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गंगा दशहरा पर काशी के घाटों पर उमड़ा जनसैलाब, भक्तों ने लगाई आस्था की डुबकी - Ganga Dussehra 2024

इस बार गंगा दशहरा 16 जून को मनाया जा रहा है.ज्येष्ठ शुक्ल की दशमी तिथी को पहाड़ो से उतरकर मां गंगा हरिद्वार ब्रम्हांकुंड में आई थीं. तभी से इस दिन को गंगा दशहरा के रुप में मनाया जाने लगा. मान्यता है कि गंगावतरण की इस पावन तिथि के दिन गंगाजी में स्नान करना बेहद कल्याणकारी है. गंगा दशहरा पर्व का महत्व स्नान और दान से जुड़ा है.

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गंगा दशहरा (photo credit- Etv Bharat)
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By ETV Bharat Uttar Pradesh Team

Published : Jun 16, 2024, 2:28 PM IST

वाराणसी: धर्मनगरी काशी में आज गंगा दशहरा मौके पर घाट पर आस्था का जनसैलाब उमड़ा हुआ दिखाई दे रहा है. दूर दराज से आए लाखों की संख्या में श्रद्धालु मां गंगा में आस्था की डुबकी लगा रहे हैं.बता दें, कि देर रात से ही श्रद्धालुओं का गंगा तट पर जमावड़ा लगना शुरू हो गया था. सुबह से ही लोग मां गंगा में डूबकी लगाकर दान पुण्य कर आस्था में सराबोर नजर आ रहे हैं.आज इस मौके पर काशी में विभिन्न कार्यक्रमों का भी आयोजन किया जा रहा है.

गंगा घाट पर मौजूद पुजारी ने गंगा दशहरा के बारे में दी जानकारी (video credit- etv bharat)
गंगा दशहरा का त्योहार ज्येष्ठ मास शुक्ल पक्ष की दशमी तिथि पर मनाया जाता है. काशी के पुरोहितों की माने तो इस बार लगभग 23 साल बाद पंच महायोग में गंगा दशहरा का त्यौहार मनाया जा रहा है. आज इस त्योहार पर चित्रा नक्षत्र और शुभ मुहूर्त है.इसके साथ ही सर्वार्थ सिद्धि योग, रवि योग और अमृत सिद्धि योग बन रहा है, जो सालों बाद देखने को मिल रहा है. इसलिए आज के दिन दर्शन पूजन का विशेष महत्व है. यही नहीं इस महायोग में गंगा घाटों पर विशेष आरती का भी आयोजन किया जा रहा है.

इस बारे में घाट पर मौजूद पुजारी बताते हैं कि,गंगा दशहरा का सनातन धर्म में बेहद खास महत्व होता है. कहते हैं, कि इस दिन मां गंगा की आराधना करने से सभी प्रकार के पापों से व्यक्ति मुक्त हो जाता है. इसके साथ ही गंगा स्नान से सभी कष्ट दूर होते हैं. आज के दिन दान पुण्य का भी विशेष महत्व है. यही वजह है कि, पूरे देश से लोग काशी में आकर मां गंगा में स्नान करते हैं. अब तक एक लाख से ज्यादा लोगों ने गंगा में आस्था की डुबकी लगायी है.

काशी में होगी मां गंगा की महाआरती, 22 देव कन्याए भी होंगी शामिल: गंगा दशहरा के मौके पर काशी में विशेष गंगा आरती का आयोजन किया जाएगा.जिसमें दशाश्वमेध घाट पर 33 अर्चक तक महा आरती करेंगे, जिसमें 22 देव कन्याए भी मौजूद रहेंगी. इस दौरान भोजपुरी स्टार मनोज तिवारी मां गंगा पर भजन भी सुनाएंगे. वहीं अस्सी घाट पर 1008 साड़ियों को आपस में जोड़कर मां गंगा को चुनरी चढ़ाई जाएगी और शाम 7 बजे से 7 अर्चकों द्वारा विशेष पूजन का आयोजन किया जाएगा.इसके साथ ही विश्वनाथ धाम में भी शाम 6 बजे से रुद्राभिषेक आयोजित किया जाएगा. इस दौरान मंदिर में मौजूद मां गंगा के विग्रह की पूजा होगी, साथ ही भजन संध्या का भी आयोजन होगा.

