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गर्व का क्षण: जस्टिस सुधांशु धूलिया ने सुप्रीम कोर्ट के जज के रूप में शपथ ली

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Published : May 9, 2022, 10:48 AM IST

Updated : May 9, 2022, 12:36 PM IST

उत्तराखंड के लिए आज खुशखबरी है. जस्टिस सुधांशु धूलिया ने सुप्रीम कोर्ट के जज के रूप में शपथ ले ली है. जस्टिस धूलिया के साथ ही जस्टिस जमशेद बी पारदीवाला ने भी आज सुप्रीम कोर्ट के न्यायाधीश के रूप में शपथ ली है. इसके साथ ही 30 माह बाद सुप्रीम कोर्ट में 34 न्यायाधीशों की पूर्ण क्षमता हो गई है. हालांकि, यह सुखद स्थिति महज दो दिन यानी मंगलवार तक ही रहेगी, क्योंकि 10 मई को जस्टिस विनीत शरण सेवानिवृत्त हो रहे हैं.

Justice Dhulia
जस्टिस सुधांशु धूलिया ने ली शपथ

नई दिल्ली/नैनीताल: सुप्रीम कोर्ट को आज दो नए जज मिल गए हैं. चीफ जस्टिस की अगुवाई वाले पांच जजों के कॉलेजियम ने केंद्र सरकार को भेजी सिफारिश में गुवाहाटी हाईकोर्ट के चीफ जस्टिस सुधांशु धूलिया और गुजरात हाईकोर्ट के जज जस्टिस जमशेद बी परदीवाला को सुप्रीम कोर्ट जज के रूप में नियुक्ति दे दी थी. आज दोनों जजों ने सुप्रीम कोर्ट में पद और गोपनीयता की शपथ ली. इसके साथ ही जस्टिस धूलिया उत्तराखंड हाईकोर्ट से सुप्रीम कोर्ट आने वाले दूसरे जज बन गए हैं.

CJI एनवी रमणा की अध्यक्षता वाले कॉलेजियम में जस्टिस यूयू ललित, जस्टिस खानविलकर, जस्टिस चंद्रचूड़ और जस्टिस नागेश्वर राव हैं. सुधांशु धूलिया मूल रूप से उत्तराखंड के रहने वाले हैं और वह उत्तराखंड हाईकोर्ट के भी न्यायाधीश रह चुके हैं.

जस्टिस सुधांशु धूलिया ने ली शपथ

बता दें कि सुप्रीम कोर्ट में 32 न्यायाधीश हैं, वर्तमान में 34 न्यायाधीशों की स्वीकृत संख्या में से 2 रिक्तियां हैं. हालांकि, कोर्ट जल्द ही और रिक्तियों को भरने के लिए तैयार है. क्योंकि 10 मई और 7 जून को जस्टिस विनीत सरन और एल नागेश्वर राव की सेवानिवृत्त हो रहे हैं.

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कौन है जस्टिस धूलिया: जस्टिस धूलिया का जन्म 10 अगस्त 1960 को लैंसडाउन, पौड़ी गढ़वाल में हुआ था और उनकी प्रारंभिक शिक्षा देहरादून और इलाहाबाद में हुई थी. वह सैनिक स्कूल, लखनऊ के पूर्व छात्र हैं और उन्होंने इलाहाबाद विश्वविद्यालय से लॉ में स्नातक किया है.

न्यायमूर्ति धूलिया 1986 में इलाहाबाद उच्च न्यायालय में बार में शामिल हुए और 2000 में इसके गठन पर अपने गृह राज्य उत्तराखंड में स्थानांतरित हो गए. वह उत्तराखंड उच्च न्यायालय में पहले मुख्य स्थायी वकील थे और बाद में उत्तराखंड राज्य के लिए एक अतिरिक्त महाधिवक्ता थे. उन्हें 2004 में एक वरिष्ठ अधिवक्ता के रूप में नामित किया गया था.

वहीं, नवंबर 2008 में उत्तराखंड के उच्च न्यायालय के न्यायाधीश के रूप में जस्टिस धूलिया को पदोन्नत किया गया था. बाद में 10 जनवरी 2021 को असम, मिजोरम, नागालैंड और अरुणाचल प्रदेश के उच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश बने.

जस्टिस धूलिया के गांव में खुशी की लहर: जस्टिस धूलिया का गांव पौड़ी जिले के मदनपुर में है. जैसे ही आज जस्टिस सुधांशु धूलिया ने सुप्रीम कोर्ट के जज के रूप में शपथ ली, उनके गांव में खुशी की लहर दौड़ गई. उत्तराखंड के अधिवक्ताओं में भी खुशी की लहर है. न्यायमूर्ति धूलिया के दादा भैरव दत्त धूलिया स्वतंत्रता सेनानी थे. वो कर्म भूमि अखबार के सम्पादक भी रहे. पिता केसी धूलिया इलाहाबाद उच्च न्यायालय में न्यायाधीश रहे हैं. न्यायमूर्ति धूलिया से पूर्व उत्तराखंड निवासी न्यायमूर्ति पीसी पंत भी सुप्रीम कोर्ट में न्यायाधीश रह चुके हैं.
कोटद्वार के वकीलों ने भेजा बधाई संदेश: एडवोकेट जसवीर राणा ने कहा कि हमें इस बात पर गर्व है कि हमारे क्षेत्र से एक न्यायप्रिय विद्वान न्यायाधीश देश की सबसे बड़ी अदालत के न्यायाधीश बने हैं. राणा ने कहा कि कोटद्वार के सभी अधिवक्ताओं की ओर से जस्टिस धूलिया को बधाई प्रेषित करते हुए गृह जनपद कोटद्वार आने का निमंत्रण देते हैं. इस अवसर पर कोटद्वार बार एसोसिएशन के अध्यक्ष अजय पंत, पूर्व अध्यक्ष किशन पंवार, अनिल खंतवाल, आशुतोष कण्डवाल, अनुज भट्ट, प्रवेश रावत, सुनील खत्री सहित सभी अधिवक्ताओं ने बधाई संदेश प्रेषित किया है.

मुख्य न्यायाधीश न्यायमूर्ति सुधांशु धूलिया के मूल गांव के वर्तमान ग्राम प्रधान प्रभाकर डोबरियाल बताते हैं कि 2021 अगस्त में सुधांशु धूलिया गांव मदनपुर आये थे. गांव के कुल देवी मंदिर का जीर्णोद्धार कर प्राण-प्रतिष्ठा के शुभ अवसर पर गांव में सह परिवार सहित आये थे. गांव के सभी बुजुर्ग, महिलाओं से स्नेह पूर्वक मिल कर सभी को उपहार भी भेंट किये थे. गांव मदनपुर के दीपक चंद धूलिया, भीम चंद धूलिया ने बताया कि गांव में खुशी का माहौल बना है.

Last Updated : May 9, 2022, 12:36 PM IST
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