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UP Bureaucracy : यूपी सरकार के विश्वस्त अधिकारी केंद्र सरकार में तलाश रहे विकल्प, मुख्यमंत्री नहीं दे रहे हरी झंडी

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By ETV Bharat Uttar Pradesh Team

Published : Oct 3, 2023, 1:29 PM IST

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उत्तर प्रदेश सरकार के कई विश्वस्त अधिकारी केंद्र सरकार के पाले में जाने के विकल्प तलाश रहे हैं. ऐसे अफसरों को मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की तरफ से फिलहाल हरी झंडी नहीं मिल रही है. जानिए क्या है इसके पीछे योगी की रणनीति.

लखनऊ : उत्तर प्रदेश में सरकार के विश्वासपात्र अफसर केंद्र सरकार में बड़े विकल्प तलाश रहे हैं, मगर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ इन अफसरों को हरी झंडी नहीं दे रहे हैं. यूपी के दो आला ऑफिसर केंद्र सरकार में बड़ी भूमिका तलाश रहे हैं. इनमें से दो तो कैबिनेट सेक्रेटरी की पोस्ट पर निगाह जमाए हुए हैं. जबकि कई अन्य भी दिल्ली की राह पर चल रहे हैं. माना जा रहा है कि जो अवसर दिल्ली की रहता है करना चाहते हैं उनको अगर उत्तर प्रदेश से रिलीव कर दिया गया तो निश्चित तौर पर ब्यूरोक्रेसी में बहुत बड़े परिवर्तन देखने को नजर आएंगे. इसीलिए उत्तर प्रदेश सरकार इस मामले में फूंक फूंक कर कदम रख रही है. समय आने पर ही इन अधिकारियों को दिल्ली रवाना किया जाएगा.

यूपी ब्यूरोक्रेसी.
यूपी ब्यूरोक्रेसी.


उत्तर प्रदेश सरकार के उच्च पदस्थ सूत्रों का कहना है कि सरकार के सबसे निकट के एक आला आईएएस अधिकारी मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के सामने दिल्ली में अपने डेपुटेशन के लिए प्रयास कर रहे हैं. इन अधिकारी के बारे में कहा जाता है कि उत्तर प्रदेश में सट्टा की दूरी इन्हीं के आसपास है. इनके अलावा एक अन्य बड़े अफसर जो कि पूरे उत्तर प्रदेश में अफसर को इधर से उधर तैनात करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं. वह भी दिल्ली दरबार की शरण में जाना चाहते हैं. दोनों अधिकारी पहले कुछ साल दिल्ली में सचिव रहने के बाद कैबिनेट सेक्रेटरी बनने की राह पर चलना चाहते हैं. दोनों की गुहार फिलहाल मुख्यमंत्री स्तर पर लंबित है. माना जा रहा है कि इन दोनों बड़े अफसर के दिल्ली जाने के बाद उत्तर प्रदेश में अफसर शाही के परिदृश्य में जबरदस्त बदलाव आ जाएगा.

लखनऊ और आसपास के पांच जिलों को मिलाकर बनेगी स्टेट कैपिटल डेवलपमेंट अथॉरिटी

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने आवास एवं शहरी नियोजन विभाग की समीक्षा में कहा है कि स्टेट कैपिटल रीजन डेवलपमेंट अथॉरिटी (एससीआरडीए) का जल्द से जल्द गठन किया जाए. तीन महीने के अंदर एससीआरडीए की कार्ययोजना बनाई जाएगी. लखनऊ, उन्नाव, हरदोई, रायबरेली, सीतापुर और बाराबंकी को शामिल किया जाएगा. लखनऊ को एससीआरडीए का मुख्यालय बनाएंगे और नागरिकों की सुविधा के लिए बाकी जनपदों में रीजनल ऑफिस खोले जाएंगे.

मुख्यमंत्री के अनुसार झांसी औद्योगिक विकास प्राधिकरण के बाद एससीआरडीए प्रदेश में नियोजित शहरी विकास का मॉडल होगा. अगले सौ साल की आवश्यकताओं को ध्यान में रखते हुए शहरी विकास की योजना बनाए जाएगी. सीएम योगी ने जोर देते हुए कहा की शहरी विकास की जो भी योजनाएं तैयार हों उनका आधार निवेश और रोजगार होना चाहिए. अमृत योजना के अंतर्गत 59 शहरों के लिए तैयार किया जा रहा मास्टर प्लान शासन के अनुमोदन के बाद शीघ्र धरातल पर उतारा जाएगा. मुख्यमंत्री का कहना है कि शामली, बड़ौत, चंदौसी, गोंडा, एवं अमरोहा में पहली बार मास्टर प्लान तैयार किया जा रहा है, इसमें तेजी लाएं. साथ ही लोनी और मोदीनगर को गाजियाबाद में इंट्रीग्रेटेड करते हुए मास्टर प्लान बनाएं. जहां पर मास्टर प्लान का नक्शा पास हो गया है. अगर वहां कोई बिल्डर नियमों का उल्लंघन करता है तो उसके खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाए.

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