इसे भी पढ़े-काशी में तैयार होगा कबीर म्यूजियम, शबद और जीवन दर्शन से लोग होंगे निहाल, प्राकट्य स्थल का होगा विकास - Kashi Kabir Museum

फर्रुखाबाद के पांचाल घाट गंगा तट पर श्रद्धालुओं की उमड़ी भीड़: थाना कादरी गेट क्षेत्र स्थित पांचाल घाट गंगा तट पर रविवार को गंगा दशहरा पर भागीरथी में स्नान के लिए भारी संख्या में भक्त सुबह से उमड़ने लगे.सुबह चार बजे से ही पांचाल घाट गंगा तट पर हर-हर गंगे उद्घोष गूंजने लगा. भक्तों ने मां गंगा के पावन जल में डुबकी लगाकर, पूजन कर आरती की. इसके साथ ही पुरोहितों से सत्यनारायण की कथा, हवन पूजन भी कराया.

हापुड़ में लाखों श्रद्धालुओं ने लगाई गंगा में आस्था की डुबकी: जनपद की तीर्थनगरी गढ़मुक्तेश्वर के बृजघाट, पूठ और खादर के कच्चे घाटों पर गंगा दशहरा पर लाखों श्रद्धालुओं ने आस्था की डुबकी लगाई. इस दौरान श्रद्धालुओं ने परंपरा के अनुसार कपड़े, अनाज और अन्य वस्तुओं का भी दान किया. गंगा घाट पर पहुंचे श्रद्धालुओं ने गंगा में दीपदान कर पूजन किया. आसपास के राज्यों से भी लाखों श्रद्धालु बृजघाट गंगा घाट पर पहुंचे. जिसके कारण पुलिस ने दो दिन पहले ही भारी वाहनों के रूट को डायवर्ट कर दिया था. पुलिस लगातार श्रद्धालुओं को जाम से बचाने के लिए प्रयास करती नजर आई.

सुल्तानपुर में उमड़ा आस्था का जनसैलाब: सुल्तानपुर में गंगा दशहरा के अवसर पर रविवार को बड़ी संख्या में श्रद्धालु धोपाप धाम पहुंचे. आदि गंगा गोमती नदी में स्नान, दान और पूजा-अर्चना कर सभी ने पुण्य अर्जित किया. प्रसिद्ध तीर्थस्थल धोपाप धाम में चप्पे चप्पे पर पुलिस मौजूद रही. पुलिस के जवान सिविल ड्रेस में भी मेले में मुस्तैद रहे. आदि गंगा गोमती में स्नान के बाद श्रद्धालु यहां पर गोदान करते हैं, इसके बाद नदी के तट पर स्थित प्राचीन श्री रामचंद्र के मंदिर में जाकर दर्शन और पूजन करते हैं. एक दिन पहले से ही भक्त यहां पर डेरा जमाए रहते हैं. सुरक्षा व्यवस्था के मद्देनजर पुलिस तैनात है. मेले के लगभग 1 किलोमीटर पहले ही बैरीकेटिंग कर वाहनों को रोक दिया गया है. जगह-जगह स्टॉल लगाकर समाज सेवियों द्वारा आने वाले भक्तों को शरबत पिलाया जा रहा है और प्रसाद वितरण किया जा रहा है.


यह भी पढ़े-काशी विश्वनाथ धाम में अब डिजिटल दर्शन, मंदिर प्रशासन ने लागू की 3D व्यवस्था; एक साथ देख सकेंगे पांचों पहर की आरती - digital darshan in Kashi Vishwanath

वाराणसी: धर्मनगरी काशी में आज गंगा दशहरा मौके पर घाट पर आस्था का जनसैलाब उमड़ा हुआ दिखाई दे रहा है. दूर दराज से आए लाखों की संख्या में श्रद्धालु मां गंगा में आस्था की डुबकी लगा रहे हैं.बता दें, कि देर रात से ही श्रद्धालुओं का गंगा तट पर जमावड़ा लगना शुरू हो गया था. सुबह से ही लोग मां गंगा में डूबकी लगाकर दान पुण्य कर आस्था में सराबोर नजर आ रहे हैं.आज इस मौके पर काशी में विभिन्न कार्यक्रमों का भी आयोजन किया जा रहा है.

गंगा घाट पर मौजूद पुजारी ने गंगा दशहरा के बारे में दी जानकारी (video credit- etv bharat)
गंगा दशहरा का त्योहार ज्येष्ठ मास शुक्ल पक्ष की दशमी तिथि पर मनाया जाता है. काशी के पुरोहितों की माने तो इस बार लगभग 23 साल बाद पंच महायोग में गंगा दशहरा का त्यौहार मनाया जा रहा है. आज इस त्योहार पर चित्रा नक्षत्र और शुभ मुहूर्त है.इसके साथ ही सर्वार्थ सिद्धि योग, रवि योग और अमृत सिद्धि योग बन रहा है, जो सालों बाद देखने को मिल रहा है. इसलिए आज के दिन दर्शन पूजन का विशेष महत्व है. यही नहीं इस महायोग में गंगा घाटों पर विशेष आरती का भी आयोजन किया जा रहा है.

