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धर्म, आध्यात्म और रोमांच का कंप्लीट पैकेज है गंगोत्री नेशनल पार्क, एक बार जाएंगे तो जिंदगी भर रखेंगे याद!

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Published : Apr 4, 2023, 5:21 PM IST

Updated : Apr 5, 2023, 2:16 PM IST

यदि आप भी धार्मिक और आध्यात्मिक महत्व वाले किसी रोमांचक सफर पर जाने का मन बना रहे हैं, तो तैयार हो जाएं. एक अप्रैल को गंगोत्री नेशनल पार्क के गेट खुल गए हैं. यहां पर कई रोमांच से भरे ट्रैक हैं, जहां आपको प्राकृतिक सौंदर्य से भरा पूरा संसार देखने को मिलेगा.

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देहरादून: उत्तराखंड जहां एक तरफ अपने धार्मिक और आध्यात्मिक महत्व के लिए दुनिया भर में जाना जाता है, वहीं उत्तराखंड की खूबसूरत वादियां भी लोगों को अपनी और आकृषित करती हैं. उत्तराखंड में कई ऐसे स्थान हैं, जहां पर आपको न सिर्फ शांति मिलेगी, बल्कि आप वहां पर प्राकृतिक सौंदर्य का भी भरपूर आनंद ले सकते हैं. कई ऐसे ट्रेक भी हैं जहां पर एडवेंचर टूरिज्म का मचा ले सकते हैं. उत्तराखंड की एक ऐसी ही जगह के बारे में आज हम आपको बताने जा रहे हैं, जहां आप धार्मिक, आध्यात्मिक और प्राकृतिक सौंदर्य के साथ-साथ एडवेंचर टूरिज्म का पूरा मजा एक साथ ले सकते हैं. इतना ही नहीं यहां आपको कई ऐसे वन्यजीवों का दीदार भी हो सकता है, जो कहीं और संभव नहीं है.

उत्तराखंड के जिस पर्यटक स्थल की हम बात कर रहे हैं, वो गंगोत्री नेशनल पार्क है जो अपने आप में कई रहस्य समेटे हुए है. आइए आपको भी लेकर चलते हैं गंगोत्री नेशनल पार्क के रोमांच भरे सफर पर. यहां बता दें कि गंगोत्री नेशनल पार्क का गेट एक अप्रैल को पर्यटकों के लिए खुल गया है.
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गंगोत्री नेशनल पार्क की खासियत: गंगोत्री नेशनल पार्क उत्तराखंड के उत्तरकाशी जिले में स्थित है. गंगोत्री नेशनल पार्क के अंतर्गत ही गोमुख आता है. गोमुख को ही मां गंगा का उद्गम स्थल स्थल कहा जाता है. ऊंचे ऊंचे पहाड़ों पर पड़ी बर्फ, बर्फीले रास्ते से होता हुआ ट्रेक, लुप्त होने की कंगार पर पहुंचे वन्यजीव और कलकल बहती गंगा की धारा आपको यहां देखने को मिलेगी. यदि आप ट्रेकिंग का शौक रखते हैं तो गंगोत्री नेशनल पार्क आपको अपनी ओर आकर्षित करेगा.

30 नवंबर को बंद होगा गेट: हर साल सैकड़ों सैलानी गंगोत्री नेशनल पार्क में घूमने आते हैं. गंगोत्री नेशनल पार्क में पर्यटकों के आने का सिलसिला 1 अप्रैल से शुरू हुआ है. हर साल 30 नवंबर को इस नेशनल पार्क को इसलिए बंद कर दिया जाता है क्योंकि इसके बाद इस पूरे क्षेत्र में सिर्फ और सिर्फ बर्फ की सफेद चादर ही दिखाई देती है. इस बार भी एक अप्रैल से यहां पर पर्यटकों के आने का सिलसिला शुरू हो चुका है. 1553 वर्ग किलोमीटर में फैले गंगोत्री नेशनल पार्क में आपको कई तरह के वन्यजीव देखने को मिल जाएंगे.
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वन्यजीवों का दीदार: गंगोत्री नेशनल पार्क में आपको कई ऐसे वन्यजीव देखने को मिल सकते हैं, जिनका कहीं और दीदार होना मुश्किल है. ऐसे वन्यजीवों की 30 से ज्यादा प्रजातियां गंगोत्री नेशनल पार्क में मौजूद हैं. इनमें एक हिम तेंदुआ है, जिनकी संख्या यहां पर करीब 35 के आसपास है. हिम तेंदुए के साथ-साथ यहां पर आपको लाल लोमड़ी, भूरा भालू, कस्तूरी मृग और नीली भेड़ के साथ-साथ कई ऐसे ही जानवर दिख जाएंगे. इसके अलावा कई पक्षियों की सुरीली आवाज भी सुनकर आपका मन प्रफुल्लित हो जाएगा.

