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उत्तराखंड में दैवीय आपदा से अब तक 96 लोगों की मौत, अभी भी 4 NH सहित 217 सड़कें बंद

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Published : Aug 20, 2023, 4:24 PM IST

Updated : Aug 20, 2023, 4:51 PM IST

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उत्तराखंड में दैवीय आपदा से अब तक 96 लोगों की मौत

Monsoon rains in Uttarakhand उत्तराखंड में मानसून सीजन की बारिश आफत बनकर बरसी. जिसके कारण प्रदेश में आपदा जैसे हालात पैदा हो गये. प्रदेश में आपदा के कारण अब तक 96 लोगों की मौत हो चुकी है. इसके साथ ही आपदा के कारण अभी तक प्रदेश भर में 4 NH सहित 217 सड़कें बंद हैं. जिन्हें खोलने की कोशिशें की जा रही है.

देहरादून: उत्तराखंड में मानसून का बारिश ने जमकर कहर बरपाया है. मैदानी जिलों के साथ साथ पहाड़ों में भी लगातार नुकसान हो रहा है. रविवार को प्रदेश भर के 200 से ज्यादा सड़के बंद है. जिनमें राष्ट्रीय राजमार्ग और बॉर्डर रोड भी शामिल है. इस मानसून सीजन में अब तक 96 लोगों की आपदा की वजह से मौत हुई है. 47 लोग आपदा की घटनाओं में गंभीर रूप से घायल हुए हैं. 56 लोग अब तक रोड़ एक्सीडेंट में अपनी जान गंवा चुके हैं. वहीं, अगर मौसम की बात करें तो आज और कल प्रदेश को बारिश के राहत मिल सकती है. 22 अगस्त के बाद प्रदेश में एक बार फिर से अनलिमिटेड बारिश हो सकती है.

धीमी पड़ी चारधाम यात्रा: उत्तराखंड में मानसून के साथ साथ चार धाम यात्रा भी चल रही है. जिसमें अब तक 3732292 यात्री चार धाम यात्रा के लिए आ चुके हैं. इन यात्रियों को लाने ले जाने में तकरीबन 415743 वाहन चार धाम रूट पर अब तक आ चुके हैं. जब से चार धाम यात्रा शुरू हुई है तब से लेकर अब तक चार धाम यात्रा के दौरान मृतकों की संख्या 183 पहुंच गई है. एक तरफ चार धाम यात्रा तो दूसरी तरफ मानसून सीजन के दौरान लगातार पिछले कई घंटों से हो रही बारिश ने शासन प्रशासन की चुनौतियां बढ़ गई हैं.

22 अगस्त के बाद भारी बारिश की संभावना: आज और कल प्रदेश को बारिश के राहत मिल सकती है. 22 अगस्त के बाद प्रदेश में एक बार फिर से अनलिमिटेड बारिश हो सकती है.देहरादून मौसम विभाग के निदेशक बिक्रम सिंह ने कहा अगस्त के आखिरी सप्ताह में प्रदेश में भारी बारिश हो सकती है. जिसके लिए सभी को पहले से अलर्ट रहने की जरूरत है.


रुद्रप्रयाग में 15 लोगों की तलाश जारी: रुद्रप्रयाग जिले में गौरीकुंड के पास हुए भूस्खलन की घटना में लापता हुए अभी भी 15 लोगों की तलाश जारी है. इस घटना से कुल 23 लोग प्रभावित हुए. तीन दुकानें क्षतिग्रस्त हुई. 8 शव अब तक बरामद किए जा चुके हैं. जिले में 2 राज्यमार्ग और 18 ग्रामीण मार्ग अवरुद्ध हैं.

Uttarakhand disaster
राहत बचाव कार्यों में जुटे एसडीआरएफ के जवान

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पौड़ी जिले में भी दो लोग लापता: पौड़ी जिले में लक्ष्मण लक्ष्मण झूला थाना क्षेत्र के अंतर्गत एक कार के बरसाती नाले में बह जाने पर एक शव बरामद किया जा चुका है, जबकि 2 लापता लोगों की अभी भी तलाश की जा रही है. पौड़ी जिले में NH - 119 आमसौड़ के पास मलबा आने की वजह से बंद है. इसके अलावा अन्य 5 राज्य मार्ग और 4 मुख्य जिला मार्गों के सहित 39 ग्रामीण मोटर मार्ग बंद हैं.