इस बारे में घाट पर मौजूद पुजारी बताते हैं कि,गंगा दशहरा का सनातन धर्म में बेहद खास महत्व होता है. कहते हैं, कि इस दिन मां गंगा की आराधना करने से सभी प्रकार के पापों से व्यक्ति मुक्त हो जाता है. इसके साथ ही गंगा स्नान से सभी कष्ट दूर होते हैं. आज के दिन दान पुण्य का भी विशेष महत्व है. यही वजह है कि, पूरे देश से लोग काशी में आकर मां गंगा में स्नान करते हैं. अब तक एक लाख से ज्यादा लोगों ने गंगा में आस्था की डुबकी लगायी है.

काशी में होगी मां गंगा की महाआरती, 22 देव कन्याए भी होंगी शामिल: गंगा दशहरा के मौके पर काशी में विशेष गंगा आरती का आयोजन किया जाएगा.जिसमें दशाश्वमेध घाट पर 33 अर्चक तक महा आरती करेंगे, जिसमें 22 देव कन्याए भी मौजूद रहेंगी. इस दौरान भोजपुरी स्टार मनोज तिवारी मां गंगा पर भजन भी सुनाएंगे. वहीं अस्सी घाट पर 1008 साड़ियों को आपस में जोड़कर मां गंगा को चुनरी चढ़ाई जाएगी और शाम 7 बजे से 7 अर्चकों द्वारा विशेष पूजन का आयोजन किया जाएगा.इसके साथ ही विश्वनाथ धाम में भी शाम 6 बजे से रुद्राभिषेक आयोजित किया जाएगा. इस दौरान मंदिर में मौजूद मां गंगा के विग्रह की पूजा होगी, साथ ही भजन संध्या का भी आयोजन होगा.

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फर्रुखाबाद के पांचाल घाट गंगा तट पर श्रद्धालुओं की उमड़ी भीड़: थाना कादरी गेट क्षेत्र स्थित पांचाल घाट गंगा तट पर रविवार को गंगा दशहरा पर भागीरथी में स्नान के लिए भारी संख्या में भक्त सुबह से उमड़ने लगे.सुबह चार बजे से ही पांचाल घाट गंगा तट पर हर-हर गंगे उद्घोष गूंजने लगा. भक्तों ने मां गंगा के पावन जल में डुबकी लगाकर, पूजन कर आरती की. इसके साथ ही पुरोहितों से सत्यनारायण की कथा, हवन पूजन भी कराया.

हापुड़ में लाखों श्रद्धालुओं ने लगाई गंगा में आस्था की डुबकी: जनपद की तीर्थनगरी गढ़मुक्तेश्वर के बृजघाट, पूठ और खादर के कच्चे घाटों पर गंगा दशहरा पर लाखों श्रद्धालुओं ने आस्था की डुबकी लगाई. इस दौरान श्रद्धालुओं ने परंपरा के अनुसार कपड़े, अनाज और अन्य वस्तुओं का भी दान किया. गंगा घाट पर पहुंचे श्रद्धालुओं ने गंगा में दीपदान कर पूजन किया. आसपास के राज्यों से भी लाखों श्रद्धालु बृजघाट गंगा घाट पर पहुंचे. जिसके कारण पुलिस ने दो दिन पहले ही भारी वाहनों के रूट को डायवर्ट कर दिया था. पुलिस लगातार श्रद्धालुओं को जाम से बचाने के लिए प्रयास करती नजर आई.

सुल्तानपुर में उमड़ा आस्था का जनसैलाब: सुल्तानपुर में गंगा दशहरा के अवसर पर रविवार को बड़ी संख्या में श्रद्धालु धोपाप धाम पहुंचे. आदि गंगा गोमती नदी में स्नान, दान और पूजा-अर्चना कर सभी ने पुण्य अर्जित किया. प्रसिद्ध तीर्थस्थल धोपाप धाम में चप्पे चप्पे पर पुलिस मौजूद रही. पुलिस के जवान सिविल ड्रेस में भी मेले में मुस्तैद रहे. आदि गंगा गोमती में स्नान के बाद श्रद्धालु यहां पर गोदान करते हैं, इसके बाद नदी के तट पर स्थित प्राचीन श्री रामचंद्र के मंदिर में जाकर दर्शन और पूजन करते हैं. एक दिन पहले से ही भक्त यहां पर डेरा जमाए रहते हैं. सुरक्षा व्यवस्था के मद्देनजर पुलिस तैनात है. मेले के लगभग 1 किलोमीटर पहले ही बैरीकेटिंग कर वाहनों को रोक दिया गया है. जगह-जगह स्टॉल लगाकर समाज सेवियों द्वारा आने वाले भक्तों को शरबत पिलाया जा रहा है और प्रसाद वितरण किया जा रहा है.


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