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UP ATS ने मौलाना कलीम व अवैध धर्मांतरण के शिकार नितिन का कराया आमना-सामना, जाल में फंसेंगी कई बड़ी मछलियां

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Published : Sep 26, 2021, 9:58 AM IST

अवैध धर्मांतरण गैंग संचालित करने और धर्मांतरण के लिए अवैध विदेशी फंडिंग प्राप्त करने के बारे में पूछताछ जारी है. बता दें कि मौलाना कलीम दस दिनों की पुलिस कस्टडी रिमांड पर हैं. यूपी एटीएस बीते शुक्रवार को उसे जेल से एटीएस मुख्यालय लाई.

UP ATS ने मौलाना कलीम और अवैध धर्मांतरण के शिकार नितिन का कराया आमना-सामना, बड़ों तक पहुंचेगी जांच की आंच
UP ATS ने मौलाना कलीम और अवैध धर्मांतरण के शिकार नितिन का कराया आमना-सामना, बड़ों तक पहुंचेगी जांच की आंच

लखनऊ : उत्तर प्रदेश आतंकवाद निरोधक दस्ते (UP ATS) ने अवैध धर्मांतरण मामले में मौलाना कलीम सिद्दीकी (64) को पुलिस रिमांड पर लेकर पूछताछ जारी रखी है. तीसरे दिन UP ATS ने सिंडीकेट से जुड़े अन्य बड़े घाघों तक पहुंचने का प्रयास किया.

धर्मांतरण के शिकार नितिन पंत को एटीएस लखनऊ लेकर पहुंची. मौलाना कलीम और नितिन का आमना-सामना कराया गया. पूछताछ में कई अहम खुलासे हुए हैं. सूत्रों की मानें तो एटीएस नितिन पंत को गवाह बना सकती है. यूपी एटीएस की अलग-अलग टीमें मेरठ, दिल्ली और मुजफ्फरनगर में मौलाना कलीम के नेटवर्क को तलाश रही है. मौलाना का नेटवर्क भी मोहम्मद उमर गौतम की तरह ही मजबूत होने की संभावना है.

UP ATS ने मौलाना कलीम और अवैध धर्मांतरण के शिकार नितिन का कराया आमना-सामना,
UP ATS ने मौलाना कलीम और अवैध धर्मांतरण के शिकार नितिन का कराया आमना-सामना,

अवैध धर्मांतरण गैंग संचालित करने और धर्मांतरण के लिए अवैध विदेशी फंडिंग प्राप्त करने के बारे में पूछताछ जारी है. बता दें कि मौलाना कलीम दस दिनों की पुलिस कस्टडी रिमांड पर हैं. यूपी एटीएस बीते शुक्रवार को उसे जेल से एटीएस मुख्यालय लाई. शनिवार को लगातार दूसरे दिन एटीएस के अलावा खुफिया एजेंसियों के अधिकारी भी मौलाना कलीम से विदेश से हो रही फंडिंग समेत अन्य कई बिंदुओं पर पूछताछ करते रहे.

यह जानने का प्रयास किया जा रहा है कि मतांतरण के लिए फंडिंग में और किन-किन लोगों व संस्थाओं की भूमिका है. जामिया इमाम वलीउल्ला ट्रस्ट के खाते में अब तक तीन करोड़ रुपये की फंडिंग की बात सामने आ चुकी है. इनमें डेढ़ करोड़ रुपये बहरीन से एक बार में ट्रस्ट के खाते में भेजे गए थे. एटीएस अब ट्रस्ट व उससे जुड़े अन्य लोगों के और खातों के बारे में भी जानकारी जुटाने का प्रयास कर रही है.

एएसपी के नेतृत्व में एटीएस को एक टीम पूर्व से जेल में निरुद्ध उमर गौतम के साथ मौलाना कलीम के रिश्तों की भी गहराई से जांच कर रही है. मौलाना कलीम दिल्ली में काफी सक्रिय था. एक टीम उसे साथ लेकर दिल्ली जा सकती है जहां खासकर मौलाना कलीम के ट्रस्ट जामिया इमाम वलीउल्ला की गतिविधियों व उससे जुड़े अन्य लोगों के बारे में जानकारी मिली है.

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उसके अन्य सहयोगियों और अवैध धन प्राप्त के स्रोतों की जानकारी अन्य माध्यमों से भी जुटाई जा रही है. एडीजी लॉ एंड ऑर्डर प्रशांत कुमार का कहना है कि मौलाना कलीम भी उमर गौतम की तरह फंड जुटाने में माहिर है. इस कारण उसके करीबियों के बैंक खातों की भी जानकारी भी जुटाई जा रही है. अब तक की जांच में कई संदिग्धों के बैंक खाते जांच के दायरे में हैं.

एटीएस मौलाना कलीम को लेकर दिल्ली, मेरठ व मुजफ्फरनगर जाने की भी तैयारी में है. इन तीनों शहरों में उसके जरिए कुछ स्थानों व व्यक्तियों की तस्दीक भी कराई जाएगी. मुख्य आरोपी उमर गौतम की संस्था संस्था अल-हसन एजुकेशन एंड वेलफेयर फाउंडेशन के खातों में भी विदेश से फंडिंग हो रही थी. इन दोनों ही संस्थाओं के आपसी कनेक्शन व लेनदेन को भी देखा जा रहा है. एटीएस ने 21 सितंबर को मौलाना कलीम को मेरठ से गिरफ्तार किया था.

सूत्रों की मानें तो मौलाना कलीम की नजर ऊंची जाति की हिंदू लड़कियों पर थी. इंटरनेट मीडिया पर एक आडियो भी वायरल हुआ है जिसमें मौलाना कलीम हिंदू लड़कियों के मतांतरण को लेकर अपने एक करीबी से बात कर रहा है. आडियो में ऊंची जाति की हिंदू लड़कियों के मतांतरण से लेकर लाकडाउन के कारण धर्मांतरण कम होने की भी बात कही जा रही है. अधिकारियों ने बताया कि वायरल वीडियो को लेकर भी जांच की जा रही है.

ये है पूरा मामला

एटीएस अवैध मतांतरण के मामले में अब तक उमर गौतम व मौलाना कलीम सिद्दीकी समेत कुल 11 आरोपितों को गिरफ्तार कर चुकी है. इनमें गुजरात, दिल्ली, झारखंड व महाराष्ट्र के निवासी आरोपित भी हैं. देश के 24 राज्यों में फैले इस मामले की जांच का दायरा बढ़ता जा रहा है.

एटीएस ने उमर गौतम व मौलाना कलीम सिद्दीकी की चल-अचल संपत्तियों का ब्योरा जुटाने के लिए हेल्पलाइन नंबर 9792103156 जारी किया है. इस नंबर पर दोनों की संपत्तियों के अलावा पूरे प्रकरण से जुड़ी अन्य सूचनाएं साझा की जा सकती हैं. एटीएस अधिकारियों का कहना है कि सूचना देने वाले व्यक्ति की पहचान गोपनीय रखी जाएगी. controlroom.ats-up@gov.in पर भी सूचनाएं साझा की जा सकती हैं.

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