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बनारस में एमएलसी चुनाव बना बीजेपी और बाहुबली परिवार की प्रतिष्ठा का सवाल....

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Published : Apr 9, 2022, 3:02 PM IST

वाराणसी में यूपी विधान परिषद चुनाव के लिए मतदान जारी है. यह चुनाव बीजेपी और बाहुबली परिवार के लिए प्रतिष्ठा बन चुका है.

एमएलसी चुनाव
एमएलसी चुनाव

वाराणसी: 2022 में उत्तर प्रदेश में जहां से भारतीय जनता पार्टी ने बड़े बहुमत के साथ जीत हासिल की, उसके बाद अब बीजेपी की नजर यहां चल रहे स्थानीय प्राधिकारी विधान परिषद के चुनाव में सभी सीटों पर जीत हासिल करने की है. बीजेपी के लिए वैसे तो कई अलग-अलग जिले की सीटें प्रतिष्ठा का सवाल है लेकिन प्रधानमंत्री मोदी के संसदीय क्षेत्र वाराणसी की एमएलसी सीट बीजेपी के साथ बाहुबली बृजेश सिंह के परिवार के लिए भी काफी महत्वपूर्ण है, क्योंकि एक तरफ जहां इस बार बड़ी जीत से गदगद बीजेपी वाराणसी की इस सीट पर जीत हासिल करना चाह रही है, तो वही वर्तमान एमएलसी बृजेश सिंह 24 सालों से अपने परिवार के कब्जे वाली इस सीट पर इस बार फिर से अपना दबदबा बनाए रखना चाह रहे है. इस बार बृजेश सीधे तो नहीं लेकिन उनकी पत्नी अन्नपूर्णा सिंह मैदान में हैं और बृजेश की पत्नी के अलावा बीजेपी के डॉ. सुदामा पटेल और समाजवादी पार्टी के उमेश बनारस की इस सीट से ताल ठोक रहे हैं.


बनारस में एमएलसी चुनाव के लिए मतदान सुबह 8:00 बजे से शुरू हुआ है जो शाम 4:00 बजे तक चलेगा. वाराणसी समेत चंदौली और भदोही सर्किल के साथ यहां पर कुल 4949 मतदाता अपने मताधिकार का प्रयोग करने वाले हैं. जिनमें वाराणसी के 11 मतदान केंद्रों पर 1875 मतदाता, चंदौली के 9 मतदान केंद्रों पर 1720 मतदाता और भदोही के 6 मतदान केंद्रों पर 1354 मतदाता अपने मताधिकार का प्रयोग करेंगे.

वाराणसी में एमएलसी चुनाव.

वाराणसी के नगर निगम बूथ पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी भी मतदाता के रूप में दर्ज हैं, लेकिन वह अपने मताधिकार का प्रयोग करने नहीं आए हैं. इसके अतिरिक्त सांसदों केंद्रीय मंत्री महेंद्र नाथ पांडे भी चंदौली में वोटर के तौर पर अपने मताधिकार का प्रयोग करने पहुंचेंगे कि नहीं अभी संशय की स्थिति है.फिलहाल वाराणसी में दोपहर 12 बजे तक 64.94 फीसदी मतदान हो चुका था. वाराणसी में इस बार एमएलसी चुनाव बीजेपी और बाहुबली बृजेश सिंह के परिवार के लिए काफी महत्वपूर्ण माना जा रहा है, क्योंकि 24 सालों से बनारस की इस सीट पर बृजेश सिंह या उनके परिवार का ही कब्जा रहा है. पहले दो बार भारतीय जनता पार्टी के टिकट पर बृजेश सिंह के बड़े भाई चुलबुल सिंह वाराणसी की सीट से एमएलसी रहे हैं और 2010 में बृजेश सिंह की पत्नी अन्नपूर्णा सिंह ने बहुजन समाज पार्टी के टिकट पर यहां से जीत हासिल की थी.

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2016 में बृजेश सिंह ने भी वाराणसी में समाजवादी पार्टी की प्रत्याशी को हराते हुए इस सीट पर जीत हासिल की थी और इस बार बृजेश सिंह ने नामांकन तो किया लेकिन पत्नी के नामांकन पत्र को आगे बढ़ाते हुए उन्होंने अपना नामांकन वापस ले लिया था. इसकी बड़ी वजह यह रही कि पिछले 2016 के चुनाव में भारतीय जनता पार्टी ने बृजेश सिंह को पीछे से समर्थन देकर एमएलसी के चुनाव में उन्हें जीत हासिल करवाई थी लेकिन इस बार लगातार एक जाति विशेष का समर्थन करने के आरोपों और ब्राह्मणों की नाराजगी झेल रही बीजेपी की योगी सरकार ने दूसरी बार सत्ता में आने के बाद स्ट्रेटजी बदलते हुए बृजेश सिंह के खिलाफ डॉ सुदामा पटेल को मैदान में उतारा है और इस बार बनारस की यह सीट बीजेपी के साथ बृजेश के लिए भी काफी प्रतिष्ठा का सवाल बनी हुई है.


बृजेश एक तरफ जहां अपनी पत्नी को जीत हासिल करवाने के लिए और अपने 24 सालों के दबदबे को कायम करने के लिए संघर्ष कर रहे हैं तो बीजेपी यूपी में मिली बड़ी जीत के बाद बनारस की इस सीट पर भी जीत हासिल करके एक नया रिकॉर्ड बनाने की तैयारी में है. अब 12 अप्रैल को मतगणना के बाद ही तस्वीर साफ होगी कि किसे जीत मिलेगी.

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