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जानिए, बीते छह माह में पूर्वांचल से कितनी सब्जी और फल पहुंचे विदेश...पढ़िए पूरी खबर

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Published : Jan 7, 2022, 8:31 PM IST

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बीते छह माह में पूर्वांचल से कृषि उपज का रिकार्ड निर्यात किया गया है. चलिए जानते हैं इस बारे में.

वाराणसी: वाणिज्य और उद्योग मंत्रालय भारत सरकार तथा उत्तर प्रदेश सरकार के साथ मिलकर काम करते हुए कृषि और प्रसंस्कृत खाद्य उत्पाद निर्यात विकास प्राधिकरण (APEDA) ने वाराणसी के कृषि-निर्यात हब के विकास में महत्वपूर्ण भूमिका अदा की है.

एपीडा ने उत्तर प्रदेश के संभावित जिलों को कवर किया है. पूर्वांचल मंडल में वाराणसी, मिर्जापुर, आजमगढ़, प्रयागराज, गोरखपुर, बस्ती, गाजीपुर, जौनपुर, चंदौली और संत रविदास नगर इत्यादि जिले शामिल हैं. एपीडा ने यहां कम समय में निर्यात में उल्लेखनीय सफलता पाई है.




कमिश्नर दीपक अग्रवाल ने बताया कि एपीडा के सक्रिय हस्तक्षेप से पिछले छह महीनों में पूर्वांचल क्षेत्र से लगभग 20,000 मीट्रिक टन (एमटी) कृषि उपज का निर्यात किया गया है. इसमें लगभग 5,000 मीट्रिक टन ताजे फल और सब्जियां और 15,000 मीट्रिक टन अनाज परिवहन के सभी साधनों द्वारा वियतनाम, खाड़ी देशों, नेपाल और बांग्लादेश को निर्यात किया गया है.

वाराणसी और आस-पास के क्षेत्रों से ताजे फल सब्जियों का निर्यात वायु मार्ग द्वारा वर्ष 2021 में क्रमशः अक्टूबर, नवंबर और दिसंबर के महीनों में लगभग 12 मीट्रिक टन, 22 मीट्रिक टन और 45 मीट्रिक टन किया गया. समुद्री मार्ग से करीब 125 मीट्रिक टन उपज का निर्यात किया गया है. साथ ही पिछले तीन महीनों में अनाज उत्पादों के निर्यात का आंकड़ा लगभग 800 टन का रहा.


वाराणसी गंगा नदी के मैदानी इलाकों में स्थित एक क्षेत्र है. यहां पर्याप्त मात्रा में उर्वरता के साथ मिट्टी की समृद्ध पोषक संरचना है, जिससे अच्छी गुणवत्ता वाले कृषि उत्पाद का उत्पादन होता है. वाराणसी क्षेत्र में भारतीय सब्जी अनुसंधान संस्थान (IIVR), अंतर्राष्ट्रीय चावल अनुसंधान संस्थान (IRRI), बनारस हिंदू विश्वविद्यालय (BHU) जैसे केंद्रीय और अंतर्राष्ट्रीय स्तर के प्रतिष्ठित संस्थान भी हैं. वर्तमान में वाराणसी क्षेत्र में कई निर्यातक हैं और लाल बहादुर शास्त्री अंतर्राष्ट्रीय (LBSI) हवाई अड्डे पर अच्छी व्यवस्था के कारण हवाई मार्ग से कृषि उत्पादों का निर्यात हो रहा है.

एपीडा ने पूरे वाराणसी क्षेत्र में 30 से अधिक क्षमता निर्माण कार्यक्रमों का आयोजन किया है. आठ अंतरराष्ट्रीय क्रेता-विक्रेता बैठकें आयोजित की गई हैं, जिसने निर्यातकों को अपने खाद्य उत्पादों को वैश्विक बाजार में विपणन करने के लिए एक मंच दिया.

उत्पाद और उत्पादन की निगरानी के लिए एआई टेक के एक प्रोजेक्ट को भी मंजूरी के लिए विचार किया जा रहा है. एपीडा कृषि-आपूर्ति श्रृंखला और बाजार लिंकेज का अनावरण करने के लिए सदस्य किसान उत्पादक संगठन को विभिन्न सफल क्षेत्रों में ले जाने की भी योजना बना रहा है.

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सरकार वाराणसी मॉडल को पूर्वांचल के गोरखपुर क्षेत्र में दोहराने पर भी विचार कर रही है क्योंकि दोनों जगहों का भूगोल, जनसांख्यिकी और कुछ अन्य मानदंड समान हैं.

कुशीनगर में नव स्थापित अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डा निर्यात को गति देने में महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकता है. भारतीय बीज विज्ञान संस्थान, मऊ क्षेत्र में कृषि गतिविधियों को बढ़ावा देने की दिशा में सक्रिय रूप से काम कर रहा संस्थान है.

एपीडा ने गैर-बासमती चावल के व्यापक अनाज और पोषण गुणवत्ता प्रोफाइलिंग, चावल से मूल्य वर्धित उत्पादों और चावल आधारित खाद्य प्रणालियों के लिए तीन परियोजनाओं को भी मंजूरी दी है.

दिसंबर 2019 में वाराणसी से दुबई के जेबेल अली पोर्ट के लिए एपीडा द्वारा 14 मीट्रिक टन हरी मिर्च के पहले परीक्षण शिपमेंट के निर्यात की सुविधा प्रदान की गई थी. पहली बार, एपीडा के हस्तक्षेप के बाद वाराणसी से 3 मीट्रिक टन ताजी सब्जियां लंदन को, 3 मीट्रिक टन ताज़ा आम दुबई को, 1.2 मीट्रिक टन ताज़ा आम लंदन को, 520 मीट्रिक टन क्षेत्रीय चावल कतर को और 80 मीट्रिक टन क्षेत्रीय चावल 2020 में कोविड महामारी के दौरान ऑस्ट्रेलिया को निर्यात किया गया था. इस बीच, त्रिसागर फार्मर प्रोड्यूसर कंपनी लिमिटेड ने एपीडा के हस्तक्षेप के बाद अंतरराष्ट्रीय बाजार में दैनिक आधार पर शिपमेंट भेजना शुरू कर दिया है.

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