मेरठः सीएए के विरोध में दिल्ली में हुई हिंसा को देखते हुए जिले का पुलिस प्रशासन शहर में शांति व्यवस्था बनाए रखने के लिए कोई कसर नहीं छोड़ रहा है. शुक्रवार को जुमे की नमाज को देखते हुए जिला प्रशासन अलर्ट पर रहा. वहीं सभी जनप्रतिनिधियों को भी नोटिस जारी कर शहर में ही रहने के लिए कहा गया.
जनप्रतिनिधियों को भेजा गया नोटिस
जनप्रतिनिधियों से नोटिस के जरिए कहा गया है कि वह शुक्रवार को शहर नहीं छोड़ेंगे. शहर में शांति व्यवस्था बनाए रखना उनकी भी जिम्मेदारी है. जनप्रतिनिधियों को दिए गए इन नोटिसों को शहर के पूर्व विधायक व पूर्व प्रदेश अध्यक्ष डॉ लक्ष्मीकांत वाजपेई ने गलत बताया.
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जन प्रतिनिधियों को नोटिस भेजना गैर कानूनी
डॉ लक्ष्मीकांत वाजपेई का कहना है कि इस समय विधानसभा सत्र चल रहा है. ऐसे में जिले का पुलिस प्रशासन इस तरह के नोटिस जन प्रतिनिधियों को नहीं भेज सकता. साथ ही डॉ. लक्ष्मीकांत ने कहा कि जन प्रतिनिधियों को नोटिस भेजना गैर कानूनी है. विधानसभा की कार्रवाई चल रही है और इस समय नोटिस देकर जनप्रतिनिधियों को रोकना सही नहीं. सांसद, विधायक और अन्य जनप्रतिनिधियों से आग्रह किया जा सकता है, लेकिन उन्हें नोटिस नहीं दिया जा सकता.
हिंसा होने के दौरान अक्सर जनप्रतिनिधि शहर से बाहर
वहीं पुलिस का कहना है कि हिंसा होने के दौरान अक्सर जनप्रतिनिधि शहर से बाहर होने की बात कहकर पल्ला झाड़ लेते हैं. इसीलिए कानून और शांति व्यवस्था के मद्देनजर सांसदों, विधायकों, एमएलसी, मेयर, पार्षद समेत सभी जनप्रतिनिधियों को नोटिस भेजे गए हैं.