ETV Bharat / state

बिना विधिवत जमीन आवंटन के निर्माण में करोड़ों किए खर्च, अब पुलिस दफ्तर बचाने की कोशिशों में जुटा महकमा

author img

By ETV Bharat Uttarakhand Team

Published : Dec 2, 2023, 9:46 AM IST

Updated : Dec 2, 2023, 6:19 PM IST

Etv Bharat
Etv Bharat

Court Order TO Dehradun CBCID Office कोर्ट से उत्तराखंड पुलिस को तगड़ा झटका मिला है. कोर्ट ने सीबीसीआईडी ऑफिस को खाली करने के आदेश दे दिए हैं. जिसके बाद पुलिस महकमा कोर्ट के इस फैसले के खिलाफ अपील करने की तैयारी करने में जुट गया है. जबकि इस भवन में अब तक करोड़ों रुपए खर्च किए जा चुके हैं.

देहरादून: सरकारी सिस्टम में कैसे बिना नियम कानून फॉलो किए करोड़ों रुपए खर्च कर दिए जाते हैं, इसका ताजा उदाहरण पुलिस विभाग के चाय बागान की जमीन से जुड़े विवाद में दिखाई देता है. सिविल कोर्ट के फैसले से तो कुछ ऐसा ही समझ में आता है. बड़ी बात यह है कि कोर्ट ने पहले बसंत विहार थाने और अब सीबीसीआईडी (CB-CID) दफ्तर और आवास को खाली करने के आदेश दे दिए हैं. अब पुलिस विभाग इसके खिलाफ अपील करने की तैयारी करने में जुट गया है. ये मामला 2003 का है. करीब 20 साल तक चले इस केस में पहली बार कोई फैसला आया है.

देहरादून में चाय बागान की जमीनों पर अवैध निर्माण के मामले यूं तो पहले भी सुनाई दिए जाते रहे हैं. लेकिन इस बार पुलिस थाने और दफ्तर भी अवैध कब्जे में चिन्हित होने के बाद पुलिस महकमे हड़कंप मच गया है. मामले को लेकर अब पुलिस विभाग कानूनी पक्ष देखते हुए अपील करने की तैयारी में जुटा हुआ है. दरअसल, साल 2003 से कोर्ट में चल रहे मामले पर सिविल कोर्ट में सीबीसीआईडी दफ्तर और आवास क्षेत्र को खाली करने के निर्देश दिए हैं.
पढ़ें- देहरादून: सरकारी जमीनों पर भू-माफिया की नजर, पर्यटन विभाग की 100 बीघा जमीन खुर्दबुर्द

कई सवाल हो रहे खड़े: बड़ी बात यह है कि पुलिस विभाग इस निर्माण में अब तक करोड़ों रुपए खर्च कर चुका है. सवाल यह उठ रहा है कि यदि जमीन पर विवाद था और विधिवत रूप से पुलिस को यह जमीन आवंटित नहीं हुई है तो फिर सरकारी सिस्टम में इतना बड़ा निर्माण कैसे कर दिया गया. बहरहाल अभी पुलिस इस मामले का कानूनी पक्ष देख रही है और इसके बाद ही इस पर अंतिम फैसला लिया जाएगा. लेकिन विभाग की जमीन और लगाए गए करोड़ों रुपए के निर्माण को बचाने के लिए पुलिस कानूनी पहलू देखते हुए इस पर अपील करने की भी तैयारी कर रही है.

उधर एक के बाद एक फैसले के कारण पुलिस विभाग में भी हड़कंप मचा हुआ है. इससे पहले हरवंश वाला क्षेत्र में चाय बागान की सैकड़ों बीघा जमीन हमेशा से ही अवैध अतिक्रमण को लेकर चर्चाओं में रही है और इस जमीन पर भू-माफियाओं की भी नजर रही है. पूर्व में चाय बागान की जमीन पर चाय की जगह दूसरी खेती करने की भी बात सामने आई थी, इसके बाद जमीन के उपयोग और इसके स्वामित्व को लेकर भी विवाद खड़ा हो गया था.

इस मामले में डीटीसी इंडिया लिमिटेड कंपनी की तरफ से अपनी जमीन पर पुलिस विभाग द्वारा अवैध कब्जे की बात रखते हुए 26 सितंबर 2003 में केस दायर कर कोर्ट में चुनौती दी गई थी, जिस पर अंतिम फैसला कंपनी के पक्ष में सुनाया गया. बता दें कि देहरादून में बसंत विहार थाने, सीबीसीआईडी कार्यालय और आवास भवन को खाली करने के लिए पहली बार सिविल कोर्ट की तरफ से यह आदेश हुआ है. करीब 20 साल तक चले इस मामले में अब जाकर कंपनी के पक्ष में फैसला दिया गया है.

कोर्ट में पुलिस द्वारा कानूनी रूप से जमीन के आवंटन को लेकर प्रक्रिया पूरी नहीं करने की बात कही गई. इसके अलावा कोर्ट ने यह भी साफ किया कि पुलिस को अपने खर्चे पर ही इन सभी निर्माण को हटाना होगा. कोर्ट में यह भी स्पष्ट कहा गया है कि पुलिस द्वारा जो निर्माण किया गया था वो पूरी तरह से अवैध रूप से किया गया था और इस निर्माण के लिए जरूरी स्वीकृतियां पुलिस के पास मौजूद नहीं थी. अभी पुलिस इस मामले में कोर्ट में अपना पक्ष रखेगी. हालांकि, पुलिस प्रकरण को लेकर कानूनी रूप से सलाह ले रही है और जरूरत पड़ने पर इस पर अपील करने की भी तैयारी पुलिस की तरफ से की जा रही है.
पढ़ें- भू माफिया की 'नो एंट्री' के लिए धामी सरकार ला रही है सख्त कानून, अब जमीन खरीदने के होंगे ये नियम

इस मामले में देहरादून एसएसपी अजय कुमार ने बताया कि फिलहाल आदेश के कानूनी पक्ष को दिखाया जाएगा और मामले में विधि संगत कानूनी कार्रवाई आगे अमल में लाई जाएगी. हालांकि, अब सीबीसीआईडी (CB-CID) दफ्तर और आवास क्षेत्र पर भी निर्णय आने के बाद पुलिस मुख्यालय भी इस मामले में सक्रिय हो गया है. इस क्षेत्र में करीब 9 बीघा से ज्यादा जमीन पर पुलिस विभाग से जुड़े दफ्तर या आवास का निर्माण किया गया है और यह जमीन करोड़ों की होने के कारण चर्चाओं में भी रही है.

Last Updated :Dec 2, 2023, 6:19 PM IST
ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.