ETV Bharat / state

News of Prayagraj: शंकराचार्य बोले- माघ मेले में इस्लामिक किताबें बांटने की उच्चस्तरीय जांच हो...कोई बड़ी साजिश है

author img

By

Published : Jan 20, 2023, 3:48 PM IST

Etv bharat
शंकराचार्य ने माघ मेले में इस्लामिक किताबें बांटने के मामले की उच्चस्तरीय जांच की मांग

ज्योतिषपीठ के शंकराचार्य अविमुक्तेश्वरानंद सरस्वती ने एक मामले में उच्चस्तरीय जांच की मांग की है. क्या है पूरा मामला चलिए जानते हैं.

प्रयागराजः ज्योतिषपीठ के शंकराचार्य अविमुक्तेश्वरानंद सरस्वती ने माघ मेले में इस्लामिक किताबों के बांटने के मामले की उच्च स्तरीय जांच करने की मांग की है. उन्होंने कहाकि इस मामले की गहनता से जांच होनी चाहिए. उन्होंने आशंका जताई है कि पकड़े गए लोगों का मकसद माघ मेले में इस्लामिक किताब बांटकर सिर्फ धर्मांतरण कराना नहीं हो सकता. उनका कहना है कि इसके पीछे कोई बड़ी साजिश हो सकती है जो 2025 के कुंभ मेले से जुड़ी हो सकती है. उन्होंने आशंका जताई है कि ये लोग कुंभ में किसी घटना को अंजाम देने की साजिश के तहत माघ मेले की रेकी कर रहे थे. यही वजह है कि शंकराचार्य ने पूरे मामले की उच्चस्तरीय जांच देश की जांच एजेंसियों से करवाने की मांग की है.

ज्योतिषपीठ के शंकराचार्य अविमुक्तेश्वरानंद सरस्वती ने यह मांग उठाई.

शंकराचार्य के मुताबिक संगम नगरी प्रयागराज में चल रहे माघ मेले में चार दिन पहले 16 जनवरी को इस्लामिक किताबें बांटने वाले तीन लोगों को गिरफ़्तार किया गया था. पुलिस की पूछताछ में पता चला है कि उनके पास अबूधाबी से पैसे आ रहे थे. इसके बदले वो माघ मेला के साथ ही लेटे हनुमान मंदिर के बाहर इस्लाम से जुड़ी किताबें बांटते थे. उसके अलावा ये लोग काशी विश्वनाथ मंदिर के अलावा अस्सी घाट पर भी किताबें बांटने जाते रहे हैं. प्रयागराज में लगे सनातन धर्म के सबसे बड़े आध्यात्मिक मेले में इस्लामिक साहित्य बेचने और मुफ्त में बांटे जाने के मामले में ज्योतिष पीठ के शंकराचार्य स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद सरस्वती ने गहरी साजिश की आशंका जताते हुए पूरे मामले की जांच की मांग की है.

उन्होंने कहा है कि यह केवल धर्मांतरण से जुड़ा हुआ मामला नहीं हो सकता है.उन्होंने इशारा किया है कि 2024 के माघ मेले के बाद संगम की धरती पर लगने वाले 2025 के महाकुंभ में किसी बड़ी साजिश को अंजाम देने की साजिश के लिए इन लोगों की तैयारी हो सकती है. उन्होंने सवाल उठाया है कि माघ मेले की चाक चौबंद सुरक्षा के बीच अगर इस तरह से इस्लामिक किताबें बांट और बेच रहे थे तो यह भी सोचने का विषय है कि आखिर इनके पीछे कोई न कोई बड़ी ताकत भी हो सकती है. शंकराचार्य अविमुक्तेश्वरानंद सरस्वती ने मांग की है कि पुलिस के साथ ही देश की बड़ी जांच एजेंसियों को इस मामले में जांच पड़ताल करनी चाहिए और पूरे मामले का खुलासा होना चाहिए.

स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद सरस्वती ने कहा कि माघ मेला पूरी तरह से धार्मिक मेला है. माघ मेले में सनातन धर्म के जो भी श्रद्धालु आते हैं वह पूरी तरह से हिंदू धर्म के प्रति आस्थावान होते हैं. यही वजह है कि कड़ाके की ठंड में वो आस्था की डुबकी लगाने यहां आते हैं. संगम की रेती पर बने तंबुओं में रहकर कठिन जप-तप करते हुए पूजा पाठ करते हैं. ऐसे में उनका धर्म परिवर्तित कर पाना आसान नहीं है लेकिन उन्होंने इस बात पर जोर दिया है कि अगर सनातन धर्म के आस्था के इतने बड़े और सुरक्षित मेले में किसी दूसरे धर्म का साहित्य बेचा या उसे मुफ्त में बांटा जा रहा है तो निश्चित तौर पर उसके पीछे कोई बड़ी साजिश हो सकती है. उन्होंने कहाकि यह मामला गंभीर होने के साथ ही साथ ही चिंताजनक भी है. इस वजह से इसकी उच्चस्तरीय जांच होनी चाहिए. पूरे मामले का खुलासा भी होना चाहिए. साथ ही पकड़े गए लोगों के साथ और कौन-कौन लोग शामिल हैं पुलिस और एजेंसियों को इसकी पड़ताल करनी चाहिए.

बता दें कि इस पूरे मामले की शिकायत भाजपा की एमएलसी निर्मला पासवान ने की थी. उन्होंने ही माघ मेले में इस्लामिक साहित्य बेचने और मुफ्त में बांटे जाने की शिकायत मेला और पुलिस प्रशासन से की थी. बीजेपी की विधान परिषद सदस्य निर्मला पासवान ने इस मामले में कार्रवाई की मांग की थी, इसके बाद साधु संतों ने भी इस घटना को लेकर कड़ी नाराजगी जताई थी. एमएलसी की शिकायत के बाद हरकत में आयी पुलिस ने पूरे मामले की जांच की और तीन व्यक्तियों को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया. इस दौरान गिरफ्तार किए गए लोगों के पास से ऐसे इस्लामिक साहित्य बरामद हुए थे जिनमें हिंदू धर्म के लोग आपत्तिजनक बातें लिखी हुई थी. हिंदू धर्म के धर्म ग्रंथों के श्लोकों की गलत व्याख्या की गई थी और उसे नीचा दिखाने का भी प्रयास किया गया था.


ये भी पढ़ेंः Brij Bhushan Sharan Singh on Sexual Harassment, कहा- नहीं देंगे इस्तीफा

ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.