ETV Bharat / state

दिवाली के बाद दमघोंटू हुई देहरादून की आबोहवा, खतरनाक स्तर पर पहुंचा वायु प्रदूषण

author img

By

Published : Nov 5, 2021, 7:24 PM IST

Updated : Nov 5, 2021, 8:28 PM IST

dehradun
देहरादून

देहरादून में दिवाली की रात हुई आतिशबाजी से वायु प्रदूषण बढ़ गया है. उत्तराखंड प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड और चिकित्सकों की माने तो देहरादून की हवा सांस लेने लायक नहीं है.

देहरादूनः दिवाली के बाद उत्तराखंड के कई बड़े शहरों में आतिशबाजी के कारण वायु प्रदूषण काफी बढ़ गया है. उत्तराखंड प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड की माने तो हवा सांस लेने लायक नहीं है. उत्तराखंड प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड द्वारा पिछले 28 अक्टूबर से लेकर 4 नवंबर तक रिकॉर्ड किए गए वायु प्रदूषण के आंकड़ों के मुताबिक दिवाली की रात वायु प्रदूषण के लिहाज से सबसे ज्यादा खतरनाक थी.

उत्तराखंड प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड द्वारा देहरादून, ऋषिकेश, हरिद्वार, काशीपुर, हल्द्वानी और रुद्रपुर में एयर क्वालिटी इंडेक्स के सैंपल कलेक्ट करने के लिए अलग-अलग स्टेशन स्थापित किए गए. जिनमें 28 अक्टूबर से लेकर 4 नवंबर तक के सैंपल कलेक्ट किए गए. इनमें 4 नवंबर यानी दिवाली की रात देहरादून और हरिद्वार में हवा की गुणवत्ता सबसे ज्यादा खराब रही, तो वहीं ऋषिकेश, काशीपुर, हल्द्वानी और रुद्रपुर में भी स्थिति खराब है. लेकिन, सबसे ज्यादा देहरादून और हरिद्वार में वायु प्रदूषण हुआ है.

ये भी पढ़ेंः दीपावली में हेल्पलाइन पर मिलीं 40% ज्यादा शिकायतें, मारपीट-महिला अपराध सबसे ऊपर

दिवाली की रात शहरों का एयर क्वालिटी इंडेक्सः देहरादून में सबसे ज्यादा घंटाघर पर लगाए गए स्टेशन पर एयर क्वालिटी इंडेक्स 327 था. इसी तरह से नेहरू कॉलोनी स्टेशन पर कलेक्ट किए गए सैंपल में एयर क्वालिटी इंडेक्स 306 था. इसके अलावा देहरादून का एवरेज AQI 327 रहा. उत्तराखंड प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड की माने तो यह बहुत ज्यादा खराब है.

इसी तरह हरिद्वार का एयर क्वालिटी इंडेक्स 321 था और यह भी बहुत ज्यादा खराब है. दिवाली की रात काशीपुर का AQI- 267, रुद्रपुर का AQI- 263, ऋषिकेश का AQI- 257 और हल्द्वानी का AQI- 251 रहा, जो कि पर्यावरण के लिहाज से ठीक नहीं है.

क्या कहते हैं डॉक्टरः वरिष्ठ फिजीशियन विपुल कंडवाल का कहना है कि इस मौसम में हवा की गुणवत्ता इतनी खराब होना बेहद चिंताजनक है. उन्होंने बताया कि जिस तरह के आंकड़े हैं, यह बच्चों और बुजुर्गों के लिए बेहद खतरनाक है. उन्होंने कहा कि इस तरह के खराब गुणवत्ता की हवा में ऑक्सीजन का लेवल बहुत कम होता है और अस्थमा के साथ-साथ हार्ट अटैक के संभावना बहुत ज्यादा बढ़ जाते हैं. डॉ. विपुल कंडवाल के मुताबिक अगर स्थिति नियंत्रण नहीं की गई तो ऐसे में वह लोग जो कि फेफड़े और दिल के मरीजों को खतरा बढ़ जाता है.

ये भी पढ़ेंः दिवाली पर प्रतिबंध को दरकिनार कर दिल्ली में जलाये गए पटाखे, वायु गुणवत्ता 'गंभीर' श्रेणी में

फेफड़ों को होता है नुकसानः इसके अलावा चेस्ट रोग स्पेशलिस्ट डॉ. लव कुश ने बताया कि जब भी हवा की गुणवत्ता खराब होती है तो इससे लॉन्ग टर्म और शॉर्ट टर्म दो तरह के नुकसान होते हैं. डॉ. लव कुश के मुताबिक इस तरह से जब हवा की गुणवत्ता खराब होती है तो एक तो जो लोग फेफड़ों से संबंधित रोगों से ग्रसित हैं या फिर जो हार्ट पेशेंट है, उनकी परेशानी बढ़ जाती है. ऐसी स्थिति में उन्हें परेशानियों का सामना करना पड़ सकता है, या फिर उनके साथ हार्ट अटैक जैसी स्थिति खड़ी हो सकती है.

वहीं, दूसरी अगर हम लोग टर्म इफेक्ट की बात करें तो इस तरह की जब खराब वायु लगातार हमारे वातावरण में बनी रहती है तो उससे स्वस्थ मनुष्य में भी फेफड़े और दिल के रोग के लक्षण आने शुरू हो जाते हैं, जिसके बाद लंग्स, कैंसर और आंखों के साथ-साथ एलर्जी की समस्या बढ़ जाती है.

Last Updated :Nov 5, 2021, 8:28 PM IST
ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.