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ज्ञानवापी श्रृंगार गौरी मामलाः शिवलिंग की कार्बन डेटिंग की मांग, वाराणसी में पोस्टर वार

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Published : Sep 30, 2022, 10:50 AM IST

Updated : Sep 30, 2022, 1:52 PM IST

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ज्ञानवापी श्रृंगार गौरी मामला

ज्ञानवापी श्रृंगार गौरी मामला में कथित शिवलिंग की कार्बन डेटिंग की मांग को लेकर विवाद बढ़ता ही जा रहा है. शहर में हिंदू संगठन ने लगाए पोस्टर तो वहीं, विश्व वैदिक सनातन संघ ने भी अपना पोस्टर जारी कर विरोध जताया है. इस मामले में अगली सुनवाई 7 अक्टूबर को तय है.

वाराणसी: ज्ञानवापी मस्जिद में मिले कथित शिवलिंग की वैज्ञानिक जांच के लिए हिंदू पक्ष की तरफ से दायर याचिका को लेकर माहौल गर्म होता दिख रहा है. इस मामले को लेकर एक तरफ जहां विश्व बौद्धिक सनातन संघ की तरफ से नाराजगी जताते हुए कार्बन डेटिंग ना कराए जाने की मांग की है. वहीं, हिंदू संगठन इसके समर्थन में उतर आए है. दोनो पक्षों के बीच शहर में पोस्टर वार शुरू हो गया है. भगवा रक्षा वाहिनी की तरफ से शहर के कई इलाकों में कार्बन डेटिंग के समर्थन में पोस्टर लगाए गए हैं. वहीं विश्व सनातन संघ प्रमुख जितेंद्र सिंह ने सोशल मीडिया पर पोस्टर जारी करते हुए दूसरे पक्ष पर निशाना साधा.

गौरतलब है कि शहर में अंधरापुल, कचहरी सहित अन्य स्थानों पर कथित शिवलिंग की वैज्ञानिक जांच की मांग के लिए पोस्टर लगाए गए हैं. प्रकरण जानकारी में आने पर पुलिस ने पोस्टर हटाने की कवायद शुरू कर दी है. शहर में लगाए गए पोस्टर में शिवलिंग की वैज्ञानिक जांच का समर्थन करने वाले पोस्टर में भगवा रक्षा वाहिनी वाराणसी का नाम लिखा है. पोस्टर में एडवोकेट हरि शंकर जैन व विष्णु शंकर जैन के अलावा आशीष तिवारी, सुमित राज और संजय शर्मा की फोटो भी लगी हुई है.

इसके साथ ही कमिश्नरेट की पुलिस ने जांच भी शुरू कर दी है कि पोस्टर लगवाने वाले कौन हैं और उन्होंने किसकी अनुमति से ऐसा किया है. हालांकि अभी तक इस संबंध में कमिश्नरेट के पुलिस अफसर की तरफ से अब तक कोई आधिकारिक बयान सामने नहीं आया है. वहीं, विश्व वैदिक सनातन संघ के प्रमुख जितेंद्र सिंह विसेन ने शहर में लगाए गए पोस्टर पर सवाल उठाए हैं. उन्होंने शुक्रवार सुबह कहा कि विश्व वैदिक सनातन संघ का समर्थन करने वालों के ऊपर फर्जी एफआईआर कर जेल भेजा जा रहा है और एडवोकेट हरि शंकर जैन का समर्थन करने वालों को माला पहनाई जा रही है. वाराणसी पुलिस और प्रशासन की भूमिका क्या है, जवाब तो देना ही पड़ेगा. उन्होंने इस दौरान अपनी और दूसरे हिंदू पक्ष की मानसिकता में अंतर बताया.

बता दें कि श्रृंगार गौरी के नियमित दर्शन-पूजन का मुकदमा जितेंद्र सिंह विसेन की अगुवाई में राखी सिंह सहित 5 महिलाओं ने दाखिल किया था. जिसके बाद जितेंद्र सिंह विसेन और राखी सिंह से वादिनी सीता साहू, रेखा पाठक, मंजू व्यास और लक्ष्मी देवी अलग हो गई. अब इन लोगों ने कोर्ट में याचिका दायर कर यह मांग की हैं कि कार्बन डेटिंग या किसी अन्य वैज्ञानिक पद्धति से एएसआई यह पता लगाए कि ज्ञानवापी में मिला शिवलिंग कितना पुराना है. वहीं, जितेंद्र सिंह विसेन के नेतृत्व में राखी सिंह की यह मांग है कि कार्बन डेटिंग कर शिवलिंग को खंडित न किया जाए. शिवलिंग की कार्बन डेटिंग कतई उचित नहीं है.

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Last Updated :Sep 30, 2022, 1:52 PM IST
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