ETV Bharat / state

बांके बिहारी मंदिर कॉरिडोर को लेकर सुनवाई नहीं हुई पूरी, कल भी रहेगा जारी

author img

By ETV Bharat Uttar Pradesh Team

Published : Nov 6, 2023, 11:22 AM IST

Updated : Nov 6, 2023, 10:05 PM IST

हाईकोर्ट में बांके बिहारी मंदिर कॉरिडोर (Banke Bihari Mandir Corridor) को लेकर आज सुनवाई पूरी नहीं हो सकी. हाईकोर्ट ने मंगलवार को सुनवाई जारी रखने को कहा है. चलिए जानते हैं अभी तक इस मामले की सुनवाई में क्या कुछ हुआ.

ोे्ि
ोे्ि

प्रयागराज/मथुरा: वृंदावन स्थित बांके बिहारी मंदिर में दर्शनार्थियों की सुविधा व सुरक्षा के लिए प्रस्तावित कॉरिडोर निर्माण मामले की सुनवाई सोमवार को पूरी नहीं हो सकी. इलाहाबाद हाईकोर्ट ने इस मामले की सुनवाई मंगलवार को जारी रखने को कहा है. यह आदेश मुख्य न्यायमूर्ति प्रीतिंकर दिवाकर एवं न्यायमूर्ति आशुतोष श्रीवास्तव की खंडपीठ अनंत कुमार शर्मा ने दिया.

अधिवक्ता श्रेया गुप्ता ने आज याचिका की पोषणीयता पर की गई आपत्ति पर अपने तर्क प्रस्तुत किए. सेवाइतों की ओर से अधिवक्ता संजय गोस्वामी ने मंदिर की व्यवस्था को लेकर नियुक्त रिसीवर और उसके संबंध में जिला जज व अधीनस्थ अदालत के आदेश की जानकारी दी. कोर्ट ने अधीनस्थ अदालत के वादपत्र के संबंध में पूछा तो उन्होंने कहा कि वह इसकी कॉपी उपलब्ध करा सकते हैं. कोर्ट ने मामले की सुनवाई मंगलवार को जारी रखने का निर्देश दिया. वहीं, एक अर्जी देकर मथुरा वृंदावन में बंदरों के आतंक से निजात दिलाने के लिए मंकी सफारी बनाने का निर्देश दिए जाने की मांग की गई. अर्जी में कहा गया कि बंदरों के अचानक हमले से अब तक 500 लोगों की मौत हो चुकी है.

कोर्ट के आदेश पर सरकार ने रखा कॉरिडोर का प्रस्ताव
अपर महाधिवक्ता मनीष गोयल सीएससी कुणल रवि ने साफ किया कि भीड़ को नियंत्रण करने और कानून व्यवस्था बनाए रखने की सरकार की प्राथमिकता होगी. हाई कोर्ट के आदेश पर सरकार ने कॉरिडोर बनाने का प्रस्ताव हाई कोर्ट में रखा. सरकार ने कहा कि मंदिर के आसपास की जमीन खरीद कर कॉरिडोर का निर्माण करना चाहती है. सेवायतों के अधिकार में हस्तक्षेप नहीं होगा. इलाहाबाद हाईकोर्ट ने 28 नवंबर 2022 को आदेश की सुप्रीम कोर्ट ने पुष्टि कर दी. कोर्ट ने रिटायर्ड जस्टिस सुधीर नारायण अग्रवाल को मौके पर परीक्षा का रिपोर्ट पेश करने को कहा गया.

भीड़ नियंत्रित करना सरकार की जिम्मेदारी
इलाहाबाद हाईकोर्ट में कॉरिडोर के मामले में सुनवाई के दौरान सरकार के अधिवक्ता ने कहा था कि मंदिर का प्रमुख द्वार और आसपास की भीड़ को नियंत्रित करने के लिए सरकार उचित कदम उठाए. मंदिर की व्यवस्थाएं और श्रद्धालुओं की भीड़ नियंत्रित करने के लिए सरकार की जिम्मेदारी होगी. मंदिर प्रबंधक से इसका सरोकार नहीं है. सेवायतों के अधिवक्ता संजय गोस्वामी पहले ही कह चुके हैं यदि बांके बिहारी मंदिर के गुसाइयों के अधिकार में हस्तक्षेप नहीं किया जाता तो कॉरिडोर योजना पर कोई आपत्ति नहीं है.

3 नवंबर को नहीं हो सकी थी सुनवाई
कॉरिडोर को लेकर इलाहाबाद हाईकोर्ट में 3 नवंबर को सुनवाई होनी थी. लेकिन, व्यस्तता के चलते न्यायालय ने 6 नवंबर को सुनवाई की डेट तय की थी. सेवायत की तरफ से हाईकोर्ट के सामने प्राचीन महल की सुरक्षा, कुंज गलियां की वीडियोग्राफी और वृंदावन के पौराणिक स्वरूप से कोई छेड़छाड़ न करने की गुजारिश की गई थी. कॉरिडोर बनाने से मथुरा वृंदावन में पौराणिक स्वरूप खत्म नहीं होना चाहिए. बिना कानूनी प्रक्रिया अपनाए बगैर मुआवजा दिए कॉरिडोर के लिए धस्तीकरण की कार्रवाई भी नहीं की जानी चाहिए.

ये भी पढ़ेंः बांके बिहारी मंदिर कॉरिडोर मामलाः सरकार के हस्तक्षेप से बिगड़ सकता है वृंदावन का पौराणिक स्वरूप, सेवायतों ने जताई आशंका

ये भी पढ़ेंः Banke Bihari Mandir Corridor : प्रबंधन को सरकार का हस्तक्षेप स्वीकार नहीं, कोर्ट ने सरकार से पूछा- कैसे बनाएंगे कॉरिडोर

Last Updated :Nov 6, 2023, 10:05 PM IST
ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.