देहरादून माजरा जाखन गांव में भी आपदा जैसे हालात: देहरादून जिले की विकास नगर तहसील के अंतर्गत आने वाले मदर्सु माजरा जाखन गांव में भूस्खलन की वजह से कुल 28 परिवार के 110 लोग प्रभावित हुए हैं. जिनके 12 मकान और 7 गौशालाएं टूट गई हैं. प्रशासन ने इन सभी 110 लोगों को जूनियर हाई स्कूल पास्टा में शिफ्ट किया है. वहीं, इसके अलावा देहरादून जिले में सड़कों की अगर बात की जाए तो जिले में 1 राज्य मार्ग, 1 मुख्य जिला मार्ग और 26 ग्रामीण मोटर मार्ग अवरुद्ध हैं.

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उत्तराखंड में आपदा


उत्तरकाशी में भी हुआ नुकसान: उत्तरकाशी जिले से भी नुकसान की घटनाएं सामने आई है. यहां बरसाती नाले में बही एक महिला की तलाश की जा रही है. इस घटना के दौरान तीन मकान और दो गौशालाओं का नुकसान हुआ. जिसमें 16 मवेशी बह गए. दो पैदल पुलिया टूटी हैं. सड़कों की बात करें तो उत्तरकाशी में 1 जिला मार्ग और 8 ग्रामीण मार्ग अवरुद्ध हैं.

टिहरी में 26 सड़कें बंद: टिहरी जिले में जान माल के नुकसान की खबर नहीं है. लगातार तेज बारिश यहां भी हो रही है. इसके चलते ऋषिकेश चंबा धरासू राष्ट्रीय राजमार्ग NH - 94 अवरुद्ध हुआ. अब इस पर थोड़ा बहुत ट्रैफिक शुरू किया गया है. इसे रात के समय बंद रखा जा रहा है. इसके अलावा टिहरी जिले में 3 राजमार्ग, 1 मुख्य जिला मार्ग और 21 ग्रामीण मार्ग अवरुद्ध है.

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आपदा के कारण अब तक 96 लोगों की मौत

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उधम सिंह नगर में 24 परिवार के 91 लोग आपदा से प्रभावित: उधम सिंह नगर में 17 अगस्त को शाम 7 बजे नानकमत्ता तहसील क्षेत्र में आकाशीय बिजली गिरने की वजह से एक व्यक्ति की मौत हो गई. इससे पहले भी उधम सिंह नगर की अलग-अलग तहसील क्षेत्र में ओलावृष्टि और जल भराव की वजह से खटीमा और काशीपुर के 24 परिवारों के 91 लोग घर से बेघर हुए हैं. इन्हें जिला प्रशासन राहत दे रहा है. इसके अलावा काशीपुर तहसील के अंतर्गत ढेला नदी के ऊपर NH-74 का पुल भी क्षतिग्रस्त हुआ है. जिसे खोलने की कार्रवाई की जा रही है.

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अभी तक प्रदेश भर में 4 NH बंद

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हरिद्वार जिले में अब गंगा नदी अपने खतरे के जलस्तर 294 मीटर से तकरीबन 2 मीटर नीचे 291.9 मीटर पर बह रही है. चमोली के कई गांवों में पेयजल और बिजली भी बारिश के कारण बाधित हुई है. चमोली जिले में अलकनंदा, नंदाकिनी और पिंडर तीनों नदियां अपने खतरे के जलस्तर से नीचे बह रही हैं. वहीं अगर चमोली जिले में सड़कों की बात करें तो ऋषिकेश बदरीनाथ राष्ट्रीय राजमार्ग NH-58 टंयापुल के पास भूस्खलन होने की वजह से बंद हो गया है. इसके अलावा चमोली जिले में 4 राज्य मार्ग, 4 अन्य जिला मार्ग, 1 मुख्य जिला मार्ग और 36 ग्रामीण मोटर मार्ग बंद हैं. चमोली के 7 गांव में पेयजल लाइन और 4 गांव में विद्धुत व्यवस्था भी बाधित है. अल्मोड़ा जिले में तीन ग्रामीण मोटर मार्ग बंद हैं. नैनीताल जिले में 3 राज्य मार्ग और 13 ग्रामीण मोटर मार्ग बंद हैं. बागेश्वर जिले में 2 ग्रामीण मोटर मार्ग बंद हैं. पिथौरागढ़ जिले में 1NH, 4 बॉर्डर रोड और 12 ग्रामीण मार्ग अवरुद्ध हैं, जिन्हें खोलने की कोशिशें की जा रही हैं.

Last Updated :Aug 20, 2023, 4:51 PM IST
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