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मौरावां अग्निकांड में आरोपित पक्ष के सैकड़ों लोग पहुंचे पुलिस अधीक्षक कार्यालय, लगाई न्याय की गुहार

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Published : Apr 21, 2023, 10:26 PM IST

आरोपित
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मौरावां कांड में आरोपित के परिजनों ने उन्नाव के जिला अधिकारी व पुलिस अधीक्षक कार्यालय पहुंचकर न्याय की गुहार लगाई है. परिजनों ने मामले की जांच कर कड़ी कार्रवाई की मांग की है.

आरोपित पक्ष के परिजन और सीओ सिटी ने बताया.

उन्नाव: मौरावां कांड में 17 अप्रैल को रेप पीड़िता ने गांव के ही दो लोगों पर घर में आग लगाकर बच्चों को जलाने का आरोप लगाया था. इस मामले में शुक्रवार को आरोपित के परिजनों ने उन्नाव के जिला अधिकारी व पुलिस अधीक्षक कार्यालय पहुंचकर न्याय की गुहार लगाई. आरोपित पक्ष ने आरोप लगाया कि उनके बच्चों को फर्जी फंसाया जा रहा है. पुलिस भी उनकी नहीं सुन रही है. इस मामले की जांच कर आवश्यक कड़ी कानूनी कार्रवाई की जाए.

शुक्रवार को मौरावां कांड के आरोपितों के पक्ष से सैकड़ों ग्रामीण उन्नाव कलेक्ट्रेट पहुंचे. यहां अधिकारियों को बताया गया कि घटना वाले दिन देवर-भाभी की लड़ाई हुई थी. शाम को सभी लोग बाजार गए थे. उसकी लड़की ने चिल्लाते हुए आग लगा ली. उसी रास्ते से सभी लोग घर जा रहे थे. वहां जाकर देखा तो युवती अपने ही बच्चे को जलती आग में डालकर उठा लिया. इसके बाद कहने लगी कि सभी को फंसा देंगे.

वहीं, इस मामले में आरोपित के परिजन ने पुलिस अधिकारियों को बताया कि जिस दिन आग लगी थी, उसके ढाई माह पहले ही उसके भाई दिल्ली गए थे. जबकि उसने आरोप लगाया है कि उसके भाई ने ही आग लगाई है. उसके भाई को रेप के मामले में भी निर्दोष फंसा दिया गया है. सारी लड़ाई घर की थोड़ी जगह के लिए ही है. जबकि उन्हें वह जगह छोड़ने के लिए भी कहा जा रहा है. जगह छोड़ देने पर उसे छोड़ने की बात कही जा रही है.

सीओ सिटी आशुतोष कुमार ने बताया कि मौरावां कांड के आरोपित के परिजन आए थे. उनका यह कहना है कि मीडिया इनकी नहीं सुन रही है. उनके बेटे रंजीत के खिलाफ मीडिया लगातार छाप रही है. ग्रामीणों ने मांग है कि पुलिस इस मामले की निष्पक्ष जांच कर दोषियों के खिलाफ कड़ी कानूनी कार्रवाई करे.

मौरावां थाना क्षेत्र के एक गांव की रहने वाली 13 वर्ष की नाबालिग के द्वारा 31 दिसम्बर व 13 फरवरी 2022 को गांव के ही 5 युवकों पर बंधक बनाकर दुष्कर्म की वारदात को अंजाम देने का आरोप लगाया था. पीड़िता करीब एक माह तक पुलिस के चक्कर काटने के बाद मौरावां पुलिस ने रेप के 5 आरोपियों में रोशन, सतीश, अरुण, रंजीत, अमन पर गैंगरेप, पॉक्सो एक्ट में मुकदमा दर्ज कर 3 आरोपी अमन, अरुण व सतीश को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया था. वहीं, 2 आरोपियों रंजीत व रोशन को पुलिस ने जांच में क्लीन चिट दे दी थी.

एक माह पहले जेल से जमानत पर छूटे अमन व सतीश 2 अन्य साथियों के साथ बीते सोमवार शाम गैंगरेप पीड़िता के चाचा व बाबा के साथ घर पहुंचे. पीड़िता की मां का आरोप है कि आरोपी गैंगरेप मुकदमा में सुलह का दबाव बना रहे थे. जिसका विरोध करने पर आरोपियों ने अपने साथियों के साथ लात- घूंसों व डंडे से पीट दिया. दबंगों ने जान से मारने की धमकी देते हुए घर के छप्पर में आग लगा दी. इस छप्पर के नीचे चारपाई पर सो रहे गैंगरेप पीड़िता का 7 माह का बेटा व उसकी 2 माह की बहन आग की चपेट में आ गए. जिससे चीख पुकार सुनकर पड़ोसी मदद को दौड़ पड़े. बच्चों को आग से बचाने के साथ ही आग पर पानी डालकर आग पर काबू पाने में जुट गए.

इस दौरान गैंगरेप पीड़िता की बहन व उसका बेटा गंभीर झुलस गया. वहींं, छप्पर व कुछ सामान जलकर राख हो गया. सूचना पर पहुंचे मौरावां थाना प्रभारी ने आनन फानन में जिला अस्पताल में झुलसे बच्चों को भर्ती कराया था. जहां से हालत गम्भीर देखते हुए चिकित्सकों ने कानपुर के हैलट अस्पताल रेफर कर दिया था. जहां से डॉ ने लखनऊ रिफर कर दिया है. जहां उनका इलाज जारी. वहीं, इस पूरे मामले पर आरोपित पक्ष के परिजन इस मामले को गलत बता रहे हैं. वह गलत कार्रवाई करने की बात कह रहे हैं परिजनों का आरोप है कि रेप पीड़िता लड़की ने खुद बच्चों को आग में डाल दिया था. जबकि आरोप उनके घर के बच्चों पर लगा रही है.

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