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वाराणसी: आत्मनिर्भर भारत के लिए गंगा तट पर भगवान राम से की गई प्रार्थना

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Published : Aug 4, 2020, 12:53 PM IST

Updated : Aug 4, 2020, 1:05 PM IST

Varanasi news
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वाराणसी के दशाश्वमेध घाट पर जिस जगह प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी खड़े होकर गंगा आरती करते हैं. उस जगह पर नमामि गंगे संस्थान ने रामायण का पाठ किया. अयोध्या में राम मंदिर के शिलान्यास के उपलक्ष में किए जा रहे इस पूजन में कोरोना और आतंकवाद के विनाश की कामना की गई. उनका कहना है कि राम मंदिर का शिलान्यास भारत की संस्कृति के परम वैभव का दिन है.

वाराणसी: दशाश्वमेध घाट पर जिस जगह प्रधानमंत्री खड़े होकर गंगा पूजन किया करते हैं. उस जगह पर मंगलवार को नमामि गंगे संस्थान ने रामायण का पाठ किया. अयोध्या में राम मंदिर के शिलान्यास के उपलक्ष्य में किए गए. इस कार्यक्रम में भगवान राम से कोरोना और आतंकवाद के जड़ मूल विनाश की दुआ मांगी गई.

प्रस्तावित राम मंदिर की उतारी गई आरती
पूजन के दौरान हाथों में श्रीमद्भागवत गीता और तिरंगा लेकर नमामि गंगे के कार्यकर्ताओं ने आत्मनिर्भर भारत, देश की उम्मीदों के कल्याण और आपसी भाईचारे की बुनियाद कायम रखने के लिए प्रार्थना की. राम मंदिर के भूमि पूजन की खुशी लोगों के चेहरों पर सहज ही देखी जा सकती है. पूजन के दौरान अयोध्या में प्रस्तावित राम मंदिर के चित्र की आरती उतारी गई और पीतांबर प्रिय राम को फूल और भोग अर्पण किए गए.

राम मंदिर का भूमि पूजन परम वैभव का दिन
नमामि गंगे संस्थान के संयोजक राजेश शुक्ला ने कहा कि भगवान श्रीराम के वजूद पर हिंदुस्तान को नाज है. भगवान श्रीराम के जन्मस्थल अयोध्या में राम मंदिर का निर्माण भारतीय समाज के खंडित स्वाभिमान की पुनः प्रतिष्ठा है. भारतवर्ष को एक सूत्र में पिरोने वाले राम मंदिर निर्माण से भारतीयों की आस्था भी जुड़ी हुई है. राम मंदिर निर्माण के लिए भूमि पूजन सनातनी संस्कृति के परम वैभव का दिन है. सर्वदा कल्याणकारी राम आत्मनिर्भर भारत में सहायक हों यही कामना है. मंदिर निर्माण के साथ ही अभिषेक महामारी भारत से दूर चली जाने की प्रार्थना की गई है.

Last Updated :Aug 4, 2020, 1:05 PM IST
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