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यूनेस्को के विश्व धरोहरों में शामिल वाराणसी के रामनगर की रामलीला की हुई शुरुआत, 240 साल है पुरानी

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By ETV Bharat Uttar Pradesh Team

Published : Sep 29, 2023, 10:37 AM IST

Updated : Sep 29, 2023, 10:46 AM IST

रामनगर की रामलीला (Ramlila of Ramnagar) की शुरुआत जनता और आयोजकों के समर्पण से शुरू हो गई है. राममनगर किले के सामने बग्घी पर विराजमान काशीराज परिवार के सदस्य शाही सवारी करते हुए निकले.

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वाराणसी: कोई हाथ में चांदी की छड़ी लिया था तो कोई माथे पर लाल चंदन लगाकर इठला रहा था. कोई शोर सुनकर आवाज लगा रहा था सावधान शांत रहो. तभी आकशवाणी होती है और रावण जन्म के बाद राम जन्म की भविष्यवाणी से सब उत्साहित हो उठे. ये किसी फिल्म की स्क्रिप्ट नहीं बल्कि यूनेस्को की हेरिटेज लिस्ट में शामिल रामनगर की 240 साल पुरानी रामलीला की शुरुआत का पहले दिन की लीला और वहां के माहौल की जीवंत तस्वीरें हैं.

दरसअल, यूनेस्को की इंटेजिबल हेरिटेज रामनगर की रामलीला की पहली शाम दर्शकों और श्रद्धालुओं का रेला उमड़ पड़ा. अनंत चतुर्दशी से लेकर दशहरे तक लगभग एक महीने से ज्यादा वक्त तक चलने वाली इस लीला में गुरुवार को रावण जन्म के साथ ही रावण, कुंभकरण और विभीषण की तपस्या से ब्रह्मा के प्रकट होने और तीनों को वरदान दिए की लीला का मंचन हुआ. रावण ने जहां किसी वानर पशु या मानव के हाथों न मृत्यु होने का वरदान मांगा तो कुंभकरण ने 6 महीने सोने और एक दिन उठने का वरदान मांग कर ब्रह्मा का आशीर्वाद पाया. वहीं, विभीषण ने प्रभु के चरणों में वंदन करके अपने जीवन को धन्य करने का ही वरदान मांगा. इस लीला के मंचन के लगभग डेढ़ घंटे बाद झांकी सजी. जिसमें श्री हरि विष्णु की मौजूदगी में भगवान राम के जन्म की भविष्यवाणी हुई.

पहले दिन की लीला में परम्परा का निर्वहन करते हुए रामनगर किले के सामने बग्घी पर लक्ष्मी-नारायण को विराजमान किया गया. काशीराज परिवार के सदस्य कुंवर अनंत नारायण सिंह रामनगर के किले से बग्घी की शाही सवारी करते हुए निकले. उनका हर-हर महादेव की गूंज के साथ स्वागत हुआ. कुंवर अनंत नारायण की शाही सवारी चौक पहुंची और फिर बाद रामबाग में रुकी. जहां 36वीं वाहिनी पीएसी के जवानों की टुकड़ी ने कुंवर अनंत नारायण सिंह को गार्ड ऑफ ऑनर दिया. इसके बाद रामबाग के कैंपस में रावण जन्म के प्रसंग से रामलीला का आह्वान हुआ.

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Last Updated :Sep 29, 2023, 10:46 AM IST
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