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प्रकृति प्रेमियों के लिए किसी जन्नत से कम नहीं है चौकोड़ी, यहां एक बार जरूर आइए...

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Published : Jul 27, 2021, 11:03 AM IST

प्रदेश में कई पर्यटन स्थल है, जहां साल भर सैलानियों का तांता लगा रहता है. इन पर्यटक स्थलों में देश-विदेश के सैलानी प्रकृति का नजदीकी से रूबरू होते हैं.

chaukari pithoragarh
चौकोड़ी पिथौरागढ़.

देहरादून: हिमालय के हृदय स्थल में बसा उत्तराखंड का चौकोड़ी प्रकृति प्रेमियों (Nature lovers) के लिए जन्नत से कम नहीं है. चौकोड़ी उन खास स्थानों में से एक है, जहां प्रकृति प्रेमी अपनी कल्पनाओं को हकीकत में बदल सकते हैं. विशाल हिमालय की अद्भुत पहाड़ियों और वनस्पतियों से घिरा कुमाऊं का यह हिल स्टेशन उत्तराखंड के चुनिंदा सबसे शानदार गंतव्यों में से एक है. देश की राजधानी दिल्ली से 530 किमी दूर उत्तराखंड के पिथौरागढ़ जिले की बेरीनाग तहसील में स्थित चौकोड़ी एक छोटा सा पहाड़ी नगर है.

समुद्र तल से 2010 मीटर की ऊंचाई में बसे चौंकोड़ी (Chaukori) के उत्तर में तिब्बत और दक्षिण में तराई का क्षेत्र है. यह जगह भी पश्चिमी हिमालय की पर्वत श्रृंखला के पास स्थित है. विशाल हिमालय की अद्भुत पहाड़ियों और वनस्पतियां से घिरा चौकोड़ी अपनी सुंदरता से धार्मिक और साहसिक पर्यटक (Adventure Sports) को बढ़ावा देने के साथ देश-दुनिया से आने वाले सैलानियों को मनोरम दृश्यों से आकर्षित करता है. यहां का हर नजारा दिल को सुकून पहुंचाता है.

यहां की शांत-शीतल हवा शरीर में नई स्फूर्ति का संचार करती है. चौकोड़ी में आने वाले पर्यटक उल्का देवी मंदिर में आकर भाव विभोर हो उठते हैं. जबकि, घनसेरा देवी मंदिर में पत्थर पर बनी सुंदर नक्काशीदार मूर्तियां पर्यटकों का ध्यान अपनी ओर बरबस ही खींचती है.

पर्यटन मंत्री सतपाल महाराज (Cabinet minister Satpal Maharaj) ने कहा कि उत्तराखंड अपनी नैसर्गिक सौंदर्य से देश-दुनिया के पर्यटकों को अपनी ओर आकर्षित करती है. शाही हिमालय, भव्य नंदा देवी, नंदा कोट और पंचाचुली शिखर का शानदार दृश्य चौकोड़ी की सुंदरता पर चार चांद लगाने का काम करते हैं.

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वहीं, प्रदेश में पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए यहां के पर्यटन स्थलों को विकसित करने के लिए सरकार की ओर से लगातार काम किया जा रहा है. कोविड संक्रमण के दौरान राज्य सरकार द्वारा जारी गाइडलाइन का पालन करते हुए सभी लोग उचित दूरी, मास्क व सैनेटाइजर का इस्तेताल करें.

पर्यटन सचिव दिलीप जावलकर (IAS Dilip Jawalkar) ने कहा कि हम उत्तराखंड में ऑफबीट लोकेशन्स विकसित करने के लिए लगातार काम कर रहे हैं. चौकोड़ी एक ऐसी जगह है, जहां काफी संभावनाएं हैं और शहर की भागदौड़ जिन्दगी से छुटकारा पाते हुए शांत वातावरण मिलता है. हमारा पर्यटन सर्किट (Tourist Circuit) एक ऐसा कदम है, जो इन गंतव्यों को लोकप्रिय बनाते हुए पर्यटकों को आकर्षित कर रहे हैं. जिससे ग्रामीण अर्थव्यवस्था को भी बल मिल रहा है.

जिला पर्यटन अधिकारी अमित लोहानी ने बताया कि रोमांचक गतिविधियों का आनंद लेने के साथ हरी-भरी वनस्पतियों से घिरी पहाड़ियों में नेचर वॉक कर आप अपनी छुट्टियों का आरामदायक अनुभव ले सकते हैं. जबकि, यहां साहसिक खेलों, जल क्रीडा के साथ साइकिलिंग का भी लुप्त उठा सकते हैं.

इसके अलावा आप यहां के गांवों का भ्रमण कर कुमाऊंनी कला, संस्कृति और परंपराओं से रूबरू हो सकते हैं. चौकोड़ी के आस-पास की प्राकृतिक सुंदरता देखते ही बनती है. हरे जंगलों और सदाबहार चरागाहों के साथ काफी आंनदमयी है. चौकोड़ी से त्रिशूल, चौखंबा नंदा देवी, नंदा कोट और पंचचुली शिखर के अदभुत प्रेरणादायक दृश्य नजर आता है.

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चौकोड़ी के पहाड़ : चौकोड़ी के खूबसूरत हरे-भरे बागों के साथ चाय के बागान और यहां के सुंदर पहाड़ आपके जीवन में एक अलग अनुभव कराते हैं. शांतिपूर्ण भौगोलिक संरचना से चौकोड़ी पर्यटकों को अपनी ओर आकर्षित करती है. यहां से सूर्याोदय का दृश्य देखने लायक होता है, जिस वक्त सूर्य की किरणें हिमालय की बर्फीली सफेद पहाड़ियों को सुनहरा करने का काम करती हैं. एक शानदार अवकाश बिताने के लिए यह एक आदर्श विकल्प है. गर्मियों और सर्दियों के मौसम में चौकोड़ी आना सबसे अनुकूल टाइम है.

कैसे पहुंचे चौकोड़ी? : काठगोदाम रेलवे स्टेशन और पंत नगर हवाई अड्डा (Pant nagar Airport) चौकोड़ी के सबसे नजदीक रेलवे स्टेशन व हवाई अड्डा है. यहां से चौकोड़ी के लिए टैक्सी सेवा भी उपलब्ध है. काठगोदाम से चौकोड़ी की दूरी 186 किलोमीटर, नैनीताल से 169 किलोमीटर और अल्मोड़ा से 128 किलोमीटर है. जबकि, बागेश्वर से एक से डेढ़ घंटे में आसानी से पहुंचा जा सकता है. चौकोड़ी में आप प्राकृतिक स्थलों की सैर के अलावा आसपास के धार्मिक स्थलों के दर्शन जरूर करें. आप यहां कपिलेश्वर महादेव मंदिर के दर्शन कर सकते हैं. यह मंदिर पिथौरागढ़ के सौर घाटी में स्थित है.

कपिलेश्वर मंदिर भगवान शिव को समर्पित है और 10 मीटर अंधेरी गुफा के अंदर स्थित है. गंगोलीहाट स्थित महाकाली मंदिर मां कालिंका का एक प्रसिद्ध मंदिर है, जो देवदार के जंगलों के मध्य स्थित है. धार्मिक स्थलों की श्रृंखला में आप यहां नाग मंदिर के दर्शन भी कर सकते हैं.

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