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69वें राज्यस्तरीय गौचर मेले की तैयारी पूरी, CM त्रिवेंद्र करेंगे शुभारंभ

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Published : Nov 13, 2019, 5:26 PM IST

Updated : Nov 13, 2019, 9:06 PM IST

7 दिवसीय 69वां राज्यस्तरीय गौचर मेला.

14 नवम्बर को बाल दिवस के मौके पर राज्यस्तरीय गौचर मेले का आगाज हो जाएगा. वहीं, स्थानीय प्रशासन इन मेले की तैयारियों को अंतिम रूप देने में जुटा है.

चमोली: बाल दिवस के मौके पर 69वें राज्यस्तरीय गौचर मेले शुरू होने जा रहा है. ऐसे में स्थानीय प्रशासन इस मेले की तैयारियों को अंतिम रूप देने जुटा है. वहीं, 14 नवंबर को मुख्यमंत्री इस ऐतिहासिक गौचर मेले का शुभारंभ करेंगे. जिसे लेकर पुलिस ने भी सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम किये हुए हैं.

7 दिवसीय 69वां राज्यस्तरीय गौचर मेला.

बता दें कि गौचर मेले की शुरुवात 1943 में भारत और तिब्बत के साझे व्यापार को लेकर हुई थी. उस दौरान तिब्बत के व्यापारी अपने सामानों को बेचने के लिए नंदादेवी दर्रे को पार कर गौचर पहुंचते थे और भारत में बनी हुई वस्तुओं को खरीदकर तिब्बत ले जाते थे. साल 1962 में भारत- चीन के दौरान कुछ समय के लिए गौचर मेला बंद रहा. जहां सुरक्षा के लिहाज से नंदादेवी दर्रे से आवाजाही पर दोनों ही देशों की सरकारों ने रोक लगा दी.

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वहीं, इस मेले की तैयारियों को लेकर डीएम स्वाति भदौरिया का कहना है कि मेले को आकर्षक बनाने के लिए अलकनंदा नदी में रिवर राफ्टिंग, गौचर हवाई पट्टी पर एयर बलून से एयर सफारी, सहित बॉलीवुड और स्थानीय कलाकारों द्वारा सांस्कृतिक संध्या का आयोजन भी किया जाएगा. साथ ही इस मेले में मनोरंजन को लेकर झूले और एक हजार से अधिक दुकानें और स्टॉल लगाये गए हैं.

Intro:कल गुरूवार को 14 नवम्बर से बाल दिवस के मौके पर शुरू होने वाले 7 दिवसीय 69वॉ राज्यस्तरीय गौचर मेले की तैयारियों को चमोली प्रशासन के द्वारा आज अंतिम रूप दे दिया गया है।कल 14 नवंबर को सूबे के मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत गौचर पहुंचकर मेले का सुभारम्भ करंगे।मुख्यमंत्री की सुरक्षा को लेकर पुलिस व्यवस्थाएं भी चाक चौबंद की गई है।


नोट---बाईट विस्वल मेल से भेजे है।


Body:भारत और तिब्बत के साझे व्यापार को लेकर 1943 में गौचर मेले की शुरुवात हुई थी,तब नंदादेवी दर्रे को पार कर तिब्बत के व्यापारी अपने सामानों को बेचने के लिए गौचर पहुंचते थे।साथ ही भारत में बनी हुई वस्तुओं को खरीदकर तिब्बत ले जाते थे,सन 1962 में भारत- चीन युद्ध के दौरान कुछ समय के लिए गौचर मेला बंद रहा।साथ ही सुरक्षा के लिहाज से नंदादेवी दर्रे से आवाजाही को भी सरकारो के द्वारा बंद किया गया,जिसके बाद से गौचर मेले में आज भी स्थानीय उत्पादों की ही दुकानें और स्टाल लगाए जाते है।


Conclusion:इस वर्ष गौचर मेले को आकर्षक बनाने के लिए अलकनंदा नदी में रिवर राफ्टिंग ,गौचर हवाई पट्टी पर एयर बलून से एयर सफारी,सहित वॉलीवुड और उत्तराखण्ड के कलाकारों के द्वारा सांस्कृतिक संध्या का भी आयोजन रखा गया है,साथ ही मनोरंजन को लेकर झूले,मौत का कुंआ,ड्रेगन के साथ ही एक हजार से अधिक दुकाने और स्टाल गौचर मेले में लगाये गए है।

बाईट--देवानंद शर्मा -एसडीएम (मेलाधिकारी)
Last Updated :Nov 13, 2019, 9:06 PM IST
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