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साइंस सिटी के सीएमडी की गिरफ्तारी के लिए रेड कॉर्नर नोटिस जारी

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Published : Dec 21, 2022, 9:27 PM IST

लगभग 68000 करोड रुपए के रियल स्टेट घोटाले के आरोपी शाइन सिटी कंपनी के सीएमडी राशिद नसीम की गिरफ्तारी के लिए इंटरपोल ने रेड कॉर्नर नोटिस जारी किया है. इससे जल्द ही नसीम के गिरफ्तार होने और भारत में प्रत्यर्पण की संभावना है.

इलाहाबाद हाईकोर्ट
इलाहाबाद हाईकोर्ट

प्रयागराज: लगभग 68000 करोड रुपए के रियल स्टेट घोटाले के आरोपी शाइन सिटी कंपनी के सीएमडी राशिद नसीम की गिरफ्तारी के लिए इंटरपोल ने रेड कॉर्नर नोटिस जारी किया है. इससे जल्द ही नसीम के गिरफ्तार होने और भारत में प्रत्यर्पण की संभावना है. सीबीआई के अधिवक्ता की ओर से यह जानकारी इलाहाबाद हाईकोर्ट में मामले की चल रही सुनवाई के दौरान दी गई. सीबीआई ने रेड कॉर्नर नोटिस से संबंधित दस्तावेज भी अदालत में प्रस्तुत किए. बताया कि नसीम का एक पासपोर्ट मई 2022 में जप्त किया जा चुका है.

नसीम वर्तमान में दुबई में रह रहा है रेड कॉर्नर नोटिस जारी होने से दुबई की पुलिस पर उसकी गिरफ्तारी को लेकर दबाव बढ़ेगा. भारतीय दूतावास इस मामले को लेकर संबंधित अधिकारियों से संपर्क में है. प्रदेश सरकार की ओर से यह भी बताया गया कि शाइन सिटी के यूट्यूब चैनल. जिनके माध्यम से रियल एस्टेट प्रॉपर्टी का प्रचार प्रसार किया जा रहा है पर रोक लगाने के लिए कार्रवाई की जा रही है. जल्द ही इस पर रोक लगवा दी जाएगी.

निवेशकों की ओर से याचिका दाखिल करने वाले अधिवक्ता सत्येंद्र श्रीवास्तव को लगातार धमकियां मिलने की जानकारी पर कोर्ट ने चिंता जताई. मामले की सुनवाई कर रही मुख्य न्यायमूर्ति राजेश बिंदल और न्यायमूर्ति जे जे मुनीर की पीठ ने कहा कि अधिवक्ता को सुरक्षा मुहैया कराना पुलिस की जिम्मेदारी है. इस संबंध में उचित कदम उठाने का कोर्ट ने निर्देश दिया है. अधिवक्ता सत्येंद्र श्रीवास्तव ने बताया कि लखनऊ पुलिस ने उन को सूचित किया है कि उनकी सुरक्षा में एक गनर तैनात किया गया है.

गौरतलब है कि, साइंस सिटी के अधिकारियों ने जमीनों और फ्लैट की बिक्री के नाम पर निवेशकों के हजारों करोड़ों रुपए हड़प लिए हैं. इस मामले को लेकर लगभग 3000 प्राथमिकियां दर्ज है. निवेशकों ने हाईकोर्ट में याचिका दाखिल कर अपनी रकम वापस दिलाए जाने की गुहार लगाई है. शाइन सिटी की ओर से भी इस मामले में याचिका दाखिल की गई है. कंपनी के वकीलों का कहना है कि वह निवेशकों का पैसा लौटाने को तैयार हैं. मगर कंपनी के बैंक खातों को जप्त कर लिया गया है. जिससे कि उनके पास निवेशकों को लौटाने के लिए पैसा नहीं है. याचिका की सुनवाई के दौरान प्रवर्तन ननिदेशालय आर्थिक अपराध शाखा, सीरियस फ्रॉड इन्वेस्टिगेटिंग एजेंसी क्या अधिकारी भी कोर्ट में मौजूद रहे.

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