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फूलों की घाटी का पर्यटक कर रहे दीदार, सैलानियों के लिए कोरोना निगेटिव रिपोर्ट अनिवार्य

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Published : Jul 10, 2021, 5:28 PM IST

Updated : Jul 10, 2021, 5:56 PM IST

valley of flowers
फूलों की घाटी

विश्व धरोहर फूलों की घाटी में इन दिनों कई प्रकार के रंग बिरंगी फूल खिले हुए हैं. जो सैलानियों को अपनी ओर आकर्षित कर रहे हैं. अभी तक 201 पर्यटक फूलों की घाटी का दीदार कर चुके हैं.

चमोलीः विश्व धरोहर 'फूलों की घाटी' पर्यटकों के लिए खोली जा चुकी है. देशभर के अलग-अलग हिस्सों से पर्यटक खूबसूरत घाटी के दीदार के लिए पहुंच रहे हैं. अभी तक विभिन्न राज्यों के 201 पर्यटक फूलों की घाटी का दीदार कर चुके हैं. हालांकि, अभी तक विदेशी पर्यटक फूलों की घाटी नही पहुंचे है. वहीं, घाटी में आने वाले पर्यटकों के लिए कोरोना नेगेटिव रिपोर्ट लानी अनिवार्य है.

बता दें कि बीते 1 जुलाई को नंदादेवी बायोस्फीयर (Nanda Devi Biosphere Reserve) की ओर से फूलों की घाटी (Valley of Flowers) देशी, विदेशी आम पर्यटकों की आवाजाही लिए खोल दी गई थी. कोरोना संक्रमण के बीच घाटी में प्रवेश करने से पहले पर्यटक के पास आरटीपीसीआर, ट्रू नॉट, रैपिड एंटीजन टेस्ट की 72 घंटे पहले की निगेटिव रिपोर्ट होना अनिवार्य है. जिसकी जांच घांघरिया में वन विभाग की चौकी पर तैनात वन विभाग के अधिकारी नियमित करते हैं.

विश्व धरोहर फूलों की घाटी का पर्यटक कर रहे दीदार.

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नंदादेवी बायोस्फीयर के निदेशक अमित कंवर ने बताया कि विश्व धरोहर फूलों की घाटी पर्यटकों के लिए 1 जुलाई को खोली गई थी, जिसके बाद से अभी तक 201 पर्यटक घाटी का दीदार कर चुके हैं. उन्होंने बताया कि बीते साल की अपेक्षा इस बार घाटी में पालिगोनम (खरपतवार) की उपज में कमी हुई है. जिससे इस साल घाटी में काफी मात्रा में फूल खिले हुए हैं.

कोरोना संक्रमण के चलते बीते साल यानी 2020 फूलों की घाटी पर्यटकों के लिए 15 अगस्त को खोली गई थी. पिछले साल 942 देशी, विदेशी पर्यटकों ने फूलों की घाटी का दीदार किया था, लेकिन इस साल पिछले साल की तुलना में 45 दिन पहले घाटी पर्यटकों के लिए खोल दी गई. लिहाजा, पर्यटन विभाग को पर्यटकों की आवाजाही में बढ़ोत्तरी होने की उम्मीद है.

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समुद्र तल से करीब 12,500 फीट की ऊंचाई पर 87.5 वर्ग किमी. क्षेत्रफल में फैली फूलों की घाटी जैव विविधिता का खजाना है. यहां पर दुनिया के दुर्लभ के प्रजाति के फूल, वन्य जीव-जंतु, जड़ी-बूटियां व पक्षी पाए जाते हैं. फूलों की घाटी को साल 1982 में राष्ट्रीय उद्यान घोषित किया गया और साल 2005 में यूनेस्को ने इसे विश्व प्राकृतिक धरोहर का दर्जा प्रदान किया है. फूलों की घाटी भ्रमण के लिए जुलाई, अगस्त व सितंबर के महीनों को सर्वोत्तम माना जाता है. सितंबर में यहां ब्रह्मकमल खिलते हैं.

इन दिनों जापानी फूल 'ब्लू पॉपी' अपनी खूबसूरत छटा बिखेर रहा है. ब्लू पॉपी (blue poppy) के फूलों की घाटी में आने की कहानी भी काफी रोचक है. साल 1986 तक यह फूल घाटी में नजर नहीं आता था. इसी वर्ष जापान के शोध छात्र चो बकांबे फूलों पर शोध के लिए फूलों की घाटी आए. इसी दौरान उन्होंने जापान में पसंद किए जाने वाले ब्लू पॉपी के बीज घाटी में बिखेरे. तीन साल बाद जब वह दोबारा फूलों की घाटी आए तो वहां ब्लू पॉपी की क्यारी सजी थी. तब से यह फूल लगातार यहां खिल रहा है.

Last Updated :Jul 10, 2021, 5:56 PM IST
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