ETV Bharat / state

कालीन मेला हुआ जर्मनी में बंद, नुकसान मिर्जापुर का

author img

By

Published : Jan 20, 2021, 11:34 AM IST

Updated : Jan 20, 2021, 3:36 PM IST

जर्मनी के हनोवर शहर में लगने वाला दुनिया का सबसे बड़ा अंतरराष्ट्रीय कालीन मेला 'डोमोटेक्स' रद्द हो गया है. मई माह में प्रस्तावित तीन दिवसीय अंतरराष्ट्रीय कालीन मेला निरस्त हो जाने से देश के कालीन निर्यात को झटका लगा है. मिर्जापुर, भदोही और वाराणसी क्षेत्र के कारोबारी इसमें बड़े स्तर पर भाग लेते हैं.

अंतरराष्ट्रीय कालीन मेला 'डोमोटेक्स' रद्द
अंतरराष्ट्रीय कालीन मेला 'डोमोटेक्स' रद्द

मिर्जापुरः जर्मनी के हनोवर शहर में लगने वाला दुनिया का सबसे बड़ा अंतरराष्ट्रीय कालीन मेला 'डोमोटेक्स' रद्द हो गया है. मई माह में प्रस्तावित तीन दिवसीय अंतरराष्ट्रीय कालीन मेला निरस्त हो जाने से देश के कालीन निर्यात को झटका लगा है. देश के कालीन उद्योग को करीब 4 से 5 हजार करोड़ रुपए के नुकसान का अनुमान है.

अंतरराष्ट्रीय कालीन मेला 'डोमोटेक्स' रद्द

मई में होना था आयोजन
विश्व का सबसे बड़ा कालीन फेयर हर वर्ष जनवरी में लगता था. इस बार कोरोना महामारी के चलते मई महीने में आयोजन होना था मगर अब यह कार्यक्रम भी रद्द कर दिया गया है. निर्यातक डोमोटेक्स मेले का साल भर से इंतजार करते हैं. बड़े पैमाने पर इसकी तैयारी होती है. मेले का आयोजन होने से नई सैंपलिंग, नई डिजाइन, नए कलर, अगले दो साल में क्या होगा मेले के आधार पर तय होता है. कालीन कारोबारियों का कहना है कि स्थिति नहीं सुधरी तो हमारे लिए कारोबार चलाना मुश्किल होगा.

जर्मनी में बढ़ा लॉकडाउन
जर्मनी में लगने वाले दुनिया का सबसे बड़े कालीन मेले को डोमोटेक्स मेले के नाम से जाना जाता है. जनवरी में लगने वाले इस मेले में विश्व के लगभग सभी छोटे-बड़े देश भाग लेते हैं. कोरोना महामारी के चलते इस बार मेले का आयोजन बढ़ाकर जनवरी के जगह मई महीने में प्रस्तावित किया गया था. बाद में जर्मनी में 31 जनवरी तक लॉकडाउन बढ़ाए जाने के चलते अब इस मेले को रद्द कर दिया गया है.

देश के अनेक स्थानों से जाते हैं कालीन निर्यातक
जनवरी महीने में डोमोटेक्स के मेले में देश के कोने-कोने से कालीन निर्यातक यहां पर अपनी कालीन की प्रदर्शनी लगाते हैं. विश्व के सभी छोटे-बड़े देश इस प्रदर्शनी में शामिल होते हैं. यहां से निर्यातकों को बड़ा बाजार और आर्डर मिलने की उम्मीद रहती है. भारत की हैंड नाटेड कालीन यहां की शान होती है. यहां से नए सैंपलिंग, नए डिजाइन, नए कलर डिसाइड होते हैं. इसको लेकर निर्यातक काम करते हैं और आर्डर लेते हैं. इस प्रदर्शनी में इंडिया नंबर वन पर रहता है और पार्टिसिपेशन में इंडिया की वैल्यू भी अधिक होती है.

हजारों करोड़ का होगा नुकसान
कालीन मेले में मिर्जापुर भदोही के साथ पूर्वांचल की मखमली कालीन का जलवा हमेशा से चला रहा है. भारत से पूरे देश में 12000 करोड़ का कालीन एक्सपोर्ट किया जाता है. जिसमें से 60 से 70 प्रतिशत मिर्जापुर भदोही और वाराणसी क्षेत्र के लोगों का होता है. बाकी पानीपत ,जयपुर ,आगरा ,दिल्ली नोएडा ,कोलकाता जैसे शहरों से एक्सपोर्ट किया जाता है.डोमोटेक्स मेला रद्द होने से अगले 2 साल के अंदर इस कारोबार को 4 से 5 हजार करोड़ रुपए का नुकसान होने की आशंका है.

कारोबारियों में मायूसी
विश्व का सबसे बड़ा कालीन मेला रद्द हो जाने से कालीन कारोबारियों में मायूसी है. इस मेले के लिए कालीन कारोबारी अक्टूबर-नवंबर से ही तैयारी शुरू कर देते थे. दिसंबर के लास्ट तक सैंपल भेज दिया करते थे. सीईपीसी के चेयरमैन सिद्धनाथ सिंह ने बताया कि जनवरी महीने में लगने वाला डोमोटेक्स मेला इस वर्ष न लगकर मई महीने में प्रस्तावित था. लेकिन जर्मनी में 31 जनवरी तक लॉक डाउन बढ़ाए जाने से आयोजकों ने मेला रद्द कर दिया है. कोरोना ने कालीन कारोबारियों का सब कुछ छीन लिया है. मेले की वजह से कारोबारियों का बिजनेस बहुत अच्छा चलता था मगर अब 60 प्रतिशत तक रह गया है. जो पुराने आर्डर हैं मजबूरन उसी से काम चलाया जा रहा है.

वर्चुअल फेयर करने में भी मिलता है कालीन कारोबारियों को फायदा
चार महीने पहले लॉकडाउन के चलते किए गए वर्चुअल फेयर में एक्सपोर्टर और इंडिया के लोगों को बहुत फायदा हुआ था मगर जो मई में डिक्लेअर किया था कि जनवरी में न करके डोमोटेक्स मई में होगा वह कैंसिल कर देने से नुकसान उठाना पड़ेगा. आगे एक वर्चुअल और करने का प्लान चल रहा है जब डेमोडेक्स मेला रद्द हो गया है तो वर्चुअल करके ही बिजनेस को कुछ गति दी जाए. स्थिति और नहीं सुधरी तो कालीन कारोबारियों के लिए यह इंडस्ट्री चलाना और मुश्किल होगा.

Last Updated :Jan 20, 2021, 3:36 PM IST
ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.