ETV Bharat / state

आज से सावन मास शुरू, ऐसे करें भगवान शिव की पूजा

author img

By

Published : Jul 13, 2022, 6:55 PM IST

Updated : Jul 14, 2022, 6:14 AM IST

भगवान शिव का प्रिय महीना सावन 14 जुलाई से शुरू होने वाला है. धार्मिक मान्यता के अनुसार इस महीने का विशेष महत्व है. आइए जानते हैं कि सावन का महीना इस बार क्यों खास रहने वाला है.

etv bharat
Sawan Somvar 2022

प्रयागराजः 14 जुलाई यानी कल से सावन का पवित्र महीना शुरू हो रहा है. धार्मिक मान्यता के अनुसार इस महीने का विशेष महत्व है, क्योंकि इसे भगवान शिव का महीना कहा जाता है. इस महीने में भगवान शिव की पूजा विशेष रूप से की जाती है और देवों के देव महादेव को प्रसन्न करने के लिए अनेक उपाय भी किए जाते हैं. सावन में शिव मंदिरों में भक्तों की भीड़ उमड़ती है.

पंडित शिप्रा सचदेव
ऐसी मान्यताएं हैं कि श्रावण मास में भगवान शिव की आराधना करने से मनोवांछित फल की प्राप्ति होती है. हिंदू धर्म में सावन के महीने का विशेष महत्व बताया गया है. सावन में प्रत्येक सोमवार भगवान शिव की पूजा करने से आपकी हर मनोकामना पूरी हो सकती है. इस साल श्रावण मास जुलाई से 12 अगस्त तक रहने वाला है. श्रावण मास में आने वाले प्रत्येक सोमवार और मंगलवार का विशेष महत्व माना जाता है. सोमवार को भगवान शिव की पूजा के लिए बहुत खास माना जाता है, वहीं मंगलवार को घर की सुख-समृद्धि के लिए मंगला गौरी व्रत किया जाता है. इस व्रत में देवी पार्वती की पूजा जाती है.

पढ़ेंः Sawan 2022: दूधेश्वर नाथ मठ मंदिर में रावण ने चढ़ाया था 10वां शीश, जानें महत्व

सावन महीने में भगवान शिव की ऐसे करें पूजा
पंडित शिप्रा सचदेव के अनुसार इस बार सावन में शनि अपनी स्वयं की राशि मकर में वक्री अवस्था में रहेंगे. साथ ही गुरु ग्रह भी अपनी स्वराशि मीन में रहेंगे, जो आने वाले समय में इसी राशि में वक्री हो जाएंगे. सावन में इन दोनों ग्रहों का अपनी-अपनी राशि में वक्री होना बहुत खास योग है. इस महीने किसी इच्छा प्राप्ति के लिए भोले बाबा का आर्शीवाद प्राप्त करेंगे तो आप की सभी इच्छाएं पूर्ण हो जाएंगी. इस महीने रुद्राभिषेक अवश्य कराना चाहिए या खुद कराना चाहिए. रुद्राभिषेक कराने से आपको जन्म और जन्मांतर के पापों से मुक्ति मिलती है और बाबा का आर्शीवाद प्राप्त होता है.

सावन के महीने में प्रत्येक दिन सुबह जल्दी उठकर स्नान करें और साफ-सुथरे कपड़े पहनें. इसके बाद मंदिर में भगवान शिव के सामने घी का दीपक जलाएं. सभी देवी-देवताओं का जलाभिषेक करें. दूध और गंगाजल से शिवलिंग को स्नान कराएं. भगवान शिव को फल और फूल अर्पित करें. भगवान शिव को बेल पत्र अर्पित करें और उनकी आरती उतारें.

ऐसी ही जरूरी और विश्वसनीय खबरों के लिए डाउनलोड करें ईटीवी भारत ऐप

Last Updated : Jul 14, 2022, 6:14 AM IST
ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.