सबसे खूबसूरत जगह: वहीं जिन लोगों को एडवेंचर टूरिज्म का शौक है, वो यहां पर गतांग वैली, नेलांग घाटी, गोमुख तपोवन ट्रेक, केदार ताल ट्रेक और कालिंदी खाल ट्रेक का मजा ले सकते हैं. पार्क की सबसे खूबसूरत जगह के बारे में बात करें तो गोमुख तपोवन ट्रेक इनमें से एक है. गोमुख तपोवन ट्रेक करीब 22 किमी लंबा है, जो गंगोत्री धाम से शुरू होता है और गोमुख तक जाता है. गोमुख में ही मां गंगा का उद्धम स्थल है.

गोमुख तपोवन ट्रेक के बीच से ही आपको तपोवन वासुकी ताल नंदनवन जैसे स्थान दिखाई देते हैं. एक तरफ कलकल बहती गंगा और बड़े-बड़े ग्लेशियर साथ ही दोनों तरफ ऊंचे ऊंचे पहाड़ इस ट्रेक को और भी खूबसूरत बना देते हैं. इसके साथ ही केदारताल ट्रेक भी बेहद खूबसूरत है.
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दुनिया का सबसे लंबा ट्रेक: केदारताल ट्रैक गंगोत्री से लगभग 18 किलोमीटर दूर है. यहां पर पहुंचकर आपको एक बड़ी सी झील मिलेगी. खूबसूरत बर्फ से ढकी चोटियों के बीच आप यादगार समय बिता सकते हैं. सबसे लंबा और सबसे बड़ा अगर कोई ट्रेक है, तो वो कालिंदी खाल ट्रेक है. यह ट्रेक गंगोत्री से बदरीनाथ धाम को जोड़ता है. बताया जाता है कि इससे ट्रेक की दूरी लगभग 90 किलोमीटर की है. इसे दुनिया का सबसे ऊंचा ट्रेक कहा जाता है. हालांकि इसमें जोखिम और खतरनाक रास्ते बहुत हैं. लिहाजा बहुत कम ही पर्यटक इस ट्रेक पर जाते हैं.

नेलांग घाटी भी गंगोत्री नेशनल पार्क की एक खूबसूरत घाटी है, जो कभी चीन से व्यापार के लिए इस्तेमाल की जाती थी. कहा जाता है यहां पर पहुंच कर आपको ऐसा महसूस होगा कि आप लद्दाख की वादियों में पहुंच गए हैं. हूबहू लद्दाख जैसे पहाड़ इस ट्रेक को और भी खूबसूरत बनाते हैं.

गंगोत्री नेशनल पार्क में सबसे अद्भुत और सबसे ज्यादा लोगों को अपनी ओर आकर्षित करने वाली अगर कोई वैली है तो वह गरतांग वैली. बताया जाता है कि भारत और तिब्बत के बीच व्यापारिक गतिविधियों को बढ़ाने के लिए इस खूबसूरत गली को बनाया गया था. इसकी कारीगरी देखने के लिए भी हर साल सैकड़ों पर्यटक यहां पहुंचते हैं. चट्टानों को काटकर पहाड़ों के बीचों बीच बनाए गए इस रास्ते को साल 2021 में पर्यटकों के लिए दोबारा खोला गया. मौजूदा समय में सबसे अधिक पर्यटक अगर उत्तरकाशी पहुंचते हैं तो उनका पहला मकसद यही रहता है कि वह गरतांग गली कर जाएं.

कैसे पहुंचें गंगोत्री नेशनल पार्क: देश के किसी भी कोने से आप बड़ी आसानी से गंगोत्री नेशनल पार्क तक पहुंच सकते हैं. गंगोत्री नेशनल पार्क पहुंचने के लिए सबसे पहले आपको ऋषिकेश पहुंचाना होगा. ऋषिकेश आप हवाई, रेल और बस तीनों मार्ग से पहुंच सकते है. ऋषिकेश रेलवे स्टेशन देश के कई हिस्सों से सीधे जुड़ा हुआ है. वहीं ऋषिकेश से करीब 30 किमी दूर देहरादून का जौलीग्रांट एयरपोर्ट हैं. ऋषिकेश के बाद आपको गंगोत्री नेशनल पार्क तक सड़क मार्ग से ही जाना होगा. यहां आपको उत्तरकाशी पहुंचने में करीब 6 से सात घंटे तक सकते हैं. क्योंकि यहां से गंगोत्री नेशनल पार्क की दूरी करीब 220 किमी है. एक अप्रैल को गंगोत्री नेशनल पार्क का गेट खुल गया है. गंगोत्री नेशनल पार्क की एंट्री फीस करीब 150 रुपए है. फिलहाल आप गोमुख के करीब 23 किमी के ट्रेक की ही अनुमति प्राप्त कर सकते हैं.

Last Updated : Apr 5, 2023, 2:16 PM IST
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