ETV Bharat / state

बनारस की स्मार्ट हो चुकी गलियों में छुट्टा जानवर का आतंक, कागजों तक सिमटा शासन का आदेश

author img

By

Published : Sep 30, 2022, 9:23 PM IST

Updated : Sep 30, 2022, 10:41 PM IST

वाराणसी में गालियां भले ही स्मार्ट हो चुकी है. लेकिन लगातार छुट्टा पशुओं का आतंक जारी है, जिसके चलते लोगों को खासा दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है. वहीं, नगर आयुक्त प्रणय सिंह का दावा है कि 10 अक्टूबर तक इस ओर बड़े बदलाव किए जाएंगे.

etv bharat
गलियों में छुट्टा जानवर का आतंक

वाराणसी: बनारसी गलियां भी शहर में अपनी एक अलग पहचना रखती है. करोड़ खर्च के बाद अब इन गलियों का कायाकल्प हुआ और ये स्मार्ट बन चुकी है. लेकिन कुछ लोगों की लापरवाही की वजह से इन गलियों का स्वरूप फिर से बिगड़ता जा रहा है और यहां आने जाने वाले लोगों को काफी परेशानियों का सामना भी करना पड़ रहा है. गलियों में पहले सबसे बड़ी समस्या आवारा पशुओं की थी, जो अब भी बरकरार है. जी हां हालात यह हैं कि जिन गलियों से आप गुजरेंगे वहां पर आपको गाय और सांड बैठे जरूर मिल जाएंगे, जो ना सिर्फ गलियों को मुंह चढ़ाने का काम कर रहे हैं, बल्कि नगर निगम को भी फेल बता रहे हैं, जिसके तहत नगर निगम में अवैध डेरी पर रोक लगाने के लिए सिर्फ दो पशुओं को ही निजी कार्यों के लिए अपने पास रखने की अनुमति दी थी.

बनारसी गलियों में छुट्टा जानवर का आतंक

दरअसल, बनारस की गलियों के अंदर अवैध डेरी का संचालन लंबे वक्त से होता आ रहा है, जबकि सरकारी आदेश के मुताबिक अवैध रूप से डेरी संचालन प्रतिबंधित है और निजी कार्यों के लिए सिर्फ दो जानवरों को रखने की अनुमति दी गई है. इस आदेश को कागजों में तो लागू कर दिया गया है. लेकिन हकीकत में बनारस की गलियों के अंदर नगर निगम की लापरवाही का खामियाजा यहां रहने वाले लोगों को भुगतना पड़ता है, क्योंकि पूरा दिन सैकड़ों की संख्या में अवैध रूप से डेहरी का संचालन इन गलियों के अंदर हो रहा है, बल्कि दो जानवरों को रखने के आदेश का माखौल उड़ाते हुए काफी संख्या में जानवर रखे जा रहे हैं और इनको सिर्फ पैसा कमाने के लिए इस्तेमाल करके बाकी वक्त के लिए गलियों में ऐसे ही छोड़ दिया जा रहा है.

स्थानीय लोगों का कहना है कि पूरा दिन गाय और भैंस को रखने वाले लोग इनसे पैसा कमाने के लिए इनका दूध निकाल कर फिर से गलियों में छोड़ देते हैं, जिसकी वजह से लोगों को परेशानी उठानी पड़ती है. इनके इधर-उधर भागने और हमले की वजह से लोगों घायल हो रहे है. वहीं, नगर आयुक्त प्रणय सिंह ने कहा कि इस समस्या का समाधान करने की कोशिश नगर निगम ने की थी. लेकिन गलियों के अंदर गाड़ी ना जाने की वजह से मैनुअल तरीके से जानवरों को पकड़ना संभव नहीं हो पाता, लेकिन मामला संज्ञान में आने के बाद 1 अक्टूबर से उन्होंने फिर से बृहद पैमाने पर कार्रवाई शुरू करने की बात कही है और 10 अक्टूबर तक बड़े बदलाव दिखने का दावा भी किया है.

यह भी पढ़ें- वाराणसी में PFI का एक और सदस्य गिरफ्तार, पार्षद का चुनाव लड़ने की तैयारी में था


Last Updated :Sep 30, 2022, 10:41 PM IST
ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.