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उत्तर प्रदेश फार्मास्युटिकल उद्योग नीति 2021 प्रस्तावित, जानिए इसके क्या हैं फायदे

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Published : Oct 29, 2021, 7:29 PM IST

प्रदेश सरकार ने शुक्रवार को उत्तर प्रदेश फार्मास्यिुटिकल उद्योग नीति (द्वितीय संशोधन) 2021 प्रस्तावित की है. इसमें सीएसआईआर अनुसंधान संस्थानों और प्रमुख औषधि अनुसंधान संस्थानों के सहयोग से राज्य अनुसंधान परियोजनाओं को प्रायोजित किए जाने का प्रस्ताव है.

सीएम योगी.
सीएम योगी.

लखनऊ: प्रदेश सरकार ने शुक्रवार को उत्तर प्रदेश फार्मास्यिुटिकल उद्योग नीति (द्वितीय संशोधन) 2021 प्रस्तावित की है. इसके तहत सक्रिय फार्मास्युटिकल सामग्री (एपीआई), मुख्य प्रारंभिक सामग्री (केएसएम), ड्रग इंटरमीडिएट (डीआई) और चिकित्सा युक्तियों को सम्मिलित किया है. इसमें सीएसआईआर अनुसंधान संस्थानों और उत्तर प्रदेश के प्रमुख औषधि अनुसंधान संस्थानों के सहयोग से राज्य अनुसंधान परियोजनाओं को प्रायोजित किए जाने का प्रस्ताव है.

1 करोड़ रुपये तक मिलेगी अधिकतम सब्सिडी
इस नीति में नवाचारों और स्टार्टअप को बढ़ावा-उत्तर प्रदेश स्टार्टअप नीति, 2020 के तहत स्थापित उत्तर प्रदेश स्टार्ट-अप फंड का उपयोग मुख्य प्रारंभिक सामग्री और ड्रग इंटरमीडिएट सहित बल्क ड्रग व एपीआई और चिकित्सा युक्तियों के निर्माण को बढ़ावा मिलेगा. प्रति फार्मा पार्क प्रति वर्ष 1 करोड़ रुपये की अधिकतम सब्सिडी के अधीन 7 वर्षों के लिए भूमि खरीदने के लिए लिए गए ऋण पर वार्षिक ब्याज के 50 प्रतिशत की ब्याज की प्रतिपूर्ति के रूप में ब्याज सब्सिडी मिलेगी. निजी फार्मास्युटिकल पार्कों में सामान्य बुनियादी ढांचे और उपयोगिताओं को विकसित करने के लिए पूंजीगत सब्सिडी निवेश मूल्य का 15 प्रतिशत होगी. यह सब्सिडी सामान्य बुनियादी ढांचे और उपयोगिताओं में जैसे- कोल्ड स्टोरेज, गोदाम, सामान्य परीक्षण सुविधाओं के विकास के लिए प्रदान की जाएगी, जो अधिकतम 25 करोड़ की सीमा के अधीन है. सड़क, पार्क, ड्रेनेज सिस्टम के निवेश पर कैपिटल सब्सिडी नहीं दी जाएगी. पात्र सब्सिडी 7 वर्ष की अवधि में किश्तों में प्रदान की जाएगी और प्रथम किस्त वास्तविक उत्पादन शुरू होने के बाद प्रदान की जाएगी.

फार्मास्युटिकल इकाइयों को प्रोत्साहित किया जाएगा
उत्तर प्रदेश स्टार्टअप नीति के तहत फार्मास्युटिकल इकाइयों को प्रोत्साहित किया जाएगा. इसमें अधिकतम 1 करोड़ रुपये प्रति वर्ष सब्सिडी मिलेगी. इसके तहत संयंत्र और मशीनरी की खरीद के लिए लिया गया ऋण पर प्रतिपूर्ति के रूप में 5 वर्षों के लिए ब्याज राशि का 50 प्रतिशत ब्याज सब्सिडी प्रति यूनिट प्रति वर्ष प्रदान की जाएगी. उद्योग अनुसंधान सब्सिडी में औद्योगिक अनुसंधान, गुणवत्ता सुधार और उत्पादों के विकास के लिए परीक्षण प्रयोगशालाओं और गुणवत्ता प्रमाणन प्रयोगशालाओं की स्थापना के लिए संयंत्र, मशीनरी और उपकरणों की खरीद पर खर्च के लिए लिये गए ऋण पर प्रतिपूर्ति के रूप में 5 वर्षों के लिए प्रति वर्ष ब्याज राशि का 50 प्रतिशत ब्याज सब्सिडी, अधिकतम रुपये 2 करोड़ सीमा तक प्रदान की जाएगी. इस नीति के तहत संयंत्र और मशीनरी के निवेश पर पूंजीगत सब्सिडी प्रदान की जाएगी. सब्सिडी की राशि निवेश मूल्य का 15 प्रतिशत होगी, जो अधिकतम 200 करोड़ रुपये होगी. पात्र सब्सिडी 7 वर्ष की अवधि में किश्तों में प्रदान की जाएगी और प्रथम किस्त वास्तविक उत्पादन शुरू होने के बाद प्रदान की जाएगी.

