन एवं वित्तीय प्रबंधन दिया गया है.

देहरादून DFO हटाए गए: देहरादून के डीएफओ राजीव धीमान को हटाते हुए अब उन्हें उपवन संरक्षक नरेंद्र नगर बनाया गया है. इसके अलावा धर्म सिंह मीणा को संयुक्त निदेशक राज्य पर्यावरण संरक्षण एवं जलवायु परिवर्तन की जिम्मेदारी दी गई है. मयंक शेखर झा को उप वन संरक्षक भूमि संरक्षण निदेशालय की जिम्मेदारी दी गई है. नीतीश मणि त्रिपाठी को प्रभागीय वन अधिकारी देहरादून वन प्रभाग दिया गया है. कोको रोसे उप वन संरक्षक प्रभागीय वन अधिकारी पिथौरागढ़ की जिम्मेदारी दी गई है.

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अमित कवर को उप वन संरक्षक उत्तराखंड वन संसाधन परियोजना की जिम्मेदारी दी गई है, सुश्री कल्याणी को उप वन संरक्षक प्रभागीय वन अधिकारी चकराता वन प्रभाग बनाया गया है. हिमांशु बागड़ी को जलागम निदेशालय में प्रतिनियुक्ति पर भेजा गया है, कुंदन कुमार को उप वन संरक्षक अनुसंधान हल्द्वानी भेजा गया है, आशुतोष सिंह को उप वन संरक्षक व निदेशक वानिकी प्रशिक्षण की जिम्मेदारी दी गई है. नीरज कुमार को उप वन संरक्षक निदेशक कॉर्बेट टाइगर रिजर्व बनाया गया है. इंद्र सिंह नेगी को प्रभागीय वन अधिकारी केदारनाथ वन प्रभाग दिया गया है.

दीप चंद्र पंत को प्रभावी बना अधिकारी सिविल सोयम वन प्रभाग दिया गया है, विनोद कुमार सिंह को प्रभागीय वन अधिकारी टीवी वन प्रभाग दिया गया है. सर्वेश कुमार को उप वन संरक्षक और प्रभागीय वन अधिकारी बदरीनाथ वन प्रभाग दिया गया है. रमेश चंद्र को प्रभागीय वन अधिकारी चंपावत की जिम्मेदारी दी गई. दिनकर तिवारी को उप वन संरक्षक और प्रभागीय वन अधिकारी बागेश्वर वन प्रभाग दिया गया. बाबूलाल को वन अधिकारी हल्द्वानी वन प्रभाग दिया गया है. प्रकाश चंद आर्य को प्रभागीय वन अधिकारी कालागढ़ बनाया गया है.

Last Updated : Nov 26, 2021, 4:30 PM IST
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