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Kedarnath Dham: कुबेर ग्लेशियर के चलते पैदल मार्ग बंद, मौसम ने यात्रा की तैयारियों पर लगाया ब्रेक

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Published : Apr 4, 2023, 6:16 PM IST

केदारनाथ धाम यात्रा की तैयारियों में इस बार सरकार और प्रशासन के सामने कोई सबसे बड़ी चुनौती बन रहा है तो वो है मौसम. केदारनाथ धाम में पल-पल बदल रहे मौसम ने प्रशासन की मुश्किलें बढ़ा रखी है. बारिश और बर्फबारी के कारण केदारनाथ धाम और पैदल मार्ग पर यात्रा की तैयारियां सही ढंग से नहीं हो पा रही है, जिस पैदल मार्ग को 15 दिन पहले मजूदरों ने बर्फ साफ पूरी तरह आवाजाही के लायक बना दिया था, वो बर्फबारी के बाद फिर से अवरुद्ध हो गया है.

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मौसम ने केदारनाथ यात्रा की तैयारियों पर लगाया ब्रेक.

रुद्रप्रयाग: पहाड़ी क्षेत्रों में हो रही लगातार बेमौसम बारिश से काश्तकार खासे परेशान हैं. बारिश के कारण काश्तकारों की गेहूं और जौ की फसल को नुकसान हुआ है, जबकि साग-सब्जी पर भी बारिश का बुरा असर देखने को मिल रहा है. वहीं केदारनाथ धाम में भी बर्फबारी और बारिश थमने का नाम नहीं ले रही है. बर्फबारी से केदारनाथ पैदल मार्ग जगह-जगह बंद हो गया है. ऐसे में यात्रा की तैयारियों के साथ ही पुनर्निर्माण कार्य भी नहीं हो पा रहे हैं.

बता दें कि विगत एक सप्ताह से उच्च हिमालयी क्षेत्रों में बर्फबारी होने के साथ ही निचले क्षेत्रों में बारिश जारी है. बर्फबारी के कारण जहां केदारनाथ धाम की यात्रा तैयारियां प्रभावित हो रही हैं, वहीं निचले क्षेत्रों में बारिश के कारण काश्तकारों की गेहूं और जौ की फसल बर्बाद हो गयी है. बेमौसम बारिश का असर सब्जियों पर भी पड़ रहा है. काश्तकारों की माने तो यह बारिश अगर समय से हो जाती तो उनकी गेहूं और जौ की फसल को फायदा होता, लेकिन जब ये फसलें पकने को हैं, ऐसे में बारिश होने से फसल को नुकसान पहुंचा रहा है.
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काश्तकार देवेंद्र बिष्ट ने बताय कि बेमौसम बारिश के कारण उनकी गेहूं और जौ की फसल को भारी नुकसान पहुंचा है. इसके साथ ही साग-बाजी पर भी बारिश का गलत असर देखने को मिल रहा है. लगतार हो रही बारिश के कारण ग्रामीण क्षेत्रों में जनजीवन अस्त-व्यस्त है.

वहीं उच्च हिमालयी क्षेत्रों में बर्फबारी जारी है. लगातार एक सप्ताह से हो रही बर्फबारी के कारण केदारनाथ धाम की यात्रा तैयारियां भी प्रभावित हो गयी हैं. 25 अप्रैल को बाबा केदारनाथ के कपाट खुलने हैं और अभी तक केदारनाथ में यात्रा तैयारियों को लेकर कुछ भी कार्य नहीं हुए हैं.
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जिला प्रशासन के मुताबिक 12 मार्च तक केदारनाथ पैदल मार्ग से धाम तक बर्फ को साफ कर दिया गया था, लेकिन मार्च अंतिम सप्ताह से फिर से बर्फबारी शुरू हो गई, जो अभी तक थमी नहीं है. हर दिन केदारनाथ धाम में बर्फबारी हो रही है. जिलाधिकारी मयूर दीक्षित ने बताया कि केदारनाथ धाम में बार-बार मौसम खराब होने एवं भारी बर्फबारी के कारण कुबेर ग्लेशियर पर दोबारा ग्लेशियर आने के कारण यात्रा मार्ग आवाजाही के लिए अवरुद्ध है. यात्रा मार्ग को सुचारू करने के लिए श्रमिकों की ओर से बर्फ हटाने का कार्य निरंतर किया जा रहा है, जिससे यात्रा मार्ग को आवाजाही के लिए जल्द से जल्द शुरू किया जा सके.

उन्होंने बताया कि केदारनाथ पैदल यात्रा मार्ग में जिन स्थानों पर मार्ग क्षतिग्रस्त एवं रेलिंग टूटी हुई हैं, उनका मरम्मत कार्य तीव्र गति से किया जा रहा है और यात्रा मार्ग में तीर्थ यात्रियों को स्वच्छ पेयजल उपलब्ध कराए जाने को लेकर पेयजल स्टैंड पोस्ट, हैंडपम्प एवं पेयजल लाइनों का मरम्मत कार्य किया जा रहा है.
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साथ ही घोड़े-खच्चरों को पानी उपलब्ध कराए जाने के लिए पानी की चरियों के मरम्मत एवं निर्माण कार्य तेजी से किया जा रहा है और सुलभ इंटरनेशनल की ओर से यात्रा मार्ग में शौचालय निर्माण कार्य त्वरित गति से किया जा रहा है. बताया कि केदारनाथ धाम में लगातार बर्फबारी हो रही है, जिस कारण पुनर्निर्माण के कारण भी नहीं हो रहे हैं. केदारनाथ पैदल मार्ग पर बड़े-बड़े ग्लेशियर बन गये हैं, जिन्हें काटकर पैदल मार्ग दुरूस्त करने के प्रयास किये जा रहे हैं, जहां-जहां विभाग की टीमें पहुंच पा रही है, वहां पर कार्य किये जा रहे हैं. आने वाले दिनों में मौसम साफ होने के बाद यात्रा तैयारियों को तेज गति से करने के प्रयास किये जायेंगे.

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