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जल्द ही मिड-डे मील में बच्चों को परोसा जाएगा मिलेट्स, अध्यापकों को दिया गया प्रशिक्षण

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By ETV Bharat Uttar Pradesh Team

Published : Oct 31, 2023, 9:41 PM IST

उत्तर प्रदेश के मिड-डे मील में (mid day meal millets served) जल्द ही बच्चों को श्रीअन्न (मिलेट्स) परोसा जाएगा. बच्चों के सेहत के साथ ही किसानों को भी इसका फायदा मिलेगा. इसको लेकर मिर्जापुर जनपद में 200 अध्यापकों को प्रशिक्षण दिया गया है.

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कृषि उपनिदेशक विकेश पटेल और केंद्रीय मंत्री अनुप्रिया पटेल ने दी जानकारी

मिर्जापुर: उत्तर प्रदेश की योगी सरकार बच्चों के सेहत के साथ ही किसानों की आमदनी को लेकर श्रीअन्न पुनरोद्धार कार्यक्रम योजना चला रही है. कार्य योजना अंतर्गत स्कूल कैरिकुलम के माध्यम से जनपद में मिलेट्स रेसिपी का अध्यापकों को प्रशिक्षण दिया जा रहा है. अध्यापकों के प्रशिक्षण में पहुंची केंद्रीय मंत्री अनुप्रिया पटेल ने बताया कि जनपद में विशेष अध्यापकों को प्रशिक्षण दिया जा रहा है. अध्यापक बच्चों के साथ ही अभिभावकों को भी श्रीअन्न (मिलेट्स) के बारे में बताएंगे, जिससे आने वाले समय में ज्यादा से ज्यादा आहार शामिल किया जा सके.

बीएचयू दक्षिणी परिसर बरकछा मिर्जापुर के सेमिनार हॉल न्यू लेक्चर थिएटर कॉम्प्लेक्स में मंगलवार को जिला विद्यालय निरीक्षक और बेसिक शिक्षा अधिकारी के निर्देश पर पहुंचे 200 अध्यापकों को प्रशिक्षण दिया गया. अध्यापक अपने क्षेत्र में नोडल के रूप में भी कार्य करेंगे. अपने स्कूल के साथ ही अन्य स्कूलों में भी जाकर श्रीअन्न मिलेट्स फायदे के साथ उसकी रेसिपी के बारे में बताएंगे. जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी अनिल कुमार वर्मा ने बताया कि कृषि विभाग के द्वारा अध्यापकों को प्रशिक्षण दिया जा रहा है. श्रीअन्न को लेकर अध्यापक अपने स्कूल के साथ ही अन्य स्कूलों में भी जाकर इसके फायदे बताएंगे और बच्चों को खाने के लिए प्रेरित करेंगे, जिससे उनका स्वास्थ्य ठीक रहे. जनपद के सभी ब्लॉकों से 200 अध्यापकों का प्रशिक्षण आज कराया गया है.

श्रीअन्न प्राचीन काल से भारतीय आहार का प्रमुख भाग रहा है और पर्याप्त क्षेत्रफल में इसकी खेती की जाती थी. वर्तमान में इसकी खेती का क्षेत्रफल कम हो गया है. प्रमुख कारण किसानों द्वारा केवल धान, गेहूं की खेती पर ध्यान केंद्रित करने से कम हो गया. पोषण की दृष्टि से धान गेहूं की तुलना में श्रीअन्न बेहतर है, क्योंकि इसमें विभिन्न प्रकार के पोषक तत्व और विटामिन फाइबर कैल्शियम और मैग्नीशियम पाए जाते हैं, जो स्वास्थ्य के लिए बहुत उपयोगी हैं.

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मिर्जापुर जनपद में वर्ष 2022-23 में ज्वार 4804 हेक्टेयर, बाजरा 13987 हेक्टेयर में खेती की गई थी. 2023-24 में ज्वार बढ़कर 6695 हेक्टेयर, बाजरा 23790 हेक्टेयर में की गई है. इसके साथ ही जनपद में पहली बार रागी 300 हेक्टेयर, सावा 91.87 हेक्टेयर, कोदो 37.50 हेक्टेयर में किसानों ने बुवाई की है. जनपद में पहली बार ज्वार बाजरा के 10 क्रय केंद्र खोले गए हैं. जहां किसान अच्छे दामों में बिक्री कर पाएंगे. 2023-24 में बाजारे की बात की जाए तो उनके समर्थन मूल्य ज्वार संकर का 3180 रुपये, ज्वार मालदंडी का 3225 रुपये, बाजरा, 2500 प्रति कुंतल सरकार ने निर्धारित कीया है.

कृषि उपनिदेशक विकेश पटेल ने बताया कि श्रीअन्न के फसलों को बढ़ावा देने के लिए जनपद में तरह-तरह के कार्यक्रम चलाए जा रहे हैं. इसी कड़ी में आज जिले के विभिन्न ब्लॉकों के 200 अध्यापकों को प्रशिक्षण दिया गया है. मिलेट्स से लेकर अध्यापक स्कूल के मीटिंग में अभिभावक के साथ ही छात्रों को श्रीअन्न को बताएंगे. सरकारी और सरकार द्वारा मान्यता प्राप्त विद्यालयों के शिक्षकों को प्रशिक्षण दिया गया है. क्योंकि श्रीअन्न के फसलों में पर्याप्त मात्रा में पोषक तत्व और विटामिन फाइबर कैल्शियम और मैग्नीशियम पाए जाते हैं, जो स्वास्थ्य के लिए बहुत उपयोगी हैं.

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