मिर्जापुर: चुनार में लक्ष्मी गणेश की मूर्तियों का बाजार दिवाली से पहले सज गया है. दिवाली पर यहां की मूर्तियां देशभर में पूजी जाती हैं. इस मूर्तिकला व्यवसाय से सैकड़ों परिवार जुड़े हैं. साल के 11 महीने काम करते हैं और एक महीने दुकाने लगाकर बिक्री करते हैं. इन मूर्तियों के सप्लाई उत्तर प्रदेश के अलावा पंजाब, मध्य प्रदेश, हरियाणा, दिल्ली, महाराष्ट्र के साथ नेपाल तक होती है. हम आपको बता दें चुनार उत्तर प्रदेश का बेहद अहम और प्राचीन शहर है. इसकी गिनती पुराने शहरों में की जाती है. मुगल काल से ही यहां मूर्तियां बनना शुरू हो गई थी, आज बनते बनते प्रदेश के साथ ही देश भर में डिमांड हो गई है.
मुगल काल से ही यहां पर बनाई जा रही हैं मूर्तियां
चुनार के किले के साथ ही राष्ट्रीय स्तर पहचान बनाने वाली लक्ष्मी गणेश की चुनार की बनी मूर्तियां आज पूरे देश में पूजी जाती हैं. यही कारण है कि पूरे देश में इसकी डिमांड बढ़ती जा रही है. दिवाली के पहले चुनार की मूर्तियां खरीदने के लिए देश के कई राज्य से लोग पहुंचते हैं और मूर्तियां खरीदते हैं और ले जाकर अपने यहां दिवाली के समय बेचते हैं. चुनार की पहचान बन चुके प्लास्टर ऑफ पेरिस की मूर्ति उद्योग को इस बार बाजार में और काफी उम्मीदें हैं. क्योंकि हर वर्ष दिवाली पर गणेश लक्ष्मी पूजने के लिए तैयार होने वाली मूर्तियों की डिमांड बढ़ती जा रही हैं. मूर्ति उद्योग से जुड़े लोगों का माने तो जितना बनाया जाता है, उतनी सप्लाई हो जाती है.
मूर्तियां खरीदने आए दुकानदार
गणेश लक्ष्मी की मूर्तियां खरीदने आए दुकानदारों की मानें तो उनका कहना है कि इस तरह की मूर्तियां कोलकाता कानपुर में भी नहीं मिलती है. यहां की सुंदरता और मजबूती को देखते हुए हम लोग 15 वर्षों से यहां की मूर्ति ले जाते हैं और दिवाली के समय बेचते हैं. मूर्ति खरीदने आए रोहित विश्वकर्मा और अजय कुमार ने बताया कि पितृपक्ष में खरीदकर अपने जनपदों में ले जाते हैं. वहां पर नवरात्रि से दुकान लगाकर बेचते हैं और दिवाली में पूजी जाने वाली लक्ष्मी गणेश की मूर्तियों की डिमांड रहती है.
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चुनार मूर्ति व्यापार से जुड़े व्यापारी
लक्ष्मी गणेश की मूर्तियों की सप्लाई करने वाले व्यापारी अवधेश कुमार वर्मा और अखिल जोशी ने बताया कि लक्ष्मी गणेश की मूर्तियों का बाजार हर दिन बढ़ता जा रहा है. पूरे देश में अब इसकी डिमांड होने लगी है. पूरे एक वर्ष काम किया जाता है. दिवाली के पहले सारी मूर्तियां बिक जाती है फिर से तैयारी में हम लोग जुट जाते हैं. बढ़ती डिमांड की वजह से आज कई यूनिट यहां पर लग चुके हैं. यहां पर रहने वाले ज्यादातर लोग मूर्तियां बनाते हैं. इसी का बिक्री करके अपना पूरा परिवार चलाते हैं. लगभग यहां पर 20 करोड़ तक का कारोबार दिवाली के महीने में हो जाता है. पहले यहां पर पॉटरी उद्योग का काम किया जाता था, लेकिन ज्यादा कास्ट आने के चलते और सरकार का सहयोग नहीं होने के चलते वह उद्योग पूरी तरह से अब बंदी के कगार पर हो गया है. जिससे व्यापारी और कारीगर बेरोजगार होते चले जा रहे थे. उसके विकल्प में प्लास्टर ऑफ पेरिस से लक्ष्मी गणेश की मूर्तियां बना रहे हैं. इसकी डिमांड अब हर दिन बढ़ती जा रही है. कई राज्यों से लोग यहां पर मूर्तियां खरीदने आते हैं, जो अपने जनपदों में ले जाकर बेचते हैं.