मेडिकल डिवाइस पार्क के लिए विशेष पैकेज की व्यवस्था
उद्योग नीति के अन्तर्गत बल्क ड्रग पार्क और मेडिकल डिवाइस पार्क के लिए विशेष पैकेज की व्यवस्था की गई है. इसके तहत बल्क ड्रग पार्कों व चिकित्सा युक्ति पार्कों में स्थापित इकाइयों को 10 वर्ष की अवधि के लिए ब्याज अनुदान प्रदान किया जाएगा. साथ ही एयर कार्गाे हैंडलिंग चार्ज और फ्रेट इंसेंटिव कच्चे माल और तैयार माल को देश के अन्दर लाने एवं देश के बाहर ले जाने के लिए राज्य सरकार द्वारा समय-समय पर तय की गई दर पर एयर कार्गाे हैंडलिंग चार्ज और फ्रेट चार्ज के लिए विशेष प्रोत्साहन प्रदान किया जाएगा. अनुसंधान एवं विकास संस्थान को सहायता प्रदान करने के लिए बायोटेक, चिकित्सा युक्तियों और फार्मा क्षेत्र में अनुसंधान और विकास को बढ़ावा दिया जाएगा. इसके तहत स्थापित नए अनुसंधान एवं विकास संस्थानों को भूमि एवं भवन लागत को छोड़कर, स्थापित करने के लिए गए ऋण पर 60 प्रतिशत ब्याज की प्रतिपूर्ति के रूप में पूंजीगत ब्याज सब्सिडी, प्रति परियोजना अधिकतम 2 करोड़ रुपये की सहायता प्रदान की जाएगी. साथ ही क्लिनिकल परीक्षण के लिए पॉलिसी अवधि के दौरान एक वित्तीय वर्ष में उत्तर प्रदेश के भीतर स्थित अनुसंधान एवं विकास संस्थानों को प्रति नैदानिक परीक्षण पर किए गए कुल व्यय का 75 प्रतिशत अधिकतम 2 करोड़ रुपये की प्रतिपूर्ति की जाएगी.

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इसी प्रकार नीति अवधि के दौरान एक वित्तीय वर्ष में उत्तर प्रदेश के भीतर स्थित यूजीसी, सरकार, एआईसीटीई द्वारा अनुमोदित मान्यता प्राप्त अनुसंधान एवं विकास संस्थान को किसी भी औद्योगिक इकाई, उद्योग संघ द्वारा अनुबंधित, प्रायोजित बायोटेक और फार्मास्युटिकल अनुसंधान परियोजनाओं के अनुसंधान कार्य के लिए पात्र परियोजनाओं को लागत का 50 प्रतिशत अर्थात सब्सिडी पर अधिकतम 2 करोड़ रूपये की सीमा तक सहायता प्रदान की जा सकेगी. साथ ही प्रदत्त पेटेण्ट पर, घरेलू पेटेण्ट के लिए पेटेण्ट फाइलिंग लागत का 100 प्रतिशत तक अधिकतम 1.5 लाख रूपये और अन्तर्राष्ट्रीय पेटेण्ट के लिए वास्तविक पेटेण्ट फाइलिंग लागत का 50 प्रतिशत तक अधिकतम 5.0 लाख रूपये तक पेटेण्ट फाइलिंग शुल्क प्रतिपूर्ति की जायेगी. वहीं आयुष और फाइटोमेडिसिन का निर्माण करने वाली इकाइयां पॉलिसी अवधि में प्रदत्त पेटेंट पर वास्तविक पेटेंट फाइलिंग लागत की पूर्ण प्रतिपूर्ति के लिए पात्र होंगी.

एफएसडीए नोडल अधिकारी नामित किया जाएगा
निर्यात के लिए प्रमाणन, अनुमोदन-एपीआई, फार्मूलेशन के निर्यात के लिए यूएसएफडीए, डब्ल्यूएचओ प्री-क्वालिफिकेशन, ईडीक्यूएम, एमएचआरए या किसी अन्य अंतर्राष्ट्रीय प्रमाणपत्र, अनुमोदन के लिए किए गए आवेदन व्यय का 50 प्रतिशत प्रति यूनिट अधिकतम 10 उत्पाद तक 25 लाख रुपये प्रति उत्पाद की प्रतिपूर्ति मिलेगी. यह प्रोत्साहन कम से कम 100 करोड़ रुपये के वाणिज्यिक निर्यात के सत्यापन के बाद दिया जाएगा. उद्यमियों की सहायता के लिए एफएसडीए नोडल अधिकारी नामित किया जाएगा. एफएसडीए टीम द्वारा परियोजना का पूर्व-परामर्श के लिए निवेशक द्वारा प्रस्तुत परियोजना और भवन योजना का डोजियर का अध्ययन करने के लिए निवेशक को लेटर ऑफ कम्फर्ट जारी किया जाएगा. केंद्र सरकार की योजना के तहत स्वीकृत कोई भी बल्क ड्रग पार्क व मेडिकल डिवाइस पार्क उद्योग विकास विभाग द्वारा विकसित किया जाएगा.

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