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अभ्यर्थियों के लिए बाधक शासनादेश पर हाई कोर्ट ने मांगा जवाब, अतीक अहमद गैंग के सदस्य की याचिका खारिज

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By ETV Bharat Uttar Pradesh Team

Published : Dec 12, 2023, 10:18 PM IST

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इलाहाबाद हाईकोर्ट (Allahabad High Court) ने एपीओ भर्ती (APO Recruitment Case) में अभ्यर्थियों के लिए बाधक शासनादेश की वैधानिकता को चुनौती देने वाली याचिका पर राज्य सरकार से जवाब मांगा है. वहीं, हाईकोर्ट ने माफिया अतीक अहमद गैंग (Atiq Ahmed Gang) के सदस्य की याचिका को खारिज कर दिया है.

प्रयागराज: इलाहाबाद हाईकोर्ट ने एपीओ भर्ती में दिव्यांग अभ्यर्थियों के लिए बाधक शासनादेश की वैधानिकता को चुनौती देने वाली याचिका पर राज्य सरकार सहित अन्य विपक्षियों से छह सप्ताह में जवाब मांगा है. यह आदेश न्यायमूर्ति एसडी सिंह ने चंद्रकांत पांडेय की याचिका पर दिया.

याचिका के अनुसार, 30 जुलाई 2021 का शासनादेश एपीओ भर्ती में वर्ग विशेष के दिव्यांग अभ्यर्थियों की अर्हता में बाधक है. इसलिए, उसे निरस्त किया जाए. हाईकोर्ट ने कहा कि जिस सरकारी आदेश की वैधता को चुनौती दी गई है, याची द्वारा इसे कुछ दिव्यांग अभ्यर्थियों की प्रगति में बाधा माना जा रहा है. इसे उनके विकास, स्वतंत्रता और कानून में समानता में बाधा डालने वाला भी बताया गया है. इसलिए, राज्य सरकार सहित अन्य पक्षकारों को जवाबी हलफनामा दाखिल करने के लिए छह सप्ताह का समय दिया जाता है. उसके बाद याची दो सप्ताह में प्रत्युत्तर हलफनामा दाखिल कर सकता है.

वहीं, इलाहाबाद हाईकोर्ट ने मंगलवार को अतीक अहमद गैंग के सदस्य नंदलाल निषाद उर्फ नंदा और उनके गैंग के दो सदस्यों के खिलाफ दर्ज एफआईआर को निरस्त करने से इनकार कर दिया. यह आदेश न्यायमूर्ति राहुल चतुर्वेदी और न्यायमूर्ति मोहम्मद अजहर हुसैन इदरीसी की खंडपीठ ने गिरफ्तारी पर रोक की मांग वाली नंदा व अन्य की याचिका खारिज करते हुए दिया.

हाईकोर्ट ने कहा कि याचियों के खिलाफ संज्ञेय अपराध का मामला बनता है. लेकिन, वे चाहें तो सक्षम अदालत में अग्रिम जमानत की अर्जी दाखिल कर सकते हैं. याची और दो अन्य के खिलाफ अरुण कुशवाहा ने दस लाख रुपये की रंगदारी मांगने के आरोप में एफआईआर दर्ज कराई है. फोर सीजन गेस्ट हाउस करेलाबाग के मालिक अरुण कुशवाहा की ओर से अधिवक्ता सुनील चौधरी ने कहा कि याची माफिया अतीक अहमद गैंग के सदस्य हैं. इन्होंने नहर की जमीन पर अवैध कब्जा कर प्लाटिंग कर फर्जी दस्तावेजों के आधार पर बैनामा करा लिया है. उनका आपराधिक इतिहास है और उनके खिलाफ महिला शोषण, हत्या, हत्या के प्रयास व बालू खनन आदि मामले में कई थानों में केस दर्ज हैं. सुनवाई के बाद हाईकोर्ट ने याचिका खारिज कर दी.

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