ETV Bharat / state

मऊ: कालाजार से निपटने को स्वास्थ्य विभाग तैयार

author img

By

Published : Sep 9, 2020, 8:21 PM IST

उत्तर प्रदेश के मऊ में डीएम ज्ञान प्रकाश त्रिपाठी ने कालाजार उन्मूलन को लेकर जिला स्वास्थ्य समिति की बैठक की. बैठक में डीएम ने स्वास्थ्य विभाग की मच्छर जनित इकाई को निर्देश दिया कि जिले में कालाजार प्रभावित गांवों में इंडोर रेसीडूअल स्प्रे (आईआरएस) तत्काल प्रभाव से कराया जाए.

mau news
डीएम ने स्वास्थ्य समिति की बैठक की.

मऊ: कोविड-19 काल में कालाजार उन्मूलन को लेकर सिंथेटिक पायराथाइड का छिड़काव कराने के लिए शासन के आदेश के क्रम में डीएम ज्ञान प्रकाश त्रिपाठी ने जिला स्वास्थ्य समिति की बैठक की. बैठक में स्वास्थ्य विभाग की मच्छर जनित इकाई को निर्देश दिया कि जिले में कालाजार प्रभावित गांवों में इंडोर रेसीडूअल स्प्रे (आईआरएस) तत्काल प्रभाव से कराया जाए.

वहीं मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ. सतीशचन्द्र सिंह ने बताया कि रतनपुरा ब्लॉक का गांव जमीन सहरुल्लाह कालाजार से प्रभावित है. कालाजार के उन्मूलन के लिए रतनपुरा सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र (सीएचसी) पर एचईओ, छिड़काव टीम और आशा कार्यकर्ताओं को कोविड-19 प्रोटोकाल का पालन करते हुए ट्रेनिंग दी गई है. डॉ. सिंह ने बताया कि रुक-रुक कर बुखार आना, भूख कम लगना, शरीर में पीलापन और वजन घटना, तिल्ली और लिवर का आकार बढ़ना, त्वचा-सूखी व पतली होना और बाल झड़ना कालाजार के मुख्य लक्षण हैं. इससे पीड़ित होने पर शरीर में तेजी से खून की कमी होने लगती है.


अपर मुख्य चिकित्सा अधिकारी वेक्टर बार्न डिजीज डॉ. आरबी सिंह ने बताया कालाजार एक संक्रामक बीमारी है, जो परजीवी लिश्मैनिया डोनोवानी के कारण होता है. यह एक वेक्टर जनित रोग भी है. इस बीमारी का असर शरीर पर धीरे-धीरे पड़ता है. कालाजार बीमारी परजीवी बालू मक्खी के जरिये फैलती है, जो कम रोशनी वाली और नम जगहों जैसे मिट्टी की दीवारों की दरारों, चूहे के बिलों और नम मिट्टी में रहती है. बालू मक्खी से संक्रमण एक व्यक्ति से दूसरे व्यक्ति में फैलता है. इस रोग से ग्रसित मरीज के हाथ, पैर, पेट और चेहरे का रंग भूरा हो जाता है. इसी से इसका नाम कालाजार यानी काला बुखार कहलाता है.


जिला मलेरिया अधिकारी बेदी यादव ने बताया कि कालाजार की वाहक बालू मक्खी को खत्म करने और कालाजार के प्रसार को कम करने के लिए इंडोर रेसीडूअल स्प्रे (आईआरएस) किया जाता है. यह छिड़काव घर के अंदर दीवारों पर छह फीट की ऊंचाई तक होता है. उन्होंने बताया कि यह छिड़काव जमीन सहरुल्लाह में स्प्रे कराया जाना है. मंगलवार को दी गई ट्रेनिंग में मलेरिया निरीक्षक रमेशचंद्र यादव, पाथ के डॉ. दीपक सिंह और अरुण कुमार व आशा कर्यकर्ता मौजूद रहे.

रोकथाम

  • अपने घर को साफ रखें. दीवार एवं आसपास के कोनों की नियमित और पूरी सफाई करें
  • घर में प्रकाश आने की व्यवस्था हो
  • रोगी एवं स्वस्थ व्यक्ति की कड़ी (बालू मक्खी) को नष्ट करने के लिए छिड़काव जमीन से छह फीट की ऊंचाई तक कराएं
  • तीन महीने तक घरों में किसी प्रकार की सफेदी और पुताई न कराएं
  • कमरे के फर्श से दीवार की कुछ ऊंचाई तक पक्की दीवार की चुनाई कराएं
ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.