चमोलीः सिखों के पवित्र तीर्थस्थल हेमकुंड साहिब श्रद्धालुओं के लिए बंद हैं. लेकिन पर्यटक फूलों की घाटी के साथ हेमकुंड साहिब भी पहुंच कर पवित्र सरोवर में स्नान कर रहे हैं. साथ ही यहां के खूबसूरत नजारों का दीदार कर रहे हैं. हालांकि, कोरोना महामारी के चलते हेमकुंड साहिब गुरुद्वारे और लोकपाल लक्ष्मण मंदिर के कपाट अभी नहीं खुले हैं. लेकिन श्रद्धालु और पर्यटक सरकार की अनुमति का इंतजार कर रहे हैं.
बता दें कि बीते 1 जुलाई को नंदादेवी बायोस्फीयर (Nanda Devi Biosphere Reserve) की ओर से फूलों की घाटी (Valley of Flowers) देशी, विदेशी, आम पर्यटकों की आवाजाही लिए खोल दी गई थी. कोरोना संक्रमण के चलते घाटी में प्रवेश करने से पहले पर्यटक के पास RT-PCR, ट्रू नॉट, रैपिड एंटीजन टेस्ट की 72 घंटे पहले की कोरोना निगेटिव रिपोर्ट होना अनिवार्य है. इन दिनों भी फूलों की घाटी और हेमकुंड साहिब में पर्यटकों का तांता लगना शुरू हो गया है.
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जहां पर्यटक फूलों की घाटी का दीदार करने जा रहे हैं तो वहीं हेमकुंड साहिब का भी रुख कर रहे हैं. पर्यटक पवित्र सरोवर में स्नान कर और बाहर से ही गुरुद्वारा श्री हेमकुंड साहिब के दर्शन कर वापस लौट रहे हैं. इस बार कोरोना के चलते चारधाम यात्रा बंद है. इसके अलावा हेमकुंड साहिब के कपाट भी पूरी तरह से बंद हैं. ऐसे में सभी की निगाहें उत्तराखंड हाईकोर्ट के निर्णय पर टिकी हुई हैं.
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वहीं, पर्यटकों के लिए पर्यटन स्थलों के साथ हेमकुंड साहिब का ट्रैक खुला हुआ है. ऐसे में सैलानी हेमकुंड पहुंचकर यहां के खूबसूरत नजारों का दीदार कर रहे हैं. इन्हीं पर्यटकों में समीर और स्नेहा भी शामिल हैं, जो यहां की खूबसूरती के कायल हो गए. उनका कहना है कि लंबे इंतजार के बाद मुंबई से हेमकुंड साहिब पहुंचने का मौका मिला है. यहां पहुंचकर वो काफी खुश हैं. उन्होंने ट्रैकिंग कर प्रकृति को करीब से निहारा है. जिसे वो कभी भूल नहीं पाएंगे.