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मुरादाबाद में प्रदूषण को रोकने में सरकार के प्रयास भी नाकाफी

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Published : Jan 12, 2021, 8:09 AM IST

Updated : Jan 12, 2021, 9:58 AM IST

प्रदूषण को रोकने में सरकार के प्रयास भी नाकाफी
प्रदूषण को रोकने में सरकार के प्रयास भी नाकाफी

मुरादाबाद लगातार प्रदूषण की मार झेल रहा है. यहां पर संचालित पीतल गलाने की भट्ठियों में पीतल और लौह अयस्क के अलावा अब ई-कचरा जलाया जा रहा है. इस पर प्रभावी रोक लगाने के लिए सरकारों ने इन्हें गैस भट्ठियों के रूप में संचालित कर दिया है.

मुरादाबादः सर्दियां आते ही मुरादाबाद में प्रदूषण की समस्या विकराल हो जाती है. यहां पर प्रदूषण की वजह से जनजीवन काफी प्रभावित हो जाता है. लोग अस्थमा जैसी बीमारियों के शिकार हो जाते हैं. लेकिन इस ओर सरकार का ध्यान नहीं जा रहा. पुराने मुरादाबाद में संचालित पीतल की भट्ठियों में पीतल और लौह अयस्क के अलावा अब यहां ई-कचरा जलााये जा रहे हैं. इन पर प्रभावी रोक लगाने के लिए सरकार ने इन्हें गैस भट्ठियों के रूप में संचालित करना शुरू कर दिया है. हालांकि सरकार की ये कवायद हाथी दांत जैसा ही साबित हो रहा है.

प्रदूषण की मार झेल रहा मुरादाबाद

सवालों का जवाब नहीं दे सके अध्यक्ष

सरकार का ध्यान इस ओर करने के लिए ईटीवी भारत ने ये सवाल मुरादाबाद पहुंचे उत्तर प्रदेश प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के अध्यक्ष जेपीएस राठौर से किया. जिसपर उन्होंने कहा कि फौरी तौर पर कार्रवाई की जा रही है. जिससे लोगों को प्रदूषण की समस्या से निजात दिलाया जा सके. लेकिन वो मुरादाबाद जैसे औद्योगिक क्षेत्र के बारे में कुछ विशेष नहीं कर सके.

सरकार ने उठाए हैं कई कदम

उत्तर प्रदेश प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के अध्यक्ष जेपीएस राठौर ने कहा कि पिछले एक साल में वायु प्रदूषण पर रोक लगाने के लिए सरकार ने कई कदम उठाए हैं. सरकार लगातार कोशिश कर रही है कि इस तरह की इंडस्ट्री या तो बंद कर दी जाये या फिर उन्हें नगरीय इलाके से विस्थापित करके कहीं और स्थापित किया जाये. उन्होंने कहा कि मुरादाबाद में बहुत बड़ी संख्या में ऐसी इंडस्ट्री को बंद किया गया है, या फिर उन्हें शहर के बाहर विस्थापित किया गया है.

अध्ययन खोलेगा कई राज

दर्ज़ा प्राप्त राज्य मंत्री ने कहा कि वायु प्रदूषण पर प्रभावी रोक लगाने के लिए उत्तर प्रदेश प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड एक अध्ययन करवा रहा है. जिसमें ये पता लगाने कि कोशिश की जा रही है कि वायु प्रदूषण के फैलने की वजह क्या है और इस पर किस तरह की कार्रवाई करते हुए रोक लगाई जा सकती है. उन्होंने कहा कि इस अध्ययन से ये पता लगाने की कोशिश की जा रही है कि वायु प्रदूषण के लिए इंडस्ट्री जिम्मेदार है या सड़कों पर चलने वाली गाड़ियां या फिर आये दिन बन रही ऊंची-ऊंची इमारतें. जब इस अध्ययन की पूरी रिपोर्ट सामने आ जायेगी, तो हम और प्रभावी ढंग से इस पर काम कर पायेंगे.

शिकायतों पर लिया जा रहा संज्ञान

जीपीएस राठौर ने कहा कि प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड लगातार ये कोशिश कर रहा है कि जो भी शिकायतें हैं. उसके माध्यम से वायु प्रदूषण को रोकने के लिए कदम उठाए जायें और हम इस पक्ष में लगातार कार्रवाई भी कर रहे हैं.

मुरादाबाद में भी की जा रही है कार्रवाई

मुरादाबाद के बारे में बात करते हुए उन्होंने कहा कि अभी यहां पर हमारा कोई सीएयूएमएस नहीं लगा है. इसके लिए मॉनिटरिंग की अलग व्यवस्था की जा रही है, और जहां तक आप कह रहे हैं कि कार्रवाई नहीं की गई, तो मैं आपको बताना चाहूंगा कि मुरादाबाद में ही एक दर्जन से ज्यादा इंडस्ट्री के खिलाफ प्रभावी कार्यवाही की गई है. उन्हें क्लोजर नोटिस तक दिया जा चुका है.

हर घर में धधकती भट्ठियां हैं बड़ी सिरदर्द

मुरादाबाद के पीतल नगरी में करीब हर घर में पीतल के कारोबार के सिलसिले में भट्ठियां संचालित की जाती हैं. इनके जरिए न केवल पीतल और लौह अयस्क को गलाया जाता है. बल्कि ई-कचरा भी यहां पर तमाम सरकारी अधिकारियों और कर्मचारियों के सहयोग से जलाया जाता है. उन्हें विस्थापित करने की या इन पर रोक लगाने की क्या योजना है? इस पर बात करते हुए जेपीएस राठौर ने कहा कि हम लोग लगातार इस कोशिश में है कि इन लोगों को कुछ इस तरह से नए तकनीक के साथ जोड़ा जाये. जिससे प्रदूषण भी कम हो और रोजगार भी ना छीने. हमने इनपर रोक लगाने के लिए गैस आधारित भट्ठियों के संचालन का काम भी शुरू किया है. धीरे धीरे यह योजना मूर्त रूप ले रही है.

Last Updated :Jan 12, 2021, 9:58 AM IST
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