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अयोध्या में रामलला की प्राण प्रतिष्ठा के चलते बढ़ी धार्मिक पुस्तकों की बिक्री, गीता प्रेस में दिन-रात हो रही छपाई

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By ETV Bharat Uttar Pradesh Team

Published : Jan 17, 2024, 1:53 PM IST

अयोध्या में राम मंदिर निर्माण और प्राण प्रतिष्ठा को लेकर बाजार में रामायण और श्रीराम चरित मानस ग्रंथों की बिक्री बढ़ गई है. हालत यह है कि पिछले 10 दिनों में डिमांड ज्यादा आने से किताबें कम पड़ गई हैं.

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प्राण प्रतिष्ठा के चलते बढ़ी धार्मिक पुस्तकों की बिक्री

वाराणसी : धर्म और अध्यात्म की नगरी काशी में इन दिनों रामलला की धूम है. वहीं 22 जनवरी को अयोध्या में रामलला की मूर्ति की प्राण प्रतिष्ठा होगी. इसके पहले छह दिवसीय अनुष्ठान किया जा रहा है. वाराणसी की तमाम पुस्तकों की दुकान और गीता गोरखपुर प्रेस की दुकान पर इन दिनों श्रीरामचरित्र मानस, वाल्मीकि रामायण, सुंदरकांड और राम से संबंधित पुस्तकों की डिमांड बढ़ गई है. हालत यह है कि पिछले 10 दिनों में डिमांड ज्यादा आने से किताबें कम पड़ गई हैं.

भेंट स्वरूप लोग दे रहे हैं श्रीरामचरित्र मानस : ऋषिकांत वर्मा ने बताया कि मैं पिछले 20 सालों से लोगों को सुंदरकांड और राम से संबंधित पुस्तक को देता हूं सत्संग के माध्यम से राम नाम का प्रचार करता हूं, लेकिन पिछले कुछ दिनों से और राम की पुस्तक जैसे श्री राम चरित्र मानस वाल्मीकि रामायण सुंदरकांड की पुस्तक की काफी कमी समझ में आ रही है. यह पता चला है कि यहां पर लोग किताबें ज्यादा खरीद रहे हैं और खासकर युवाओं में भी अब राम को जानने का इच्छा ज्यादा हो गई है. ऐसे में राम से संबंधित छोटी-छोटी पुस्तक लोग बहुत तेजी से खरीद रहे हैं. हम भी बच्चों को खरीद कर दे रहे हैं, ताकि वह राम को जान सकें. यह राम मंदिर से ही ऐसा हुआ है.


श्रीरामचरित के प्रति बढ़ा लगाव : विजय कुमार शर्मा ने बताया अयोध्या में श्री राम मंदिर बनकर तैयार हो गया है. उसकी प्राण प्रतिष्ठा का समय नजदीक आ गया है. ऐसे में लोगों में अब श्रीरामचरित के प्रति लगाव बढ़ गया है. लोग पढ़ना चाहते हैं. जिसमें वाल्मीकि रामायण, श्रीरामचरित मानस, तुलसीदास के साहित्य लोगों की रुचि बढ़ी है. लोग घरों में रख रहे हैं. आपस में एक दूसरे को भेंट स्वरूप दे रहे हैं. उसके साथ मंदिरों में दान के रूप में दिया जा रहा है. डिमांड ज्यादा होने से किताबें कम पड़ रही हैं.

गोरखपुर में दिन-रात हो रही है छपाई : विजय कुमार ने बताया कि गोरखपुर में भी रात-दिन लगकर ज्यादा से ज्यादा इन पुस्तकों की छपाई हो रही है, ताकि श्रद्धालुओं की डिमांड को पूरा किया जाए. हम आपको बता दें कि पिछले 20 दिनों से यह हो रहा है. जैसे-जैसे स्थापना की तारीख नजदीक आ रही है, वैसे-वैसे डिमांड बढ़ती जा रही है. हर राज्य से लोग किताब खरीद रहे हैं. हम आपको बता दें बिहार, झारखंड, मध्य प्रदेश, राजस्थान, उड़ीसा, बंगाल, असम में एक महीने में हजारों की संख्या में रामचरितमानस बिक रही हैं.

यह भी पढ़ें : राम मंदिर प्राण प्रतिष्ठा; अनुष्ठान का आज दूसरा दिन, भ्रमण के बाद आज परिसर में प्रवेश करेंगे रामलला

यह भी पढ़ें : 'बाबरी मस्जिद से तीन किमी. दूर क्यों बन रहा राम मंदिर', शिवसेना नेता संजय राउत के सवाल पर सीएम योगी ने दिया ये जवाब...

प्राण प्रतिष्ठा के चलते बढ़ी धार्मिक पुस्तकों की बिक्री

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भेंट स्वरूप लोग दे रहे हैं श्रीरामचरित्र मानस : ऋषिकांत वर्मा ने बताया कि मैं पिछले 20 सालों से लोगों को सुंदरकांड और राम से संबंधित पुस्तक को देता हूं सत्संग के माध्यम से राम नाम का प्रचार करता हूं, लेकिन पिछले कुछ दिनों से और राम की पुस्तक जैसे श्री राम चरित्र मानस वाल्मीकि रामायण सुंदरकांड की पुस्तक की काफी कमी समझ में आ रही है. यह पता चला है कि यहां पर लोग किताबें ज्यादा खरीद रहे हैं और खासकर युवाओं में भी अब राम को जानने का इच्छा ज्यादा हो गई है. ऐसे में राम से संबंधित छोटी-छोटी पुस्तक लोग बहुत तेजी से खरीद रहे हैं. हम भी बच्चों को खरीद कर दे रहे हैं, ताकि वह राम को जान सकें. यह राम मंदिर से ही ऐसा हुआ है.


श्रीरामचरित के प्रति बढ़ा लगाव : विजय कुमार शर्मा ने बताया अयोध्या में श्री राम मंदिर बनकर तैयार हो गया है. उसकी प्राण प्रतिष्ठा का समय नजदीक आ गया है. ऐसे में लोगों में अब श्रीरामचरित के प्रति लगाव बढ़ गया है. लोग पढ़ना चाहते हैं. जिसमें वाल्मीकि रामायण, श्रीरामचरित मानस, तुलसीदास के साहित्य लोगों की रुचि बढ़ी है. लोग घरों में रख रहे हैं. आपस में एक दूसरे को भेंट स्वरूप दे रहे हैं. उसके साथ मंदिरों में दान के रूप में दिया जा रहा है. डिमांड ज्यादा होने से किताबें कम पड़ रही हैं.

गोरखपुर में दिन-रात हो रही है छपाई : विजय कुमार ने बताया कि गोरखपुर में भी रात-दिन लगकर ज्यादा से ज्यादा इन पुस्तकों की छपाई हो रही है, ताकि श्रद्धालुओं की डिमांड को पूरा किया जाए. हम आपको बता दें कि पिछले 20 दिनों से यह हो रहा है. जैसे-जैसे स्थापना की तारीख नजदीक आ रही है, वैसे-वैसे डिमांड बढ़ती जा रही है. हर राज्य से लोग किताब खरीद रहे हैं. हम आपको बता दें बिहार, झारखंड, मध्य प्रदेश, राजस्थान, उड़ीसा, बंगाल, असम में एक महीने में हजारों की संख्या में रामचरितमानस बिक रही हैं.

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