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लोकसभा चुनाव 2024 के लिए कांग्रेस साध रही जातीय समीकरण, यूपी में इन जातियों का है दबदबा

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Published : Aug 7, 2023, 10:48 PM IST

लोकसभा चुनाव 2024 की सियासी बिसात बिछ चुकी है. कांग्रेस ओबीसी वर्ग की अन्य जातियों को अपने साथ लाने कोशिश कर रही है. यूपी में छोटी जातियां की संख्या कम होने की वजह से अकेले दम पर भले ही सियासी तौर पर खास प्रभाव न दिखा सकें, लेकिन किसी बड़ी संख्या वाली जाति या फिर छोटी-छोटी जातियां मिलकर किसी भी दल का खेल बनाने और बिगाड़ने की कूबत रखती हैं.

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लोकसभा चुनाव 2024 के लिए कांग्रेस की रणनीति. देखें खबर


लखनऊ: जैसे-जैसे लोकसभा चुनाव 2024 नजदीक आते जा रहा है. सभी पार्टियां अपने जातीय समीकरण को चुस्त-दुरुस्त करने में जुटी हुई है. लगभग पिछले तीन दशक से उत्तर प्रदेश में हाशिए पर चल रही कांग्रेस को 2024 के लोकसभा चुनाव में उम्मीद दिखाई दे रही है. पार्टी भाजपा के खिलाफ असंतोष व भारत जोड़ो यात्रा के बाद कांग्रेस के पक्ष में बदले माहौल को देखते हुए अपने वोट बैंक को बढ़ाना शुरू कर दिया है. पार्टी की कोशिश है कि उत्तर प्रदेश में सवर्णों के साथ ही दलित-ओबीसी व मुस्लिम गठजोड़ का ऐसा गठजोड़ तैयार किया जाए फिर से उत्तर प्रदेश में भाजपा को चुनौती दी जा सके.

लोकसभा चुनाव 2024 के लिए कांग्रेस की रणनीति.
लोकसभा चुनाव 2024 के लिए कांग्रेस की रणनीति.

कांग्रेस की कोशिश है कि उत्तर प्रदेश के हर विधानसभा के अनुसार करीब 60 फ़ीसदी वोट बैंक तैयार किया जाए. पार्टी जहां अल्पसंख्यकों कीबोर्ड के मिलने की उम्मीद बढ़ी है तो वहीं उनके साथ दलितों और ओबीसी जातियों को जोड़ने के लिए भी कवायद शुरू कर दी है. जहां पार्टी का अल्पसंख्यक विभाग दलित मुस्लिम गठजोड़ के लिए "जय जवाहर जय भीम" के नाम से एक लाख दलितों के घर पहुंचने का लक्ष्य निर्धारित किया है. वहीं अदर बैकवर्ड कास्ट को जोड़ने के लिए प्रदेश के उन 7 मंडलों पर विशेष अभियान चलाने जा रही है. जहां पर ओबीसी वर्ग निर्णायक भूमिका में है.




उत्तर प्रदेश में ओबीसी जातियों का सबसे अधिक दबदबा पूर्वांचल बहुल लोकसभा सीटों पर है. ऐसे में कांग्रेस यहां पर दलित ओबीसी और मुस्लिम वोट बैंक के आधार पर हर लोकसभा सीट में 60% का जनाधार तैयार करना चाह रही है. पार्टी नेताओं का कहना है कि पार्टी 2017 के सपा कांग्रेस गठबंधन के आधार पर मिले वोट को देखते हुए, यहां पर ओबीसी इसको कांग्रेस पार्टी से जोड़ने की कवायद चल रही है. अगर प्रदेश में 2024 के लोकसभा को लेकर कांग्रेस का समाजवादी पार्टी या बहुजन समाज पार्टी के से गठबंधन होता है तो उनके वोट बैंक अपने वोट बैंक के साथ जोड़ने में कोई दिक्कत ना आए इसके लिए अभी से तैयारी चल रही है.

कांग्रेस के अति पिछड़ा वर्ग के प्रदेश अध्यक्ष मनोज यादव ने बताया कि सात मंडलों में ओबीसी वर्ग को कांग्रेस के साथ जोड़ने के लिए जाति आधारित जनगणना के महत्व को बताने के साथ ही मौजूदा संकट जैसे महंगाई, बेरोजगारी आदि के बारे में भी जागरूक किया जाएगा. इसके अलावा जिस तरह से बिहार राज्य में जातिगत जनगणना शुरू हुआ था उस पर पहले तो रोक लगाई गई, फिर हाईकोर्ट ने इसे कराने की अनुमति दी है. तो जातीय जनगणना के फायदे के बारे में भी ओबीसी वर्ग के लोगों को बताया जाएगा. कॉन्ग्रेस का मौजूदा जनाधार उत्तर प्रदेश में बढ़ाने के लिए पार्टी की ओर से हर उस वर्ग को अपने साथ जोड़ा जा रहा है. जो भाजपा की गलत नीतियों के कारण परेशान है. भाजपा उत्तर प्रदेश में अपने को मजबूत करने के लिए छोटी-छोटी जातियों के वोटों को अपने पाले में लाने के लिए उनके समाज की पार्टियों के साथ गठबंधन किया हुआ है. बीजेपी ने अपना दल (एस) और निषाद पार्टी के अलावा एक बार फिर से ओमप्रकाश राजभर से गठबंधन किया है. ताकि यूपी में ओबीसी समुदाय के बड़े हिस्से को अपने पाले में कर सके. हम ओबीसी समाज के लोगों के बीच में जाकर उन्हें यह बताएंगे कि किस तरह से भाजपा उनके समाज के लोगों के साथ गठबंधन करके उन्हीं का हक मार रही है.



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